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फ्यूचर का करियर: रोबोट्स को बनाने वाले प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग

दुनियाभर में इंसानों की तरह काम करने में कुशल रोबोट्स को बनाने वाले प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है। युवाओं को यहां 20 हजार रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक का मंथली पैकेज मिल रहा है।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 11:37 AM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 11:37 AM (IST)
फ्यूचर का करियर: रोबोट्स को बनाने वाले प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग
फ्यूचर का करियर: रोबोट्स को बनाने वाले प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग

नई दिल्ली, जेएनएन। तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक अनोखा रेस्टोरेंट इन दिनों चर्चा में है। रेस्टोरेंट की खासियत यह है कि इसमें वेटर नहीं, बल्कि रोबोट लोगों की टेबल तक खाना पहुंचाने का काम करते हैं। खाना पहुंचाते समय अगर कोई रोबोट के रास्ते में आ जाता है, तो वह उनसे रास्ते से हटने का आग्रह भी करते हैं। रोबोट थीम वाले इस रेस्टोरेंट में कुल 8 रोबोट्स हैं। यहां ग्राहक आइपैड पर अपना ऑर्डर देते हैं। इसके बाद रेस्टोरेंट में शेफ खाना तैयार करते हैं और उसे रोबोट्स की ट्रे में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जो इसे निर्धारित टेबल तक पहुंचाते हैं।

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इसी तरह पिछले दिनों चीन के ह्यूमनॉयड रोबोट एंकर ने भी दुनियाभर के लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। इंसानों की तरह खबर पढ़ने की उसकी स्किल और हावभाव को देखकर लोग हैरान दिखे। सोफिया (इंसानों की शक्ल वाली रोबोट) भी न सिर्फ इंसानों की तरह बातचीत कर सकती है, बल्कि आजकल वह महिलाओं को मेडिटेशन के गुर तक सिखा रही है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं, जब हमारे आसपास रोजमर्रा के अधिकतर काम रोबोट ही करते दिखाई देंगे।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स’(नौकरियों का भविष्य) नामक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 7 सालों में यानी 2025 तक इंसान का आधे से ज्यादा काम (करीब 52 फीसदी) मशीनें करने लगेंगी। हालांकि अभी इंसान के कुल काम का केवल 29 फीसदी मशीनें करती हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से दुनियाभर में इंसानों की तरह काम करने में कुशल रोबोट्स को बनाने वाले प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है।

डिमांडिंग सेक्टर

सरल शब्दों में कहें, तो रोबोट एक ऑटोमैटिक मैकेनिकल डिवाइस है जो कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से चलता है और वह सभी काम करता है जिसे आप असाइन करते हैं। इस इलेक्ट्रॉनिक मशीन में सेंसर्स, कंट्रोल सिस्टम, मैनुपुलेटर्स, पावर सप्लाई और सॉफ्टवेयर जैसे कई उपकरण होते हैं, जिससे इन्हें इंसानों की तरह काम करने में मदद मिलती है। आजकल इन रोबोट्स का इस्तेमाल थोड़ा-बहुत लगभग हर फील्ड में होने लगा है। लेकिन आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल तथा सर्विस इंडस्ट्री में इसका उपयोग बढ़ने की ज्यादा संभावनाएं देखी जा रही हैं।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स (आइएफआर) की रिपोर्ट के अनुसार, ऑटोमेशन के चलते वर्ष 2020 तक दुनियाभर की विभिन्न फैक्ट्रियों में 17 लाख से अधिक नये इंडस्ट्रियल रोबोट्स लगाए जाएंगे। इसी तरह आइएफआर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से अब तक सर्विस रोबोट की बिक्री में भी करीब 12 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। जाहिर है, आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक रोबोट्स की मांग बढ़ने के साथ ही इस फील्ड में बड़ी संख्या में नौकरियों के मौके भी सामने आएंगे, जहां रोबोट्स की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और प्रोग्रामिंग में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी।

रोबोटिक फील्ड में बहुआयामी करियर

रोबोटिक फील्ड में पढ़ाई के बाद आपके पास रोबोटिक्स इंजीनियर, ऑटोमेशनल इंजीनियर, रोबोटिक डिजाइन इंजीनियर, प्लांट मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर, आइओटी इंजीनियर, एआइ प्रोग्रामर और ड्रोन पॉयलट के तौर पर करियर के तमाम विकल्प हैं। इनमें से किसी भी क्षेत्र में अपनी रुचि के अनुसार विशेषज्ञता हासिल करके एक शानदार करियर बनाया जा सकता है। अभी डिफेंस इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में ऐसे प्रोफेशनल्स की सबसे अधिक जरूरत है। अनुमान है कि फैक्ट्रियों की ओर से अधिक से अधिक उत्पादकता बढ़ाने और ऑटोमेशन पर जोर दिए जाने के बाद इन प्रोफेशनल्स की मांग और तेजी से बढ़ेगी। इन प्रोफेशनल्स की नासा और इसरो जैसी रिसर्च संस्थाओं, गेमिंग इंडस्ट्रीज और मेडिकल फील्ड में भी काफी डिमांड है।

कोर्स एवं योग्यता

रोबोटिक साइंस/रोबोटिक्स में करियर बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इंस्ट्रूमेंटेशन तथा कंप्यूटर साइंस में से कोई एक टेक्निकल बैकग्राउंड होना जरूरी है। वैसे, इस फील्ड की लोकप्रियता को देखते हुए कई संस्थानों में आजकल रोबोटिक साइंस नाम से अलग से भी कोर्स कराए जा रहे हैं। साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास करने वाले कैंडिडेट यह कोर्स कर सकते हैं। आइआइटी समेत देश भर के अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर साइंस जैसे बीटेक कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। इसके लिए हर साल जेईई-मेन और जेईई-एडवांस्ड नाम से परीक्षाएं आयोजित होती है। 2019 से जेईई-मेन की परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी और परीक्षा का आयोजन साल में दो बार (जनवरी और अप्रैल) होगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इसका आयोजन करेगी। बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट रोबोटिक्स में मास्टर कर सकते हैं।

सैलरी पैकेज

आज के दौर का यह एक हाईपेइंग फील्ड है। युवाओं को यहां 20 हजार रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक का मंथली पैकेज (कंपनियों के आकार और देश के अनुसार) मिल रहा है। यह फील्ड ऐसा है, जहां 10 वर्ष के अनुभव के बाद आप और आकर्षक पैकेज पा सकते हैं। अगर विदेश की बात करें, तो ऐसे प्रोफेशनल्स को शुरुआत में ही आजकल 2 लाख रुपये तक सैलरी आराम से मिल रही है।


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