Move to Jagran APP

Amrit Sarovar Yojana: चंदन के जुनून से पहाड़ व जंगल में 3250 चाल-खाल तैयार, करीब 1 लाख 30 हजार लीटर जल संरक्षित

नैनीताल के युवा चंदन का जल संरक्षण को लेकर जुनून देखने लायक है। साल 2016 से चंदन ने चाल-खाल व छोटे पोखर बनाने शुरू किए। अब तक वह लाखों लीटर संरक्षित कर चुके हैं। 2021 में जल शक्ति मंत्रालय ने वाटर हीरो के तौर पर सम्मानित भी किया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 12:15 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 12:15 PM (IST)
Amrit Sarovar Yojana: चंदन के जुनून से पहाड़ व जंगल में 3250 चाल-खाल तैयार, करीब 1 लाख 30 हजार लीटर जल संरक्षित
चंदन ने चाल-खाल और छोटे पोखर बनाए। ताकि जंगल में नमी बरकरार रहे और वन्यजीवों को भटकना न पड़े।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Amrit Sarovar Yojana उत्तराखंड को प्रकृति ने भरपूर पानी की उपलब्धता दी है, लेकिन उचित नियाेजन के कारण यह पानी मैदानी राज्यों के काम तो आता है पर प्रदेश के काम नहीं आ पाता।

loksabha election banner

इसी कारण यहां कहावत कही जाती है पहाड़ का पानी व जवानी प्रदेश के काम नहीं आ पाता। जवानी का अर्थ यहां के युवाओं के पलायन से है। 

चंदन जंगल के बीच बना रहे तालाब

अमृत सरोवर को लेकर सरकारी मशीनरी जुटी हुई है। हर जिले में 75 सरोवर तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन पहाड़ का एक युवक पिछले छह साल से जंगल में अमृत कुंड बनाने को पसीना बहा रहा है।

पहाड़ी क्षेत्र में बड़े-बड़े सरोवर बनना मुश्किल था। इसलिए चंदन ने चाल-खाल और छोटे पोखर बनाए। ताकि जंगल में नमी बरकरार रहे और वन्यजीवों को भटकना न पड़े। 

बढ़ता जा रहा जल संरक्षण का दायरा

अब तक 3250 चाल-खाल, पोखर और खंगती तैयार हो चुकी है। गांव के उत्साही युवकों के साथ इस काम को जमीन पर उतारा गया। एक हजार से 30 हजार लीटर क्षमता तक के चाल-खाल व पोखर बनाए गए है।

दशक से अभियान में जुटे

नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक स्थित नाई गांव निवासी 28 वर्षीय चंदन नयाल को पर्यावरण रक्षक कहा जाता है। पिछले नौ साल में वह 53 हजार पौधे लगा चुका है। जिसमें 30 हजार बांज प्रजाति शामिल है। जल संकट को दूर करने और जंगल में नमी बरकरार रखने में चंदन की अहम भूमिका है। पानी के महत्व को समझते हुए साल 2016 से चंदन ने चाल-खाल व छोटे पोखर बनाने शुरू किए।

ग्राम पंचायत पंतोली व नाई से सटे जंगल में यह काम हुए। ढलान एरिया के नजदीक में चाल-खाल व पोखर को गड्ढे खोदे किए गए। ताकि बरसात का पानी इनमें पहुंचे। इसके बाद जंगल में प्राकृतिक जल स्त्रोत के पास से खंगती यानी छोटी-छोटी नालियों का निर्माण कर पानी इन तक पहुंचाया। 

ग्रामीणों को कर रहे जागरूक

पेशे से काश्तकार चंदन ने गांव व आसपास के युवाओं को इस काम के लिए लगातार जागरूक कर अपने साथ लगाया। जैसे-जैसे लोग जुड़ते गए, काम की रफ्तार भी बढ़ी।

जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने के लिए 2021 में जल शक्ति मंत्रालय ने वाटर हीरो के तौर पर सम्मानित भी किया। 

अमृत सरोवर से भविष्य में फायदा

चंदन नयाल का कहना है कि पीएम द्वारा शुरू की गई अमृत सरोवर योजना भविष्य में लोगों को जल संकट से उबारने में अहम साबित होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी सहयोग के जरिये भी लोगों को अपना योगदान देना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.