Rajasthan schools News: राजस्थान में 10वीं से 12वीं तक के लिए 2 नवंबर से खुल सकते हैं स्कूल
Rajasthan schools News राजस्थान में स्कूल खोलने को लेकर कवायद जारी है। शिक्षा विभाग कोशिश कर रहा है कि पिछले सात महीनों से बंद पड़े स्कूलों को जल्द से जल्द खोला जाए। इस संंबंध में प्रयास किया जा रहा है कि चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोला जाए।
Rajasthan schools News: राजस्थान में स्कूल खोलने को लेकर कवायद जारी है। शिक्षा विभाग कोशिश कर रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पिछले सात महीनों से बंद पड़े स्कूलों को जल्द से जल्द खोला जाए। इस संंबंध में प्रयास किया जा रहा है कि चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोला जाए। वहीं इस संबंध में पहले चरण में कक्षा 10 से 12वीं तक के लिए 2 नवंबर से स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट में राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि तीन दिन पहले, राज्य शिक्षा विभाग ने 2 नवंबर को सीनियर कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने के लिए राज्य सरकार को एक तैयार प्रस्ताव भेजा था। अब सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है। राज्य सरकार की मंजूरी मिलने के बाद फिर स्कूलों को खोला जा सकता है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस संबंध में एक डिटेल्ड SOP का मसौदा तैयार किया गया है और राज्य सरकार को भी भेजा गया है। अब सरकार से अनुमति का इंतजार है। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, हमारी चिंता यह है कि कम से स्कूलों को 150 दिनों के लिए खोला जा सके, क्योंकि इतने दिन एक अकादमिक स्कूल सत्र के संचालन के लिए न्यूनतम आवश्यकता है। शून्य शैक्षणिक सत्र जैसा कोई विचार नहीं है। शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई एसओपी में शिक्षकों और छात्रों के लिए दिशा-निर्देश शामिल हैं, जिसमें स्कूल के फर्नीचर, स्टेशनरी, शौचालय, पानी की टंकी आदि की सफाई, हाथ धोने की व्यवस्था, खुद की कलम, किताबें और नोटबुक का उपयोग करना, घर का बना खाना खाना, अपनी बोतलों में पानी पीना, बार-बार सैनेटाइजर से हाथ साफ करना जैसी तमाम चीजें शामिल हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मार्च से स्कूल, कॉलेज सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद चल रहे हैं। हालांकि सात महीने बाद 15 अक्टूबर से केंद्र सरकार ने स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस संबंध में अंंतिम निर्णय राज्य सरकारों को लेना था। इसका आशय यह है कि अगर उनके राज्य में हालात नियंत्रण में होने पर और पैरेंट्स की अनुमति के बाद ही छात्र स्कूल आ सकते हैं।