UGC Guidelines 2021: पराक्रम दिवस के लिए यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिये ये निर्देश, कोविड-19 के लिए एसओपी जरूरी
UGC Guidelines 2021 आयोग द्वारा बुधवार 20 जनवरी 2021 को जारी नोटिस के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थान ऑनलाइन व्याख्यान वेबीनार लघु फिल्म/वृत्तचित्र नुक्कड़ नाटक स्किट चित्रकला /वर्चुअल पोस्टर प्रतियोगिताएं खेल कार्यकलाप (साइक्लथॉन / योगाथॉन) आदि आयोजन नेताजी के जीवन और शिक्षाओं पर आयोजित कर सकते हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UGC Guidelines 2021: महान भारतीय राष्ट्रवादी और देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोष के 125वीं जन्म-दिवस 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाये जाने के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों को इस अवसर पर कोविड-19 को देखते हुए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए विभिन्न कार्यकलापों का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं। आयोग द्वारा बुधवार, 20 जनवरी 2021 को जारी नोटिस के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थान ऑनलाइन व्याख्यान, वेबीनार, लघु फिल्म/वृत्तचित्र, नुक्कड़ नाटक स्किट, चित्रकला /वर्चुअल पोस्टर प्रतियोगिताएं खेल कार्यकलाप (साइक्लथॉन / योगाथॉन) आदि आयोजन नेताजी के जीवन और शिक्षाओं पर आयोजित कर सकते हैं।
इसके साथ ही, यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वे उत्साह और जोश के साथ इन कार्यकलापों में भाग लें। यूजीसी ने संस्थानों से इन कार्यकलापों का विवरण आयोग के विश्वविद्यालय कार्यकलाप निगरानी पोर्टल (यूएमएपी) ugc.ac.in/uamp पर साझा करने की अपील भी की है।
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नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और स्मरण करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालयों को जारी निर्देशों के साथ-साथ बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोष के अद्वितीय योगदान को स्मरणीय बनाने के लिए भारत सरकार ने 23 जनवरी 2021 से शुरू करते हुए 125वें जयंती वर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की घोषणा की है। साथ ही, सरकार द्वारा हर वर्ष 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाये जाने की भी घोषणा की है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य है कि नेताजी के जीवन से विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए धैर्य के साथ काम करने की प्रेरणा युवाओं को मिल सके और उनके मन में देशभक्ति एवं जोश का भावना समाहित की जा सके।