University Final Year Exams 2020: अंतिम वर्ष की परीक्षाओं की अनिवार्यता को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूजीसी और केंद्र से मांगा जवाब
University Final Year Exams 2020 यूजीसी और केंद्र सरकार को दो हफ्ते के भीतर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के निर्देश उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। University Final Year Exams 2020: कोविड-19 महामारी की लगातार अनियंत्रित होती जा रही स्थिति के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि कि यूजीसी ने देश भर के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थाओं में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं समेत सभी यूजी पीजी परीक्षाओं के लिए दिशा-निर्देश हाल ही में 6 जुलाई 2020 को जारी किये थे। यूनिवर्सिटी परीक्षाओं को लेकर यूजीसी गाइडलाइंस में अंतिम वर्ष या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य बताया गया है। साथ ही, देश भर के विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को सितंबर के अंत कराने के निर्देश यूजीसी द्वारा दिये गये हैं। अंतिम वर्ष की परीक्षाओं की अनिवार्यता को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान कल 15 जुलाई 2020 को उच्च न्यायालय ने यूजीसी और केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूजीसी और केंद्र सरकार को दो हफ्ते के भीतर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त 2020 को किये जाने की तारीख निर्धारित की है।
विश्वविद्यालय परीक्षाओं पर यूजीसी गाइडलाइंस को चुनौती देने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय के एक छात्र द्वारा दायर याचिका में विश्वविद्यालयों को सितंबर अंत तक ऑनलाइन या ऑफलाइन या दोनो माध्यमों द्वारा संयुक्त रूप से परीक्षाएं आयोजित करने के निर्देश को चुनौती दी गयी है। इस मामले में यूजीसी का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता रख रहे थे। वहीं, डीयू छात्र का पक्ष अधिवक्ता मानिक डोगरा रख रहे थे, जिन्होंने अपनी याचिका के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय परीक्षाओं के दौरान आवश्यक ‘स्टैडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर’ को भी चुनौती दी है।
याचिका में कहा गया है कि वैश्विक महामारी के बीच यूजीसी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय शैक्षणिक मूल्यांकन को अनावश्यक रूप से महत्व (वेटेज) दिया है और हजारों छात्रों के जीवन के महत्व को पूरी तरह से नकार दिया है। याचिका के माध्यम से अंतिम वर्ष या सेमेस्टर के छात्रों को पिछले वर्ष या सेमेस्टर परीक्षाओं के औसत के आधार पर अंक देते हुए प्रोन्नत करने की सम्बन्धित प्राधिकरणों को उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिये जाने की भी अपील की गयी है।