सरकारी स्कूल में पढ़ी सौम्या बनीं मिसाल, फर्स्ट अटेंप्ट में ही परीक्षा पास कर बनीं जज
गवर्नमेंट स्कूल से बारहवीं तक की पढ़ाई उसके बाद बीएचयू से एलएलबी और अब यूपी पीसीएस जे में 151वीं रैंक हासिल कर सौम्या ने अपने पिता का सपना पूरा कर दिया है।
[नई दिल्ली, जेएनएन]। सौम्या द्विवेदी का सपना था शिक्षक बनने का, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वो जज बनें। सौम्या ने भी पिता के ख्वाब को तरजीह दी और फर्स्ट अटेंप्ट में ही यूपी पीसीएस जे में सफलता हासिल कर जज बन गईं। यूपी पीसीएस जे में 151वीं रैंक हासिल करने वाली सौम्या उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एक छोटे से गांव धनौटी की रहने वाली हैं। सौम्या ने धनौटी के ही एक स्कूल कस्तूरबा गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज से बारहवीं तक की पढ़ाई की, उसके बाद बीएचयू से एलएलबी और अब यूपी पीसीएस जे में शानदार सफलता हासिल करके अपने पिता का सपना पूरा कर दिया है।
सौम्या के पिता दिनेश द्विवेदी को अपनी बेटी पर पूरा विश्वास था और सौम्या भी अपने पिता के विश्वास पर खरी उतरीं और उनके ख्वाब को पूरा कर दिखाया। सौम्या जब दस साल की थी, तभी उनकी मां अराधना ने दुनिया से अलविदा ले ली थी। इसके बाद सौम्या की बड़ी बहन की शादी हो गई और उनकी परवरिश पिता ने ही की।
सौम्या ने गांव के ही एक सरकारी स्कूल से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने एलएलबी के लिए बनारस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। पढ़ाई के साथ-साथ सौम्या ने यूपी पीसीएस जे के लिए तैयारी शुरू कर दी और अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर सबको चौंका दिया। फिलहाल सौम्या बनारस यूनिवर्सिटी से एलएलएम कर रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सौम्या अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हुए कहा कि पापा ने मेरे लिए जो सपना देखा, आज मैं उसे पूरा कर जज बन गई हूं। सौम्या ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली थी। अब सौम्या एकेडमिक्स में जाना चाहती हैं और अपना करियर आईपीआर या आर्बीटेशन लॉ में बनाना चाहती हैं।
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