बोर्ड एग्जाम: कॉन्फिडेंस के साथ स्मार्ट तैयारी
बोर्ड एग्जाम में अच्छे मार्क्स सिर्फ कड़ी मेहनत से संभव नहीं है। इसके लिए सही प्लानिंग और टाइम मैनेजमेंट की भी जरूरत है, ताकि आखिरी समय में आप अपनी तैयारी को और मजबूत बना सकें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे समय में हर स्टूडेंट पर एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है। दरअसल, बोर्ड एग्जाम में अधिक मार्क्स लाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आइआइएम, आइआइटी, मेडिकल या नामी-गिरामी यूनिवर्सिटीज में प्रवेश आजकल मेरिट के आधार पर ही मिलता है। ऐसे में अगर अच्छे मार्क्स लाना चाहते हैं, तो इन आखिरी दिनों में सही स्ट्रेटेजी बनाकर तैयारी करने की जरूरत है। पेश है विषय विशेषज्ञों के सक्सेस टिप्स, जिन पर अमल कर स्टूडेंट्स अलग-अलग सब्जेक्ट्स की सही से तैयारी और रिवीजन कर सकें। एक रिपोर्ट...
फिजिक्स
-बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को हर चैप्टर को स्ट्रक्चर्ड-वे में टॉपिक वाइज रिवाइज करना चाहिए। चैप्टर्स के फॉर्मूलों को भी याद रखने से फायदा मिलेगा।
-सब्जेक्ट के कुछ महत्वपूर्ण चैप्टर्स जैसे- करंट इलेक्ट्रिसिटी, ऑप्टिक्स, सेमी कंडक्टर डिवाइसेज, कम्युनिकेशन सिस्टम जैसे सेक्शन की तैयारी पर ज्यादा ध्यान दें।
-अगर स्टूडेंट की तैयारी अच्छी नहीं है, तो वे सेमी कंडक्टर डिवाइसेज, कम्युनिकेशन सिस्टम, एटॉमिक न्यूक्लियर जैसे चैप्टर्स को अच्छे से तैयार कर लें। ये टॉपिक्स छोटे हैं और सिर्फ कुछ घंटे की स्टडी करके तैयार किए जा सकते हैं।
-पुराने पेपर सॉल्व करके प्रैक्टिस करें। कोशिश करें कि तीन घंटे में ही इस पेपर को सॉल्व करें। इससे स्टूडेंट को हर साल के क्वैश्चन पैटर्न का भी अंदाजा हो जाएगा। लिखने की आदत भी बन जाएगी।
आलोक कुमार, एचओडी फिजिक्स, डीपीएस, नोएडा
केमेस्ट्री
-स्टूडेंट्स एग्जाम से पहले एनसीआरटीई की किताबें अच्छी तरह से जरूर पढ़ लें। बीते 3-4 साल के मॉडल पेपर की भी प्रैक्टिस करें। इसे तीन घंटे में लिखकर सॉल्व करने की कोशिश करें।
-ऑर्गेनिक केमेस्ट्री थोड़ी टफ है, इसलिए इसके नेम रिएक्शन, डिस्टिंग्यूसिंग और डायग्राम जैसे सेक्शन की तैयारी में खास ध्यान दें। वेटेज के अनुसार चैप्टर्स को पढ़ें। जो चैप्टर्स अच्छे लगते हैं, उसे ठीक से रिवाइज भी करें।
-जिनकी स्टडी ठीक से नहीं हो पाई है, ऐसे स्टूडेंट सीबीएसई का वर्ष 2016 का मॉडल क्वैश्चन पेपर सॉल्व कर सकते हैं। क्वैश्चन पैटर्न को समझकर वन मार्कर और थ्री मार्कर के क्वैश्चंस को तैयार करने पर ज्यादा ध्यान दें।
रेणू सिंह, प्रिंसिपल, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा
मैथ्स
-एग्जाम में जो स्टूडेंट 100 पर्सेंट स्कोरिंग के लिए तैयारी कर रहे हैं, वे एनसीआरटीई की किताब अच्छी तरह से पढ़ लें। एग्जामप्लर्स के नए क्वैश्चंस को तैयार करने के लिए समय दें। टीचर्स की भी मदद लें।
-एवरेज स्टूडेंट सब्जेक्ट के मेट्रेसेज ऐंड डिटरमिनेंट्स, डिफ्रेंसिएशन, एप्लीकेशन ऑफ डेरीवेटिब्स, मैक्सिमम-मिनिमम, रेट ऑफ चेंज, इंटीग्रेशन, डिफ्रेंशियल इक्वेशन, लीनिया प्रोग्रामिंग, प्रोबेबिलिटी तथा थ्रीडी ज्योमेट्री जैसे चैप्टर्स को ठीक से तैयार कर लें, क्योंकि एग्जाम में अधिकांश क्वैश्चंस इन्हीं चैप्टर्स से आते हैं।
-अगर स्टूडेंट की स्टडी ठीक से नहीं हुई है, तो देखें कि उन्हें कितना आता है। खुद पर ज्यादा चैप्टर्स का बोझ न डालें। लीनिया प्रोग्रामिंग, प्रोबेबिलिटी जैसे सिर्फ कुछ आसान चैप्टर्स की तैयारी कर लें। ऐसे स्टूडेंट बीते 10 वर्षों का पेपर एक बार जरूर सॉल्व कर लें।
-एग्जाम में शुरू के 15 मिनट क्वैश्चंस को पूरा पढ़ें। सिर्फ च्वाइस वाले क्वैश्चंस देखें और उसे सॉल्व करने की स्ट्रेटेजी बनाएं। पेपर में जो क्वैश्चंस अच्छे से आते हों, उसे सेक्शन वाइज पहले ट्राई करें। कोई भी क्वैश्चन अटेम्प्ट करने से पहले उसे एक बार ठीक से जरूर पढ़ें और समझें कि क्या पूछा जा रहा है।
-पुराने पेपर्स को 3 घंटे में सॉल्व करने की प्रैक्टिस स्टूडेंट जरूर करें। इससे एग्जाम में टाइम मैनेजमेंट अच्छे से कर सकेंगे।
पूनम कालरा, सरला चोपड़ा डीएबी पब्लिक स्कूल, नोएडा
बायोलॉजी
-स्टूडेंट्स को सबसे पहले आंसर शॉर्टलिस्ट कर लेना चाहिए। यूनिट वाइज पढ़ाई करें। पेपर की भी प्रैक्टिस करें। स्टडी की प्वाइंट्स बनाकर रखें, ताकि एग्जाम के दौरान मिले गैप को रिवाइज करने में अच्छे से यूज कर सकें।
-स्टूडेंट बॉयो में डायाग्राम की प्रैक्टिस जरूर करें। लेवलिंग बेस क्वैश्चंस की भी अच्छे से तैयारी कर लें। इसके अलावा जेनेटिक्स ऐंड इवोल्यूशन, बायोटेक्नोलॉजी तथा ह्यूमन वेलफेयर के डीएनए व जीन ट्रांसफर जैसे चैप्टर्स की तैयारी फोकस होकर करें।
- स्टूडेंट्स बीते 7-8 वर्षों के पुराने क्वैश्चन पेपर देख लें, क्योंकि कई क्वैश्चंस इन पेपर्स से दोबारा पूछ लिए जाते हैं।
-एग्जाम में क्वैश्चंस के आंसर की हेडिंग भी लिखें। आंसर में सिर्फ मुख्य बातें ही लिखें। ज्यादा बातें लिखने से कोई फायदा नहीं है।
मुकेश शर्मा, पीजीटी बायोलॉजी, नीलगिरी हिल्स पब्लिक स्कूल, नोएडा
इंग्लिश
-एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट इस समय अपनी राइटिंग पर ज्यादा ध्यान दें। सिर्फ रीडिंग करने के बजाय लिखकर प्रैक्टिस भी करें।
- एग्जाम के दौरान अब लिटरेचर की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान न दें। छोटे-छोटे ब्रेकटाइम के दौरान इसकी सिर्फ लाइट रीडिंग करते रहें। स्टूडेंट ज्यादा फोकस रिवीजन पर दें।
-बोर्ड में अधिकतम अंक पाने के लिए लैंग्वेज के कॉम्प्रिहेंशन पार्ट को अच्छी तरह तैयारी कर लें।
-एग्जाम हॉल में अधिकतम अंक वाले क्वैश्चंस को स्टूडेंट जरूर हल करने की कोशिश करें। अगर कोई प्रश्न नहीं आ रहा है, फिर भी उसे अधूरा नहीं छोड़ें। क्वैश्चन से मिलता-जुलता कोई भी आंसर लिखें।
सुप्रीति चौहान, वाइस प्रिंसिपल, प्रिसीडियम स्कूल, इंदिरापुरम, गाजियाबाद
बिजनेस स्टडी/कॉमर्स
-बिजनेस स्टडी का पेपर पैटर्न अब चेंज हो चुका है। इसमें केस स्टडी का हिस्सा अब ज्यादा है। सिर्फ रटने से काम नहीं चलेगा। स्टूडेंट का कॉन्सेप्ट क्लियर होना जरूरी है। इसलिए थ्योरी और केस स्टडी दोनों की तैयारी स्टूडेंट ठीक से करें।
-स्टूडेंट एनसीआरटीई की किताबों की रीडिंग एग्जाम से पहले एक बार जरूर कर लें। सिर्फ स्पेशल बुक के सहारे ही न रहें।
-सब्जेक्ट की प्लानिंग, ऑर्गेनाइजिंग, स्टाफिंग, मार्केटिंग मैनेजमेंट और बिजनेस फाइनेंस जैसे चैप्टर्स ज्यादा वेटेज के हैं। इसलिए स्टूडेंट इसकी रीडिंग और रिवीजन पर खास ध्यान दें।
-पुराने साल के पेपर्स देखें। सीबीएसई का वर्ष 2016 का प्रैक्टिस पेपर भी एक बार जरूर सॉल्व करें। साथ में घर पर रोजाना तीन-तीन घंटे की एग्जाम प्रैक्टिस करें।
-स्टूडेंट चाहें तो इस समय सिर्फ वन मार्कर, 6 मार्कर तथा लर्निंग पार्ट पर अपना ज्यादा फोकस कर सकते हैं।
मोनिका तिवारी, एसआर डीएवी पब्लिक स्कूल, दयानंद विहार, दिल्ली
इतिहास
-बच्चे जो पहले पढ़ चुके हैं, उन्हीं चैप्टर्स को रिवाइज करने पर इस समय ज्यादा ध्यान दें। कोई नया टॉपिक पढ़ने में समय न लगाएं।
-टॉपिक वाइज पढ़ें। सब्जेक्ट के जो भी चैप्टर पढ़ने बैठें, उसके लांग क्वैश्चन को अच्छी तरह से समझकर तैयार करें। साथ में शॉर्ट, वेरी शॉर्ट क्वैश्चन और डेट्स को भी याद करते रहें।
-सब्जेक्ट के ज्यादा मार्क्स वाले चैप्टर जैसे-सिंधु सभ्यता, आर्यन सभ्यता, मौर्यकाल, गुप्तकाल, सल्तनतकाल तथा मुगलकाल में अकबर से औरंगजेब तक के शासनकाल के लांग क्वैश्चंस को स्टूडेंट जरूर तैयार कर लें। इससे कई शॉर्ट क्वैश्चंस भी तैयार हो जाएंगे।
-एग्जाम में तीन घंटे का टाइम मैनेजमेंट अच्छे से करें। प्रत्येक क्वैश्चन का समय तय करके आंसर लिखें। किसी एक प्रश्न का उत्तर बहुत लंबा लिखने से कोई फायदा नहीं है। इसलिए मार्क्स के हिसाब से प्रश्नों के जवाब दें। जिस प्रश्न का जवाब अच्छे से आ रहा है, उसे पहले करने की कोशिश करें।
-स्टूडेंट्स को डरने की जरूरत नहीं है। खुद पर विश्वास करें। अब तक जो पढ़ा है, उसे ही दोहराने पर जोर दें।
झरना दूबे, राजकीय इंटर कॉलेज, नोएडा
कुछ खास टिप्स
-बचे हुए समय में जो भी अब तक पढ़ा है, उसी को रिवाइज करके मजबूत करें। अपना रूटीन ठीक रखें।
-मार्जिनल बच्चे स्कूल में बताए गए कुछ खास कोर्स को ही अच्छे से तैयार कर लें। बिना घबराए पढ़ाई करें।
-एग्जाम में मिले गैप्स के दौरान बच्चे कोई भी दिक्कत आने पर अपने टीचर से मदद लेने की कोशिश करें।
-एग्जाम में प्रश्नों का उत्तर देने से पहले उसे ढंग से पढ़ें। समझें कि क्वैश्चंस में क्या पूछा जा रहा है। कोशिश करें कि सभी प्रश्नों को अटेंड करें। ऐसे में कुछ न कुछ मार्क्स आपको जरूर मिल जाएंगे।
-अभिभावक इस समय बच्चों पर दबाव बनाने के बजाय सहानुभूति से पेश आएं। बच्चों का सपोर्ट और मार्गदर्शन करें।
धीर सिंह, प्रिंसिपल, केंद्रीय विद्यालय, गोल मार्केट, दिल्ली
एग्जाम के दिन बरतें सावधानी
-एग्जाम से एक दिन पहले कुछ न करें। रात में ज्यादा देर तक जागें नहीं। वरना सुबह थकावट महसूस होगी और पूरी क्षमता से एग्जाम नहीं दे पाएंगे। इसलिए रात में 7 से 8 घंटे की रेस्ट लें।
-बॉडी फिट रखें। थोड़ा फिजिकल एक्सरसाइज करें। एग्जाम के दौरान खाने-पीने पर ज्यादा ध्यान दें। खूब पानी पीएं ताकि माइंड फ्रेश रहे।
-एग्जाम हॉल में शुरू के 15 मिनट के दौरान प्रश्नों को गंभीरता से पढ़ें। जो प्रश्न अच्छे से आते हों, उन्हें पहले अटेम्प्ट करें। इससे कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा। कोशिश करें कि क्वैश्चंस को एक आर्डर में अटेम्प्ट करें। शुरू में ट्रिकी क्वैश्चंस करने में बिल्कुल न उलझें।
-एग्जाम के दौरान स्टूडेंट तय रूटीन के अनुसार पढ़ें यानी सुबह और दोपहर में ज्यादा पढ़ाई करें। रात में ज्यादा देर तक पढ़ने पर अगले दिन आलस हो सकती है।
-एग्जाम से दो-तीन घंटे पहले किसी से कोई डिस्कशन न करें। कॉन्फिडेंस बनाएं रखें।
-एग्जाम के पहले दिन स्टूडेंट आधे घंटे पहले सेंटर पर पहुंचे। एग्जाम के दौरान अगर स्टूडेंट को घबराहट हो, तो दो मिनट के लिए चुपचाप बैठकर गहरी सांस लें और फिर पानी पीकर लिखना शुरू करें।
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