Stay Home Stay Empowered : जॉब या करियर बदलने की सोच रहे हैं तो समझें ‘शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम’ को
कोरोना के इस कठिन दौर में भी कुछ लोग विभिन्न कारणों से अपनी जॉब या फिर अपने प्रोफेशन को बदलना चाह रहे होंगे। संभव है कि वे ढेर सारे नए विचारों पर काम करना चाहते हैं।
नई दिल्ली, विनीत शरण। कोरोना के इस कठिन दौर में भी कुछ लोग विभिन्न कारणों से अपनी जॉब या फिर अपने प्रोफेशन को बदलना चाह रहे होंगे। संभव है कि वे ढेर सारे नए विचारों पर काम करना चाहते हैं, लेकिन तय नहीं कर पाते कि उन्हें करना क्या है। यानी उनमें करियर को लेकर कंफ्यूजन है। करियर काउंसलर और करियर विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे लोगों को ‘शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम’ को समझना चाहिए। इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलेगी कि उन्हें कब जॉब बदलनी है और कब नहीं।
क्या है शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम
शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम एक प्रवृत्ति होती है। इसमें व्यक्ति कुछ नई चीज को आजमाना चाहता है या फिर बदलाव करना चाहता है। यह नया बिजनेस आइडिया, लक्ष्य या जॉब हो सकती है। इस सिंड्रोम में वह व्यक्ति अपने वर्तमान काम पर फोकस नहीं कर पाता है। वह एक बच्चे की तरह व्यवहार करता है, जिसमें वह चमकती हुई चीजों या फिर नई चीजों से आकर्षित होता है। पर जल्द ही बच्चे का उस नई चीज से भी मन भर जाता है और वह नई चमकती चीजों के पीछे चला जाता है। अगर आप कुछ चीजों से खुद को जोड़ सकते हैं तो आपने भी शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम को महसूस किया होगा।
-अगर आपके पास बिजनेस आइडिया की पूरी लिस्ट है, लेकिन आप किसी को भी अमल में नहीं लाए है।
-आप लगातार नए लक्ष्य बना रहे हैं, लेकिन यह समझ नहीं पा रहे हैं कि अंत में क्या होगा।
-आप एक कोर्स से दूसरे में कूद रहे हैं।
-आप लगातार एक लक्ष्य से दूसरे में कूद रहे हैं। लेकिन किसी को अंत तक पूरा न कर रहे हैं।
-आप नए डोमेन नाम से वेबसाइट बनाते हैं और लॉन्च करते हैं, लेकिन उस साइट को चलाने पर काम नहीं करते हैं।
करियर काउंसलर जितिन चावला ने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में शानदार काम करके सफलता हासिल कर सकता है। इसलिए जो भी फील्ड चुनें उनमें सर्वश्रेष्ठ तरीके से काम करने की कोशिश करें। ज्यादातर लोग औसत या निम्न स्तर की गुणवत्ता का काम करते हैं इसलिए उन्हें परिणाम भी औसत या निम्न ही मिलते हैं। इसलिए सबसे जरूरी है कि पूरी क्षमता से काम करें, जिससे आपको परिणाम सर्वश्रेष्ठ मिलेंगे। अगर आपने फील्ड ही गलत चुन ली है तो बात अलग है। लेकिन अगर आपको कई बार काम बदलना पड़े तो समझ लीजिए कि कुछ गड़बड़ है।
शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम के साथ समस्या
इस सिंड्रोम की चपेट में आने से आप लगातार व्याकुलता के शिकार रहते हैं। आप नए विचारों में ही खोए रहते हैं और कई महत्वपूर्ण काम प्रक्रिया में ही छूट जाते हैं। अगर आप लगातार डिस्ट्रैक्शन के शिकार होते हैं तो आप कोई चीज पूरी नहीं कर पाते हैं, क्योंकि आप हमेशा कुछ नया करना चाहते हैं। इससे आपका काफी वक्त बर्बाद होता है और आप किसी क्षेत्र में महारत हासिल नहीं कर पाते हैं। इससे आपकी प्रतिभा का भी इस्तेमाल नहीं हो पाता है। याद रखें कि किसी चीज में बेहतर बनने के लिए उस क्षेत्र में आपको काफी वक्त बिताना होता है। किसी भी फील्ड के बिगनर और वेटरन में अंतर होता है। जब आप अपनी फील्ड में सर्वश्रेष्ठ होंगे तो ही सफलता का आनंद उठा पाएंगे और आप दूसरों की तुलना में लाभ की स्थिति में होंगे। यह लाभ कमाई और अवसर दोनों में दिखेगा।
7 टिप्स से इस सिंड्रोम से बच सकते हैं-
-समझें कि नई चीज का मतलब बेहतर नहीं होता है।
-अतीत को देखना सीखें। जरूरी नहीं कि जो चीज दूसरों के लिए अच्छी हो, वो आपके लिए भी ठीक होगी।
-आकलन करें कि नया काम आपकी जिंदगी में फिट होगा या नहीं। क्या इसकी आपको सचमुच जरूरत है।
-समझें कि किसी नई जॉब या क्षेत्र में जाने पर आपका कितना नुकसान या फायदा होगा।
-वेट एंड वाच यानी इंतजार करने का गुण भी विकसित करें।
-शाइनी ऑब्जेक्ट सिंड्रोम और नए अवसर में अंतर करना सीखें।
-नए प्रोडक्ट और विचारों में ऊर्जा न बर्बाद करें।