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बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, पीटीयू अब विद्यार्थियों को देगा एक साथ दो डिग्रियां

पीटीयू अब विद्य‍ार्थियों को एक साथ दो सर्टिफिकेट देगा। वह अब विद्यार्थियों को मेजर और माइनर डिग्री कांसेप्ट के तहत दो तरह के सर्टिफिकेट देगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 12:50 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 01:46 PM (IST)
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, पीटीयू अब विद्यार्थियों को देगा एक साथ दो डिग्रियां
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, पीटीयू अब विद्यार्थियों को देगा एक साथ दो डिग्रियां

जेएनएन, कपूरथला। रोजगार के अवसर बढ़ाने व परीक्षा में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) अपनी अकादमिक काउंसिल के माध्यम से कई कदम उठाने जा रहा है। पीटीयू अब विद्य‍ार्थियों को एक साथ दो सर्टिफिकेट देगा। वह अब विद्यार्थियों को मेजर और माइनर डिग्री कांसेप्ट के तहत दो तरह के सर्टिफिकेट देगा।

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अब विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन कॉपी मुहैया करवाएगा पीटीयू

इस कांसेप्ट के मुताबिक कोई भी विद्यार्थी भले ही एक स्ट्रीम में दाखिला लेता है, मगर दूसरी स्ट्रीम के विषय भी उसके पसंदीदा हैं तो वह उन्हें भी पढ़ पाएगा। ऐसे में यूनिवर्सिटी उसे मेजर डिग्री उसके दाखिले वाली स्ट्रीम में देगी, जबकि माइनर डिग्री उसे उसके पसंदीदा विषय में भी देगी। इससे स्टूडेंट्स को दो क्षेत्रों में जॉब का अवसर मिलेगा। यह निर्णय यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित 51वीं अकादमिक कौंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।

यूनिवर्सिटी अब पारदर्शिता की दिशा में भी एक और कदम उठा रहा है। यूनिवर्सिटी ने उन छात्रों के लिए मूल्यांकन उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी प्रदान करने का एजेंडा पेश किया, जो आइकेजी पीटीयू के कैंपस और यूनिवर्सिटी से संबंधित कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए छात्रों को संबंधित कॉलेज के विभाग प्रमुख के लॉगिन आइडी के माध्यम से परिणाम घोषित करने से 10 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा।

विद्यार्थी नाममात्र शुल्क देकर उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी ले पाएंगे। गौर हो कि इससे पहले पीटीयू केवल आरटीआइ (सूचना का अधिकार) प्रावधानों के माध्यम से उत्तर पुस्तिका प्रदान कर रहा था। इस प्रक्रिया में समय अधिक लगता था। अकादमिक कौंसिल की बैठक की अध्यक्षता पीटीयू के उप-कुलपति प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार शर्मा ने की। प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि यह निर्णय विभिन्न परिसरों और संबंधित कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के बीच पुन: मूल्यांकन के रुझान को कम करेगा। उन्होंने कहा कि मेजर और माइनर डिग्री से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

प्लास्टिक टेक्नोलॉजी को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर किया विचार

डायरेक्‍टर (अकादमिक) डॉ. बलकार सिंह ने कहा कि जहां लॉगिन सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, वहा छात्र मैनुअल रूप से परीक्षा फॉर्म भरेगा और रजिस्ट्रार पीटीयू के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से अपेक्षित शुल्क जमा करवाएगा। इस दौरान यूनिवर्सिटी ने सभी काउंसिल सदस्यों के बीच तथ्यों और सिफारिशों की जांच करने के लिए एक समिति गठित की।

उन्‍होंने बताया कि अन्य महत्वपूर्ण एजेंडा में बीटेक (प्लास्टिक टेक्नोलोजी) पाठ्यक्रम शुरू करना और प्लास्टिक प्रौद्योगिकी के लिए अध्ययन बोर्ड, ग्रेडिंग सिस्टम में ग्रेड और मामलों के विचारों में सुधार, गैर-एआइसीटीई पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ट््यूशन फीस छूट योजना के कार्यान्वयन भी प्रमुख विचार-विमर्श का हिस्सा रहे। कुल 17 एजेंडे 51वीं अकादमिक परिषद बैठक का हिस्सा बने।


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