UGC Notice for MPhiI and PhD students: एमफिल और पीएचडी स्टूडेंट्स के शोध प्रबंध जमा करने की समय सीमा विस्तारित, पढ़ें डिटेल
UGC Notice for MPhiI and PhD students अपने आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम नोटिस जारी कर यूजीसी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले कई महीनों से विश्वविद्यालय बंद हैं। इसलिए स्टूडेंट्स प्रयोगशाला में अपने अनुसंधान / प्रयोगों का संचालन करने में सक्षम नहीं हैं।
UGC Notice for MPhiI and PhD students: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने रिसर्च स्कॉलर्स को MPhiI और PhD थिसिस (शोध प्रबंध) जमा करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय दिया है। एमफिल और पीएचडी के स्टूडेंट्स द्वारा अपने शोध प्रबंध को जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2021 तक बढ़ा दी गई है। इस संबंध में यूजीसी की ऑफिशियल वेबसाइट, ugc.ac.in पर एक नोटिस जारी किया गया है।
इससे पहले, अप्रैल माह में, यूजीसी ने कोविड-19 महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा और एकेडमिक कैलेंडर पर दिशानिर्देश जारी किया था। एमफिल और पीएचडी के स्टूडेंट्स को, जिन्हें 30 जून 2020 तक अपने शोध प्रबंध प्रस्तुत करने थे, उन्हें छह माह का एक्सटेंशन दिया गया था। अब अपने आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम नोटिस जारी कर यूजीसी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण, पिछले कई महीनों से विश्वविद्यालय बंद हैं। इसलिए, स्टूडेंट्स प्रयोगशाला में अपने अनुसंधान / प्रयोगों का संचालन करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, स्टूडेंट्स पुस्तकालय सेवाओं का भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
नोटिस में आगे कहा गया है कि इन सभी विषयों को देखते हुए और रिसर्च स्कॉलर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए, टर्मिनल एमफिल / पीएचडी स्टूडेंट्स को, जिन्हें 31 दिसंबर 2020 तक अपनी थीसिस जमा करनी थी, उनके लिए छह महीने (30 जून 2021 तक) का एक और विस्तार, विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान किया जा सकता है। यूजीसी ने यह भी कहा है कि एमफिल या पीएचडी की फेलोशिप का कार्यकाल पांच साल तक रहेगा। इसमें भी दो कॉन्फेरेंस में एविडेंस ऑफ पब्लिकेशन और प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने के लिए छह महीने का विस्तार दिया गया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' की अध्यक्षता में 26 नवंबर, 2020 को एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक भी हुई थी। जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने यूजीसी को सभी छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने, फेलोशिप समय पर वितरित करने और इसके लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया था। शिक्षा मंत्री ने यूजीसी को सभी स्टूडेंट्स के विभिन्न शिकायतों का तत्काल निवारण करने का भी निर्देश दिया था।