Uttarakhand Accident: बेहतर होती स्वास्थ्य सुविधाएं तो बच सकती थी कई जान, हरक सिंह ने जाना घायलों का हाल
बुधवार को पूर्व काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं रावत बेस अस्पताल में भर्ती घायलों का हाल जानने पहुंचे। डा. रावत ने कहा कि अस्पताल में अब भी कई ऐसे घायल हैं जिनका सिटी स्कैन तक नहीं हो पाया है।
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: पूर्व काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि रिखणीखाल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होती तो बस दुर्घटना में घायल कई मरीजों की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से घायल और मृतकों के स्वजन को दी जाने वाली मुआवजा राशि भी बढ़ाने की मांग की है।
हरक सिंह रावत और अनुकृति ने जाना घायलों का हाल
बुधवार को पूर्व काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं रावत बेस अस्पताल में भर्ती घायलों का हाल जानने पहुंचे। डा. रावत ने कहा कि अस्पताल में अब भी कई ऐसे घायल हैं, जिनका सिटी स्कैन तक नहीं हो पाया है। ऐसे में कैसे घायलों को बेहतर उपचार मिलेगा, यह बड़ा सवाल है। कहा कि भले ही प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लाख दावे कर रही हो। लेकिन, धरातल की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। प्रदेश के अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सक तक उपलब्ध नहीं हैं। प्रदेश के मरीजों को उपचार के लिए अन्य राज्यों में भटकना पड़ रहा है। पहाड़ों में वर्षों से सड़कें बदहाल पड़ी हैं, लेकिन, उनकी मरम्मत की सुध नहीं ली जा रही है।
प्रीतम सिंह ने घायलों से की मुलाकात
कांग्रेस नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बुधवार शाम कोटद्वार पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने प्रदेश सरकार से घायलों को हरसंभव मदद देने के साथ ही मुआवजा राशि को बढ़ाने की भी मांग उठाई। कहा कि सरकार को पहाड़ों में दुर्घटनाएं रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष भी पहुंची अस्पताल, जाना घायलों का हाल
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने बेस अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। साथ ही घायलों के स्वजन को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष श्रीकोट डोभ पहुंचकर अंकिता भंडारी के स्वजन से मिली। इसके बाद वो सीधे बेस अस्पताल पहुंची और घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने बेस अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का निर्देश दिए।