टॉप-10 करियर में होंगी जोरदार संभावनाए, अच्छे करियर के साथ अचछी सैलरी
टीमलीज के अनुसार एआइ एमएल डेटा एनालिटिक्स रोबोटिक्स तथा ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग पा चुके लोगों की मांग नए साल में दोगुनी रहने का अनुमान है।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंडस्ट्री की जरूरतों को देखते हुए साल 2020 में नए जमाने की टेक्नोलॉजी में कुशल प्रोफेशनल्स की भारी डिमांड रहने वाली है। टीमलीज के अनुसार, एआइ, एमएल, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स तथा ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग पा चुके लोगों की मांग नए साल में दोगुनी रहने का अनुमान है। युवा इन क्षेत्रों में अपनी स्किल बढ़ाकर करियर में नई ऊंचाइयां छू सकते हैं...
हाल ही में प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन ने ‘इमर्जिंग जॉब्स 2020’ नाम से उन जॉब्स की एक सूची जारी की है, जो वर्ष 2020 में डिमांड में रहने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में इन जॉब्स में अच्छी सैलरी के साथ-साथ तरक्की की संभावनाएं भी ज्यादा रहेंगी। आइए इन नए जमाने के जॉब्स और करियर पर डालते हैं एक नजर, जहां नौकरी को एंज्वॉय करने के साथ-साथ लाखों में कमाई की जा सकती है:
ब्लॉकचेन डेवलपर
डिजिटाइजेशन पर जोर दिए जाने के कारण पिछले एक-दो साल से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की समझ रखने वालों की काफी जरूरत देखी जा रही है, जो ब्लॉकचेन सिस्टम के लिए नई सर्विसेज और तकनीक विकसित करने में मदद पहुंचाते हैं। लिंक्डइन की सूची के अनुसार वर्ष 2020 में यह जॉब टॉप डिमांड में रहेगी। आइटी/सॉफ्टवेयर कंपनीज, फाइनेंशियल व फिनटेक सर्विसेज तथा हॉस्पिटल एवं हेल्थकेयर से संबंधित सेक्टर्स में ब्लॉकचेन डेवलपर्स की अभी सबसे अधिक डिमांड है।
माना जा रहा है कि वित्तीय लेन-देन के लिए यह बेहद सुरक्षित और प्रामाणिक तकनीक हो सकती है, जिसमें हैकिंग या फ्रॉड होने का कोई खतरा नहीं है। रैंसटैड की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो साल में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी नौकरियों की संख्या में करीब 50 फीसदी तक उछाल आई है। ब्लॉकचेन तकनीक की मांग को देखते हुए भारत के कई आइआइटी संस्थानों के इंजीनियरिंग प्रोग्राम में अलग से एक मॉड्यूल के तौर पर इस विषय की पढ़ाई कराई जा रही है। इसके अलावा, आइबीएम, टैलेंट स्प्रिंट, कोर्सेरा उडेमी जैसे कुछ संस्थानों द्वारा भी यह कोर्स कराया जा रहा है। यह कोर्स एक माह से लेकर तीन और छह माह की अवधि का है, जिसे कोई भी युवा कर सकता है। लेकिन जो लोग प्रोग्रामिंग बैकग्राउंड के हैं, कोडिंग/जावा जानते हैं या फिर सॉफ्टवेयर डेवलपिंग, बैंकिंग/फाइनेंशियल सेक्टर में हैं, उनके लिए यह कोर्स ज्यादा उपयुक्त है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट
ऑटोमेशन के बढ़ने से इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) स्पेशलिस्ट की भारी डिमांड है, जो एडवांस मशीनों को एआइ तकनीक से लैस करके उसे इतना हाईटेक बना देते हैं कि वह खुद ही चीजों को सीखकर कोई भी कार्य कुशलतापूर्वक कर सकती है। अमेरिका में यह टॉप लेवल का जॉब है। भारत में भी इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। लिंक्डइन की सूची में यह जॉब दूसरे नंबर पर है। इस फील्ड में आने के लिए आपके पास मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, टेंसर फ्लो, पायथन तथा नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी स्किल्स का होना आवश्यक है। फिलहाल, कॉलेजों में स्वतंत्र रूप में अभी यह कोर्स नहीं कराया जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया जैसी आइटी कंपनियां एआइ की ट्रेनिंग उपलब्ध करा रही हैं, जहां से इसे सीखा जा सकता है।
जावास्क्रिप्ट डेवलपर
वेबसाइट्स की मांग को देखते हुए बेंगलुरु, मुंबई तथा हैदराबाद जैसे शहरों में जावास्क्रिप्ट डेवलपर्स की आजकल काफी डिमांड है। दरअसल, जावास्क्रिप्ट वेब डिजाइनिंग का ही एक पार्ट है, इसके तहत वेबसाइट्स के फ्रंट-एंड के लिए लैंग्वेज की प्रोग्रामिंग की जाती है। यह लैंग्वेज स्किल रखने वाले युवा आइटी एवं सॉफ्टवेयर कंपनीज, इंटरनेट आधारित कंपनीज, रिसर्च एवं वेब डिजाइनिंग के क्षेत्र में अपने लिए नौकरी तलाश सकते हैं। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और कोडिंग का समुचित कोर्स करके युवा इस फील्ड में आसानी से एंट्री में पा सकते हैं।
रोबोटिक्स इंजीनियर/कंसल्टेंट
इनोवेटिव तकनीक आ जाने से दुनियाभर में रोबोट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। जो घर के काम से लेकर हर वह काम कर रहे हैं, जो इंसान कर सकता है। आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल तथा सर्विस इंडस्ट्री में इसके उपयोग की ज्यादा संभावनाएं देखी जा रही हैं। इस फील्ड की लोकप्रियता को देखते हुए कई संस्थानों में रोबोटिक साइंस नाम से अलग से कोर्स कराए जा रहे हैं।
डाटा एनालिस्ट
कुछ दिन पहले आई सैलरी डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाटा एनालिस्ट भी नए जमाने की उन टॉप टेक जॉब्स में से एक है, जहां शुरुआत में ही लोगों को लाखों रुपये का पैकेज मिलता है। पिछले दो-तीन साल में इस क्षेत्र में नौकरियों की संख्या दोगुनी बढ़ी है। हाल के दिनों में आइआइटीज समेत देश की कई निजी यूनिवर्सिटीज में बीटेक इन डाटा साइंस जैसे डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं, जिन्हें 12वीं के बाद किया जा सकता है।
मशीन लर्निंग इंजीनियर
मशीन लर्निंग भी नए जमाने की टेक्नोलॉजी है। इस तकनीक में कुशल प्रोफेशनल्स की भी आजकल उतनी ही मांग है, जितनी कि एआइ, ब्लॉकचेन, आइओटी, साइबर सिक्युरिटी या फिर डाटा एनालिटिक्स में। मशीन लर्निंग को संक्षेप में एमएल कहा जाता है, जो एआइ का ही एक पार्ट है। अल्गोरिदम पर आधारित इस तकनीक की खूबी यह है कि इससे लैस मशीनों को अपना काम करने के लिए इंसानों के मदद की जरूरत नहीं पड़ती यानी ये ऑटोमैटिक मशीनें खुद ही अपना काम कर लेती हैं। मशीन लर्निंग में ज्यादातर कोर्स अभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद हैं। गूगल भी मशीन लर्निंग का क्रैश कोर्स (एमएलसीसी) कराता है। यह कोर्स करने के लिए मैथमेटिक्स, साइंस और साइकोलॉजी बैकग्राउंड का होना आवश्यक है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक्सपर्ट
आजकल तमाम ऐसी एडवांस डिवाइसेज मार्केट में आ गई हैं, जो इंटरनेट से संचालित होती हैं, जैसे कि स्मार्टवॉचेज, एसी, फ्रीज, स्मार्टलॉक इत्यादि। इसे ही हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स ( आइओटी) भी कहते हैं। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में धीरे-धीरे हमारी सारी डिवाइसेज इंटरने से कनेक्ट होंगी। जाहिर है ऐसे में इन आइओटी डिवाइसेज की प्रोग्रामिंग, डिजाइनिंग और उसके हार्डवेयर को तैयार करने वाले प्रोफेशनल्स की भारी डिमांड होगी। देश में अभी आइओटी से संबंधित ज्यादातर कोर्स ऑनलाइन माध्यम से ही कराए जा रहे हैं, जहां से यह शॉर्टटर्म कोर्स किया जा सकता है।
डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट
ऑनलाइन बिजनेस पर जोर दिए जाने के बाद उसके प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल मार्केटिंग में प्रशिक्षित युवाओं की आजकल काफी डिमांड है, जो सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप), ईमेल और गूगल के जरिए कंपनियों के प्रोडक्ट तथा सर्विसेज की स्मार्ट तरीके से मार्केटिंग करते हैं। ईकॉमर्स, स्टार्टअप्स समेत विभिन्न बिजनेस कंपनियों में डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर, ऑनलाइन मार्केटिंग मैनेजर, एसईओ मैनेजर जैसे प्रोफाइल के तहत ये अपनी सेवाएं देते हैं। कई संस्थान डिजिटल मार्केटिंग/सोशल मीडिया मार्केटिंग में डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा से लेकर एग्जीक्यूटिव डिप्लोमा जैसे कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। इसके अलावा, बीबीए इन ईकॉमर्स मार्केटिंग के तहत भी स्पेशलाइजेशन के तौर पर 12वीं के बाद इसे किया जा सकता है।
साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट
बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए साइबर सिक्युरिटी में प्रशिक्षित युवाओं की आज हर फील्ड में भारी डिमांड है। तमाम कंपनियों की ओर से आयोजित होने वाले ‘बग बाउंटी प्रोग्राम’ में भाग लेकर कुछ अति कुशल/बेहतरीन प्रोफेशनल आजकल इस फील्ड में सालाना 80 से 85 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। 12वीं के बाद एथिकल हैकिंग/साइबर सिक्युरिटी का कोर्स कर सकते हैं।