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पांच कुलपतियों की योग्यता का रिकार्ड मांगा

हिमाचल में पांच निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता संदेह के घेरे में है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता की जांच के लिए गठित कमेटी ने कुछ आपत्तियां लगाई हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 09:16 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 09:16 PM (IST)
पांच कुलपतियों की योग्यता का रिकार्ड मांगा
पांच कुलपतियों की योग्यता का रिकार्ड मांगा। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल में पांच निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता संदेह के घेरे में है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की योग्यता की जांच के लिए गठित कमेटी ने कुछ आपत्तियां लगाई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन से शैक्षणिक योग्यता से जुड़ा कुछ रिकार्ड मांगा है। रिकार्ड आने के बाद इस मामले पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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पिछले साल आयोग ने कई कुलपतियों को अयोग्य ठहराया था। नए सिरे से इन विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति हुई है। नियामक आयोग ने विश्वविद्यालयों को पहले ही निर्देश दिए थे कि कुलपति की नियुक्ति यूजीसी नियमों के तहत ही की जाए। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने कहा कि कमेटी ने पांच कुलपतियों की योग्यता को लेकर कुछ आपत्तियां लगाई हैं। रिकार्ड आने के बाद इस पर आगामी निर्णय होगा।

यूजीसी के फैसले से अयोग्य शिक्षकों को राहत

हिमाचल के 16 निजी विश्वविद्यालयों में अयोग्य घोषित 35 फीसद स्टाफ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से राहत मिली है। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कालेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्यता को दो साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। यूजीसी ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। इसमें पीएचडी उपाधि की अनिवार्यता की तारीख को पहली जुलाई, 2021 से बढ़ाकर पहली जुलाई, 2023 कर दिया गया है। यानी इस दौरान होने वाली सहायक प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की अनिवार्य नहीं होगी। आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि जिन सहायक प्रोफेसर के पास पीएचडी की उपाधि नहीं है वह तय समय अवधि के भीतर अपनी पीएचडी पूरी करवा लें। यदि कोई शिक्षक ऐसे हैं जो नेट पास नहीं हैं तो उनके स्थान पर नए सिरे भर्ती की जाए।

छह कालेज प्रधानाचार्यों ने नहीं दिया जवाब

छह निजी कालेज प्रधानाचार्यों की छुट्टी होना तय है। आयोग की टीम ने कालेजों का निरीक्षण किया था। इसमें 20 कालेज प्रधानाचार्यों की योग्यता को लेकर आपत्ति जताकर आयोग के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। इसमें 14 ने जवाब दे दिया है, जबकि छह से जवाब नहीं आया है। आयोग इन्हें एक मौका पक्ष रखने का देगा। तय समय पर यदि पक्ष नहीं रखते तो इनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है।


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