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खुद बनें अपना रोल मॉडल, जिद और जुनून की राह पर मिलेगी कामयाबी

हममें से अधिकतर लोग खुद को भीतर-बाहर से मजबूत करने की बजाय दूसरों के अनुकरण की राह अपना लेते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि कुछ साल बाद अक्सर हमारे हाथ कुछ नहीं आता।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 10:52 AM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 10:52 AM (IST)
खुद बनें अपना रोल मॉडल, जिद और जुनून की राह पर मिलेगी कामयाबी
खुद बनें अपना रोल मॉडल, जिद और जुनून की राह पर मिलेगी कामयाबी

नई दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव। आज इस साल का आखिरी दिन है। कल से हम एक नये वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। बेशक गुजरता वर्ष हमारे लिए कुछ खास न रहा हो या फिर उसमें हमारे अरमान, हमारे सपने पूरे न हुए हों या हमें अपनी वांछित मंजिल न मिली हो, इसके बावजूद सकारात्मक नजरिया रखने वाले और अपने हुनर, अपनी खूबियों पर भरोसा रखने वाले लोगों के भीतर हर नया वर्ष एक पर्व-त्योहार की तरह खुशी और उत्साह का संचार करता है।

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मेरे पास काउंसिलिंग के लिए ऐसे बहुत सारे प्रश्न आते हैं, जिनमें करियर की दिशा में अपने प्रयासों में कामयाबी न मिलने और इससे उबरने के लिए उपाय जानने की बात की गई होती है। अब जबकि कल से उम्मीदों का एक नया वर्ष आरंभ हो रहा है, मैं यहां उन बातों की चर्चा करूंगा, जिससे आपके भीतर अपनी जीत का भरोसा पैदा हो सके और आप अपनी कमियों को दूर करते हुए अपने प्रति भरोसा बढ़ाने की ओर कदम बढ़ा सकें।

खुद बनें अपना रोल मॉडल

हममें से अधिकतर लोग खुद को भीतर-बाहर से मजबूत करने की बजाय दूसरों के अनुकरण की राह अपना लेते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि कुछ साल बाद अक्सर हमारे हाथ कुछ नहीं आता और ऐसा लगता है कि हम जहां से चले थे, आज भी वहीं खड़े हैं। फिर इससे उबरने का रास्ता क्या है? हम ऐसा क्या करें, जिससे खुद को आगे भी बढ़ा सकें और अपनी उपलब्धियों से खुश भी रह सकें? इस तरह के सवाल का जवाब किसी और के पास नहीं, हमारे-आपके पास ही है। नहीं समझे। अरे जनाब, जरा सोचें। हर किसी की पसंद-नापसंद अलग-अलग होती है। फिर हम क्यों दूसरों की पसंद के अनुसार अपनी राह चुनें? दूसरों की उपलब्धियों को देखकर उन्हें अपना रोल मॉडल बनाने की बजाय क्यों नहीं खुद को ही अपना रोल मॉडल बनाते?

हम में है हीरो

हमारी जिंदगी का हीरो कोई और नहीं हो सकता। हम अगर ठान लें तो अपनी जिंदगी के हीरो खुद बन सकते हैं। आपकी आंखों में सवाल हो सकता है कि मैं और हीरो? कैसी बातें करते हैं? जरा देश दुनिया के तमाम कामयाब लोगों पर गौर करें। क्या हमारे मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे कलाम हमारी आपकी तरह बेहद सामान्य परिवार के नहीं थे? क्रिकेट की दुनिया के बेताज बादशाह रहे सचिन तेंदुलकर क्या किसी राजा या बड़े कारोबारी के परिवार से थे? बॉलीवुड के बादशाह शाह रुख, चर्चित रणवीर सिंह, राजकुमार राव की क्या पृष्ठभूमि रही है? क्या इन सबने अपनी मेहनत से पहचान और मुकाम नहीं हासिल किया? फिर क्यों नहीं अपने भीतर छिपे बैठे हीरो को पहचानते, उसे जगाते और तराश कर आगे बढ़ाते?

जब जागे, तभी सवेरा

अगर अब तक आपने अपनी रुचियों, अपनी पसंद, अपने हुनर पर ध्यान नहीं दिया है, उसे नहीं पहचाना है तो अभी भी देर नहीं हुई है। कहते हैं न कि जब जागे, तभी सवेरा। अपनी जिंदगी की इस सुबह की शुरुआत करें। अपनी पसंद को पहचान कर उसे हुनर का रूप दें। आज और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से उसे गढ़ें, तराशें। जहां और जब जरूरत हो, तो उपयुक्त कोर्स भी करें।

जिद और जुनून की राह

अगर अपने शुरुआती प्रयासों में कामयाबी न मिले, तो भी निराश-हताश होकर प्रयास कतई न छोड़ें। हां, यह जरूर गौर करें कि आखिर आपके प्रयासों में चूक कहां हो रही है। उस कमजोरी, गलती को ढूंढ़कर उसे जल्द से जल्द दूर करने के उपाय करें। हो सकता है कि पूरे मन से काम न करने के कारण वह कमजोरी रह जा रही हो और वह कामयाबी की राह की बाधा बन रही हो। अगर ऐसा है, तो भी उससे बचने की बजाय उसका मुकाबला करें। अपने मन में जिद पाल लें कि इस कमजोरी को किसी भी तरह दूर करना ही है।

बरकरार रहे आत्मविश्वास

आत्मविश्वास और स्वाभिमान के बिना इंसान का कोई वजूद नहीं। इसलिए राह में चाहे जितनी मुश्किलें या बाधाएं आएं, आप अपने आत्मविश्वास को कभी कम न होने दें। अपने आप पर, अपने हुनर पर, अपने प्रयासों पर पूरा भरोसा रखें। हां, इस दौरान परिणाम की परवाह किए बिना अपने प्रयास में सौ प्रतिशत दें। प्रयास पूरे होंगे, तो एक न एक दिन परिणाम मिलेगा ही। हो सकता है कि इसमें कुछ विलंब हो जाए, पर इसके लिए आपको संयम रखना चाहिए। यह भी हो सकता है कि आपको आगे कुछ ज्यादा प्रयास करना पड़े। अथक मेहनत करनी पड़े।

हम होंगे कामयाब

कामयाबी कोई ऐसी जगह नहीं, जहां चुनिंदा लोग ही पहुंच सकें। कामयाबी का मतलब सिर्फ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बड़ा कारोबारी, हॉलीवुड-बॉलीवुड का हीरो, नामी क्रिकेटर, गायक आदि बन जाना ही नहीं है। हर व्यक्ति अपनी पसंद के क्षेत्र में कामयाब हो सकता है। सही दिशा में प्रयास और जुनून हो, तो हर किसी को अपनी मंजिल मिल सकती है। देश और दुनिया में, यहां तक कि हमारे आसपास भी ऐसे लोगों की कमी नहीं, जिन्होंने अपने जुनून और मेहनत से पहचान बनाई।

अभी ताजा उदाहरण हरियाणा के मेवात क्षेत्र के बेहद गरीब परिवार के सलमान अली का है, जिन्होंने अपनी लगन, मेहनत से इंडियल आयडल सीजन दस का विजेता बनकर देश का दिल जीता। इससे उनकी पहचान और तरक्की का रास्ता भी खुल गया। हां, हो सकता है कि किसी को आसानी से आगे बढ़ने का मौका मिल जाए और किसी को बार-बार असफलता का सामना करना पड़े। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि हम किस्मत के भरोसे हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएं। हमें अपनी हुनर और मेहनत पर भरोसा रखते हुए सही दिशा में निरंतर प्रयास करने चाहिए। कामयाबी झख मारकर आएगी ही। ...तो फिर आज से, बल्कि अभी से जुट जाएं..., अपनी पहचान, अपनी कामयाबी के रास्ते पर..., हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं...।


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