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PCS: प्रतियोगी छात्रों की हुंकार, आयु सीमा में बदलाव नहीं स्वीकार

प्रतियोगी अध्यक्ष गोबैक-गोबैक के नारे लगाते हुए सड़क पर धरने पर बैठे और आयोग के सामने की कुछ देर आवागमन बाधित रहा।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 08:50 AM (IST)
PCS: प्रतियोगी छात्रों की हुंकार, आयु सीमा में बदलाव नहीं स्वीकार
PCS: प्रतियोगी छात्रों की हुंकार, आयु सीमा में बदलाव नहीं स्वीकार

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पीसीएस परीक्षा में आवेदन करने वालों की आयुसीमा घटाने की चर्चा के बीच प्रतियोगी छात्रों ने विरोध में आवाज बुलंद की। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन करके किसी भी प्रकार का बदलाव न करने की मांग की। सभी के निशाने पर आयोग अध्यक्ष रहे। प्रतियोगी अध्यक्ष गोबैक-गोबैक के नारे लगाते हुए सड़क पर धरने पर बैठे और आयोग के सामने की कुछ देर आवागमन बाधित रहा।

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पीसीएस परीक्षा में आवेदन करने की आयुसीमा 40 साल है। इधर, छात्रों को पता चला कि आयोग पीसीएस में आवेदन की आयुसीमा घटाने की तैयारी कर रहा है। प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के गेट के सामने प्रदर्शन किया। बोले, आयुसीमा में कटौती करने से लाखों प्रतियोगी छात्रों का भविष्य अंधकारमय होगा। आयोग कोई प्रयोगशाला नहीं है, जो अध्यक्ष मनमाना निर्णय लेंगे। हम मनमानी को स्वीकार नहीं करेंगे।

आगे भी होगा प्रदर्शन

प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। नौ जनवरी को छात्र पुन: आयोग के सामने प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। जबकि कुछ छात्र मुख्यमंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

आयोग आज जारी करेगा विज्ञप्ति: प्रतियोगी

उप्र प्रतियोगी छात्र मंच के प्रतिनिधिमंडल ने लोकसेवा आयोग के सचिव से मिलकर ज्ञापन सौंपा। संदीप सिंह, आलोक सिंह, विवेक उपाध्याय, कुमारी प्रतिभा, पंकज सिंह, राज ने सचिव को आयुसीमा कम न करने सहित अन्य मांगों से अवगत कराया। प्रतियोगियों का दावा है कि सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि छात्रों में कोई भ्रांति न फैले उसके लिए मंगलवार को विज्ञप्ति जारी करके स्थिति स्पष्ट की जाएगी।

अभी कोई निर्णय नहीं

आयोग सचिव जगदीश ने बताया कि उन्होंने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से कहा है कि पीसीएस में आवेदन करने वालों की आयुसीमा कम करने का अभी निर्णय नहीं हुआ। न ही ऐसा प्रकरण विचाराधीन है। वहीं समाज कार्य व रक्षा अध्ययन विषय को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल है। इस पर कोर्ट का जो निर्णय होगा, उसका पालन होगा।


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