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जज बनकर करना चाहते हैं देशसेवा या बनना चाहते हैं IAS, जानिए अपने सभी सवालों के जवाब

कैसे जज बन कर सकते हैं देश की सेवा या आइएएस की कैसे करनी हैं तैयारी। पढ़िए अपने सवालों के जवाब

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 02:33 PM (IST)
जज बनकर करना चाहते हैं देशसेवा या बनना चाहते हैं IAS, जानिए अपने सभी सवालों के जवाब
जज बनकर करना चाहते हैं देशसेवा या बनना चाहते हैं IAS, जानिए अपने सभी सवालों के जवाब

नई दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव। आज जज बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं या आइएएस बनाते चाहते हैं और आपके मन में बहुत सारे प्रश्न हैं, तो घबराइए मत। आपके सभी सवालों के जवाब हमारे पास हैं।

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हिमानी, बिजनौर: मैं कॉमर्स से 12वीं कर रही हूं। आगे जज बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं। कृपया मुझे उपयुक्त सुझाव दीजिए।

उत्तर: यह प्रशंसनीय है कि आप अभी से जज यानी न्यायाधीश बनकर देशसेवा में योगदान के बारे में सोच रही हैं। जज बनने के लिए आपको एलएलबी यानी बैचलर ऑफ लॉ कोर्स करना होगा। अच्छी बात यह है कि इस कोर्स को बारहवीं के बाद भी किया जा सकता है, जो पांच साल की अवधि का होता है। अगर ग्रेजुएशन के बाद लॉ करती हैं, तो तीन साल का कोर्स करना होगा यानी 12वीं के बाद लॉ करने पर एक साल की बचत होती है। इसके बाद राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल जज परीक्षा (पीसीएस-जे) के लिए आवेदन कर सकती हैं।

लॉ यूनिवर्सिटी/कॉलेज में एडमिशन ज्यादातर ‘क्लैट’ (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) के आधार पर होता है। बेहतर होगा कि आप अभी से क्लैट की तैयारी आरंभ कर दें, जिससे कि इस परीक्षा को क्वालिफाई करके पांच वर्षीय लॉ कोर्स में आसानी से एडमिशन मिल जाए। एलएलबी करने के दौरान आप पीसीएस-जे की तैयारी भी आरंभ कर सकती हैं। कोर्स के आखिरी साल में अपना फोकस बढ़ा दें। तैयारी आरंभ करने से पहले स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन के पोर्टल से इस परीक्षा का सिलेबस डाउनलोड कर लें, ताकि उसके मुताबिक अपनी तैयारी को आगे बढ़ा सकें।

आकाश चौरसिया, ईमेल से: मैं बीएससी प्रथम वर्ष का स्टूडेंट हूं। आइएएस बनना चाहता हूं। मैं एमएससी करने के बाद इस एक्जाम को दूं या बीएससी के बाद?

उत्तर: अगर आप आइएएस को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं, तो बेहतर होगा कि अभी से तैयारी की शुरुआत कर दें। चूंकि अभी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय लेना होता है, इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी पसंद के विषय से एमएससी भी कर लें। इससे उस विषय पर अच्छी पकड़ बनाकर आप उसे मुख्य परीक्षा के लिए चुन सकेंगे। हां, अगर आपको लगता है कि अभी से तैयारी करने की स्थिति में आप बीएससी के तुरंत बाद इस परीक्षा को देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, तो आप ऐसा भी कर सकते हैं। अपनी क्षमता को जांच-परख करके ही आगे कदम बढ़ाना उचित होगा, ताकि कामयाबी की उम्मीद अधिक से अधिक हो।

संदीप अग्रवाल, ईमेल से: मैं कॉमर्स ग्रेजुएट हूं। मेरी उम्र 41 वर्ष है। मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या केंद्र और राज्य सरकार की कोई नौकरी 45 वर्ष तक की उम्र सीमा वालों के लिए है?

उत्तर: सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर/प्रवक्ता पद को छोड़कर केंद्र और राज्य सरकार की कोई भी सीधी नियुक्ति इतनी उम्र वालों के लिए नहीं है। इस उम्र या इससे भी ज्यादा की उम्र में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर ही नौकरी मिल पाती है। अगर आप कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन करके नेट क्वालिफाई कर लेते हैं, तो केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों, निजी/डीम्ड विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अभिषेक वर्मा, मेरठ, ईमेल से: मैं केमिस्ट्री से बीएससी (ऑनर्स) कर रहा हूं। आइएएस बनना चाहता हूं। कृपया बताएं कि सिविल सेवा परीक्षा में केमिस्ट्री कितनी उपयोगी हो सकती है?

उत्तर: अगर आपको लगता है कि केमिस्ट्री पर आपकी बहुत अच्छी पकड़ है और सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में आप इस विषय में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, तो बेशक इस विषय को वैकल्पिक विषय के रूप में रख सकते हैं। ऐसा करने से पहले उक्त परीक्षा के लिए केमिस्ट्री के सिलेबस और पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नपत्रों को भी जरूर देख लें।


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