यूजीसी ने दिए निर्देश, छात्रों पर फीस जमा करने का दबाव न बनाए विश्वविद्यालय और कॉलेज
यूजीसी ने यह निर्देश छात्रों और अभिभावकों की ओर से मिल रही शिकायतों के बाद उठाया है। जिसमें विवि और कालेजों की ओर से छात्रों और अभिभावकों को फीस जमा करने जैसे दबाव बनाए जा रहे था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच फीस जमा करने जैसे दबावों को झेल रहे छात्रों और अभिभावकों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बड़ी राहत दी है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा है कि वह मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी छात्र या अभिभावक पर फीस जमा करने का दबाव न बनाए। बल्कि उन्हें ऐसा कोई विकल्प दें, जिसमें वह स्थितियों के सामान्य होने पर फीस जमा करा सके। फिलहाल तब तक उन्हें परीक्षाओं में शामिल होने से भी न रोका जाए।
यूजीसी ने यह निर्देश छात्रों और अभिभावकों की ओर से मिल रही शिकायतों के बाद उठाया है। जिसमें विवि और कालेजों की ओर से छात्रों और अभिभावकों को लगातार फीस जमा करने जैसे दबाव बनाए जा रहे थे। साथ ही इन्हें जमा न करने पर परीक्षा में न बैठने देने जैसी धमकी भी दी जा रही थी। कोरोना संकट में छात्रों और अभिभावकों की मदद के लिए यूजीसी की ओर से बनाए गए इस प्रकोष्ठ ने बड़ी संख्या में आ रही इस तरह की शिकायतों के बाद आयोग को आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और कालेजों के प्राचार्यो को पत्र लिखकर इस मामले को बेहद गंभीर परिस्थितियों में रखते हुए इसको संवेदनशील तरीके से हल करने को कहा है।
साथ ही कहा है कि वह छात्रों पर ऐसे समय में कोई भी ट्यूशन फीस, एक्जाम फीस, सेमेस्टर या एनुअल फीस आदि को जमा कराने को लेकर कोई दबाव न बनाए। इसके बाद भी यदि यह जरूरी है, तो विश्वविद्यालय या कालेज व्यक्तिगत स्तर पर अनुरोध कर सकते है। वैसे तो इसे स्थितियों के सामान्य होने तक टालना ही ठीक होगा।
एक जुलाई से होनी हैं परीक्षाएं
विश्वविद्यालय और कालेजों की ओर से फीस की यह मांग उस समय की जा रही है, जब एक जुलाई से परीक्षाएं होनी है। वैसे भी विश्वविद्यालय के मौजूदा नियमों के तहत पूरी फीस जमा किए गए बगैर छात्रों को प्रवेश पत्र जारी नहीं किए जाते है। ऐसे में विवि और कालेजों की ओर से दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि इन सारी स्थितियों को देखते हुए यूजीसी ने सभी राज्यों और केंद्रीय शासित क्षेत्रों के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव को भी पत्र लिखा है। जिसमें मौजूदा स्थितियों से अवगत कराया गया है।