मानसिक संतुलन और तन- मन भी पूरी तरह से फिट रखता योग- पढ़ें कैसे
जीवन में योग की उपयोगिता को देखते हुए सीबीएसई और राज्य शिक्षा बोर्डों ने अपने स्कूलों में योग-शिक्षा को अनिवार्य कर दिया है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, करीब 89 फीसदी भारतीय आज की बदलती जीवनशैली के कारण तनाव के शिकार हैं। इससे बचने के लिए उन्हें होलिस्टिक उपचार की जरूरत है। इसमें योग बेहद कारगर है। दरअसल, योग से न सिर्फ आपका मानसिक संतुलन ठीक रहता है, बल्कि आपका तन- मन भी पूरी तरह फिट रहता है। यही कारण है कि विश्वभर ने इसकी सार्थकता को स्वीकार किया है। केंद्र सरकार द्वारा योग को प्रोत्साहन दिए जाने के कारण बीते कुछ सालों से यह एक बेहतरीन करियर ऑप्शन के रूप में भी उभरा है। प्रत्येक स्कूल-कॉलेज में योग की शिक्षा शुरू किए जाने पर विचार हो रहा है। स्कूलों में योग शिक्षकों की नियुक्ति को अनिवार्य किया जा रहा है। देश में योग और वेलनेस मार्केट 85,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। इसी बढ़ती मांग को देखते हुए आज कई विश्वविद्यालयों द्वारा भी योग में विधिवत कोर्स संचालित किया जा रहा है।
जॉब्स के मौके:
योग की लगातार बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा महानगरों से लेकर हर छोटे-बड़े शहर में चल रहे पर्सनल योग कोचिंग क्लासेज, योग स्टूडियो, योग केंद्र आदि को देखकर आसानी से लगा सकते हैं। लोग आजकल स्वस्थ रहने के लिए इस वैकल्पिक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को सबसे अधिक अपना रहे हैं। इससे उन युवाओं के लिए इस फील्ड में आकर्षक करियर की राह खुल गई है, जो योग में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं। योग का समुचित प्रशिक्षण लेने के बाद आज सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में तमाम तरह के करियर विकल्प हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में भी नौकरी के विकल्प खुल रहे हैं। योग में डिग्री, डिप्लोमा जैसे कोर्स करके आज आप कहीं भी किसी संस्थान, स्कूल या हॉस्पिटल में योग थेरेपिस्ट, योग इंस्ट्रक्टर, योग टीचर, रिसर्च ऑफिसर-योग एवं नेचुरोपैथी, योग एरोबिक इंस्ट्रक्टर या फिर ट्रेनर के रूप में जॉब पा सकते हैं। बड़ी-बड़ी कॉलोनियों और सोसाइटीज के हेल्थ क्लबों में भी इन प्रोफेशनल्स की काफी मांग है। इसके अलावा, कॉरपोरेट क्लासेज लगाकर और प्राइवेट टीचिंग करके भी हर महीने अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। अगर कहीं नौकरी नहीं करना चाहते हैं, तो स्वयं का योग ट्रेनिंग सेंटर या स्टूडियो खोलकर वहां लोगों को योग सिखाने का काम शुरू कर सकते हैं। यदि अंग्रेजी भाषा या अन्य विदेशी भाषाओं पर पकड़ है, तो आप योग की ट्रेनिंग लेकर विदेश में भी काम कर सकते हैं। पश्चिमी देशों में योग एक्सपर्ट की मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है। विदेश में भारत से अच्छे एक्सपर्टस को योग पर व्याख्यान और प्रशिक्षण के लिए भी बुलाया जाता है।
बढ़ती संभावनाएं:
स्कूलों में योग का प्रशिक्षण दिए जाने, विश्वविद्यालयों में योग के विभाग खोले जाने पर आजकल विशेष बल दिया जा रहा है। सीबीएसई के स्कूलों में योग की पढ़ाई शुरू किए जाने से पूर्व उत्तर प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के स्कूलों में काफी पहले से योग के विषय को अनिवार्य किया जा चुका है, जहां स्टूडेंट्स को न सिर्फ योग की पढ़ाई करनी होती है, बल्कि उसमें परीक्षा भी ली जाती है। माना जा रहा है कि योगको प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की पहल के कारण आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में बहुत सारी सरकारीनौकरियां सामने आएंगी। इसी तरह भारत सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य के प्रति अनुसंधान और सेहत के मामलों को समर्पित आयुष विभाग का गठन किया है, जो प्राचीन उपचार शैलियों को प्रोत्साहित करता है। ऐसे में आयुष मंत्रालय के तहत योग को बढ़ावा देने वाले तमाम कार्यक्रमों में जॉब की बेहतर संभावनाएं हैं।
कोर्स एवं योग्यता:
योग में करियर बनाने के लिए आजकल कई तरह के कोर्स संचालित हो रहे हैं। प्रमुख संस्थानों की बात करें, तो सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा ऐंड नेचुरोपैथी में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स ऑफर किया जा रहा है। इसके अलावा, पतंजलि योग ऐंड रिसर्च सेंटर, मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग तथा गवर्नमेंट कॉलेज ऑफयोग एजुकेशन ऐंड हेल्थ की तरफ से भी इस तरह के कोर्स कराए जा रहे हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स:
योग में प्रशिक्षण लेने के लिए यह सबसे कम अवधि का शॉर्ट टर्म कोर्स है। आमतौर पर यह एक माह से लेकर एक साल तक की अवधि का कोर्स होता है। किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से 12वीं के बाद यह कोर्स किया जा सकता है। इग्नू ने भी योग में एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है, जो इसी जुलाई सत्र से शुरू होगा। इसी तरह कुछ संस्थानों में पीजी डिप्लोमा इन योग ऐंड नेचुरोपैथी, पीजी डिप्लोमा इन योग थेरेपी तथा डिप्लोमा इन योगा एजुकेशन नाम से भी ये कोर्स संचालित हो रहे हैं।
डिग्री कोर्स:
देश के कई विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में आजकल योग की विभिन्न विधाओं में विधिवत डिग्री कोर्स भी कराए जा रहे हैं, जैसे कि योगिक साइंसेज ऐंड योग फिलासफी, बीएससी इन योग थेरेपी इत्यादि। यह तीन साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है, जिसे किसी भी स्ट्रीम से 12वीं के बाद कर सकते हैं।
जरूरी स्किल्स:
अगर आप योग इंस्ट्रक्टर या योग शिक्षक के रूप में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने विषय पर पूरी कमांड तो होनी ही चाहिए यानी आपने अच्छी तरह प्रशिक्षण लिया हो। क्योंकि योग का अधकचरा ज्ञान खतरनाक भी हो सकता है। इसके अलावा, आपकी कम्युनिकेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए ताकि आप समूह में लोगों के साथ संवाद स्थापित कर सकें।
आकर्षक कमाई:
योग के क्षेत्र में एक अच्छे प्रशिक्षक को शुरू में किसी ट्रेनिंग सेंटर पर 20 से 25 हजार रुपये तक की सैलरी आसानी से मिल जाती है। स्कूलों में ये 30 हजार रुपये तक सैलरी पाते हैं। कॉरपोरेट क्लासेज लगाकर और प्राइवेट ट्रेनिंग देकर ऐसे प्रोफेशनल आजकल महीने में एक लाख रुपये तक कमा रहे हैं। विदेश में योग प्रशिक्षक लाखों कमा रहे हैं।
सीबीएसई स्कूलों में योग
टीचर बनने का मौका सीबीएसई बोर्ड द्वारा सीनियर सेकंडरी तक के अपने स्कूलों में योग की पढ़ाई अनिवार्य किए जाने के बाद इससे संबद्ध स्कूलों में बड़ी संख्या में योग शिक्षकों की जरूरत होगी। अभी इस समय देशभर में सीबीएसई के सेकंडरी एवं सीनियर सेकंडरी स्तर के करीब 21442 स्कूल्स हैं, जहां आप भी योग में समुचित प्रशिक्षण लेकर योग शिक्षक बन सकते हैं। लेकिन इसके लिए योग कोर्स करना जरूरी है। यह कोर्स मानव संसाधन विकास मंत्रालय, आयुष विभाग और भारतीय गुणवत्ता परिषद मिलकर कराएंगे। इसके अलावा, अन्य मान्यताप्राप्त संस्थानों से योग में डिग्री और डिप्लोमाधारी योग शिक्षकों की भी मांग इन स्कूलों में तेजी से बढ़ने की संभावना है।
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