ऑनलाइन शिक्षा : कोविड 19 महामारी के दौर में गलगोटियाज विश्वविद्यालय किस तरह छात्र/छात्राओं को रख रहा है आगे
भारत में कोविड लॉकडाउन के बाद गलगोटियाज विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ऑनलाइन कक्षाओं असाइनमेंट्स और मूल्यांकन के तरीकों को अपनाते हुए प्रभावी शिक्षण को लगातार जारी रखा है।
आज जब दुनिया के साथ-साथ हमारा देश लॉकडाउन यानी तालाबंदी के दौर से गुजर रहा है और एक-दूसरे से समुचित शारीरिक दूरी बनाकर रखने की जरूरत है, गलगोटियाज विश्वविद्यालय भारत के उन चंद विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसने समय की मांग को देखते हुए डिजिटल रूपांतरण को आसानी से अपनाया है और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करते हुए छात्रों के लिए प्रभावी ऑनलाइन लर्निंग और मूल्यांकन की सुविधा सुनिश्चित की है।
कोविड-19 के दौर में ऑनलाइन कक्षाएं
भारत में कोविड लॉकडाउन के बाद गलगोटियाज विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ऑनलाइन कक्षाओं, असाइनमेंट्स और मूल्यांकन के तरीकों को अपनाते हुए प्रभावी शिक्षण को लगातार जारी रखा है। इस समय ऑनलाइन संसाधनों के समुचित इस्तेमाल से छात्रों के साथ-साथ विश्वविद्यालय भी अपने को आगे रखने में सफल रहा है।
गलगोटियाज विश्वविद्यालय में पिछले कई वर्षों से विभिन्न ऑनलाइन मंचों, जैसे-जूम, मूडल, गूगल क्लासरूम, गूगल हैंगआउट सर्विस, स्काइप, वेबेक्स, वर्चुअल लैब्स आदि का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बदलाव ने शैक्षिक प्रसार की दिशा में मानक भी स्थापित किए हैं।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञ ऑनलाइन सेमिनार और मास्टरक्लास के जरिए समूचे कोर्स और उससे आगे के बारे में बता-समझा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि स्टूडेंट्स को घर बैठे इंडस्ट्री एवं शिक्षा जगत के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन का अवसर मिल रहा है।
गलगोटियाज विश्वविद्यालय में सुदृढ़ और गतिशील लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए किसी तरह की शैक्षिक क्षति बिल्कुल न होने को सुनिश्चित किया गया है। इससे कोविड-19 के दौरान छात्रों की संलग्नता के साथ-साथ उनके सीखने की क्षमता को भी बढ़ाया गया है।
इस बारे में गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटिया कहते हैं, 'गलगोटियाज ने नई तकनीकों को एक दशक पहले ही अपना लिया था। हमारे स्टूडेंट इंडस्ट्री 4.0 के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों को सीखने और अपनाने में हमेशा आगे रहे हैं, जिसका परिणाम यूनिवर्सिटी के बेहतरीन प्लेसमेंट में साल-दर-साल दिखता रहा है।'
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर : लर्निंग मैंनेजमेंट सिस्टम और ई-रिसोर्सेज
गलगोटियाज में डिजिटल लर्निंग का माहौल पूरी तरह अद्यतन ऑनलाइन टूल्स, सॉफ्टवेयर्स और लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर आधारित है। ऐसा न सिर्फ ऑनलाइन टीचिंग के रूप में, बल्कि गलगोटियाज द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ऑनलाइन असेसमेंट और एग्जामिनेशन के लिए भी है। उन्नत तकनीकों को अपनाए जाने के कारण ही यहां के स्टूडेंट्स को दूसरों से काफी आगे रहने में मदद मिलती है।
कोविड संकट के दौरान गलगोटियाज के स्टूडेंट्स को 15000 से अधिक ऑनलाइन व्याख्यान, 9200 ई-लर्निंग रिसोर्सेज, 3000 से अधिक वर्चुअल क्लासरूम, 4000 से अधिक ऑनलाइन असाइनमेंट, 1000 से ज्यादा वर्चुअल वीडियोज और 500 से अधिक वर्चुअल प्रोग्रामिंग लैब्स का फायदा मिल रहा है।
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न मूक प्लेटफॉर्म्स (क्रेडिट ट्रांसफर के लिए) पर 4000 से अधिक कोर्स उपलब्ध हैं। छात्र इन ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्सों और कार्यक्रमों के जरिए अपनी लर्निंग स्किल को बढ़ा सकते हैं। ये कोर्स उन्हें उन क्षेत्रों में कुशल बना सकते हैं, जो आज के समय में इंडस्ट्री की जरूरत हैं। छात्रों को सीखने में मदद के लिए ई-रिसोर्सेज, जैसे एनपीटीईएल, स्वयं, उडेमी, कोर्सेरा, एमआईटीकोर्सवेयर के लिंक उनसे साझा किए गए हैं।
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी में इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल एप्लीकेशन डायनेमिक हैं और इन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे कि छात्रों को हरसंभव मदद मिल सके। गलगोटियाज के मोबाइल एप स्टूडेंटस को न सिर्फ उनके लेक्चर्स की योजना बनाने की सुविधा देते हैं, बल्कि उन्हें सभी सेमिनार्स, गतिविधियों, आयोजनों आदि की जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं। इतना ही नहीं, इन एप्स के जरिए छात्रों को उनकी अटेंडेंस, रिजल्ट, शिक्षकों द्वारा उपलब्ध कराए गए कोर्स हैंडआउट्स के अलावा लगातार डेवलप किए जाने वाले अन्य कई महत्वपूर्ण फीचर्स के बारे में जानने और आगे रहने में भी मदद मिलती है।
52 एकड़ के विस्तृत क्षेत्र में फैला गलगोटियाज यूनिवर्सिटी का परिसर पूरे देश में अपने डिजाइन के लिए भी जाना जाता है। यह एक ऐसा परिसर है, जो अनुभवी टीचिंग और लर्निंग के लिए जरूरी सभी विशेषताओं से संपन्न है।
ग्रेटर नोएडा में स्थित यह संस्थान भारत में निजी विश्वविद्यालयों के बीच सबसे अधिक पंजीकरण का साक्षी है, जहां 100 से ज्यादा स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सों में करीब 18,000 स्टूडेंट गुणवत्ता युक्त शिक्षा का लाभ ले रहे हैं।
इसके अलावा, यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सर्वोच्च संस्थानों के 1000 से अधिक जाने-माने फैकल्टी मेंबर्स के जरिए भी स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन दे रहा है।
एनबीए मान्यता के रूप में नई उपलब्धि
हाल ही में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) द्वारा गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के तीन प्रोग्राम्स-कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशंस को आधिकारिक मान्यता मिलने के बाद यह देश की उन चुनिंदा प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में शामिल हो गया है, जिन्हें यह गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल है। एनबीए की एक्सपर्ट कमेटी ने यूनिवर्सिटी में अपने दौरे के दौरान संबंधित सभी प्रोग्राम्स का बारीकी से मूल्यांकन करने के बाद गत 4 फरवरी, 2020 को यह मान्यता प्रदान की, जो उत्कृष्टता के प्रति यूनिवर्सिटी के समर्पण को दर्शाता है। गुणवत्ता की दिशा में अपने लगातार प्रयास के बल पर गलगोटियाज यूनिवर्सिटी आज देश की अग्रणी यूनिवर्सिटी में शुमार की जाती है।
दरअसल, एक अच्छे संस्थान का निर्धारण कई मानकों के आधार पर होता है। एनबीए सर्टिफिकेट भी उन्हीं में से एक है। इस सर्टिफिकेशन से संबंधित संस्थान के स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा फायदा मिलता है, क्योंकि प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियां एनबीए प्रमाणित यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को कहीं अधिक प्राथमिकता देती हैं। विश्व की जानी-मानी यूनिवर्सिटीज भी अपने यहां दाखिला देने में ऐसे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के स्टूडेंट्स को तवज्जो देती हैं। बैंक भी सिर्फ उन्हीं कोर्सेज के स्टूडेंट्स को लोन देते हैं, जिन्हें जिनके कोर्सेज को एनबीए मान्यता प्राप्त है।
यह मान्यता इस यूनिवर्सिटी के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर की तरह है, जिसे शुरू हुए अभी एक दशक भी नहीं हुआ है। इसके अलावा, यह टॉप क्वालिटी स्टूडेंट्स को भी आकर्षित करने में मदद करेगा और इससे छात्रों के रोजगार हासिल करने के अवसरों में भी ज्यादा सुधार आएगा।
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. प्रीति बजाज ने बताया कि, ‘इस एक्रीडिटेशन ने यूनिवर्सिटी के लिए उन 20 से अधिक देशों के लिए द्वार खोल दिए हैं, जहां पर एनबीए को स्वीकृति मिली हुई है।’ डॉ. प्रीति बजाज ने यह भी बताया कि केंद्रीय बजट में सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कौशल विकास पर विशेष जोर सहित बड़ी संख्या में नई स्कीम्स और प्रोग्राम्स को शुरू किया है, जो प्रशंसनीय है।
गलगोटियाज फैकल्टी की खासियतें
गलगोटिया यूनिवर्सिटी अपने ग्लोबल स्टैंडर्ड फैकल्टी के लिए भी जाना जाता है, जिसमें देश की बेहतरीन यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के अलावा विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज के प्रोफेशनल्स शामिल हैं, जो बेहतरीन मल्टीडिसिप्लिनरी नॉलेज रखते हैं।
कोविड 19 की इस महामारी के दौर में स्टूडेंट्स के साथ-साथ फैकल्टी मीटिंग भी ऑनलाइन की जा रही है। यहां आउटकम आधारित एजूकेशन का ध्यान में रखते हुए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, न्यू टेक्नोलॉजी, टीचिंग लर्निंग पेडागागी और न्यू क्वालिटी बेंचमार्क पर विचार-विमर्श करके इन्हें लागू किया जाता है। ऑनलाइन मूल्यांकन करने और परीक्षाएं आयोजित करने में भी यहां की फैकल्टी पूरी तरह सक्षम और तैयार है।
यहां की फैकल्टी की हमेशा यह कोशिश रहती है कि गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट्स को कोविड 19 जैसे महामारी की भावी चुनौतियों को देखते हुए लगातार प्रतिस्पर्धी होते वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुताबिक अच्छी तरह से तैयार किया जाए।
इसके लिए मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च, एजुकेशन और लर्निंग मॉडल पर फोकस करते हुए एक्टिव लर्निंग पर ज्यादा जोर दिया जाता है। यूनिवर्सिटी की भी यही आकांक्षा है कि उसे विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन के लिए दुनियाभर में जाना जाए।
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के चांसलर सुनील गलगोटिया का मानना है कि एनबीए एक्रीडिटेशन से हायर लर्निंग इंस्टीट्यूट्स में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने में लगातार मदद मिलती है। इससे यूनिवर्सिटी के इनोवेशंस और उपलब्धियों को पहचानने और अपनी मजबूतियों, कमजोरियों और अवसरों को जानने-समझने में भी मदद मिलती है।
उललेखनीय है कि गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के मजबूत विजन की बुनियाद इंजीनियरिंग और बिजनेस एजुकेशन में उसके इंस्टीट्यूशंस के पिछले एक दशक की उत्कृष्टता रही है।
रिकॉर्ड प्लेसमेंट
पिछले चार वर्षों में 90 फीसदी प्लेसमेंट रिकॉर्ड के साथ एक्सेंचर, हेविट, आइबीएम, इंफोसिस, नोकिया और सैमसंग जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों के मल्टीपल जॉब ऑफर के दम पर गलगोटियाज इंस्टीट्यूशंस ने इंडस्ट्री में टॉप परफॉर्मर का सम्मान हासिल किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, एकेडेमिक्स और प्रशासन सहित शिक्षा के सभी मामलों में गुणवत्ता के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता ने कॉरपोरेट दुनिया के समक्ष भी इसे आगे रखा है। इनोवेशन के साथ रिसर्च पर फोकस रखते हुए यह नॉलेज जेनरेशन के प्रसार के अग्रणी केंद्र के रूप में उभरा है। ग्रोथ के नए प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में नए अवसरों को तलाशने के लिए हमारा प्रयास लगातार जारी है।
टीचिंग, इनोवेशन और रिसर्च में उत्कृष्टता के प्रति समर्पण के कारण इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और लॉ के टॉप इंस्टीट्यूशंस में गलगोटियाज यूनिवर्सिटी को प्रथम रैंक प्राप्त है। यह एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है, जहां मल्टीडिसिप्लिरी स्टडी प्रोग्राम्स के तहत इंजीनियरिंग, बिजनेस, लॉ, फार्मेसी ऐंड फार्मेसी और पैरामेडिकल, लिबरल आर्ट्स, आर्किटेक्चर, नर्सिंग जैसे विभिन्न कोर्सेज ऑफर किए जाते हैं। गलगोटियाज उन चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शामिल है, जहां इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण के साथ च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू है, जिसे दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया जाता है।
मदद को बढ़े हाथ : कोविड 19 के खिलाफ जंग
गलगोटियाज यूनिवर्सिटी समाज की मदद करने के मामले में हमेशा आगे रहा है। इस क्रम में वैश्विक महामारी कोविड 19 के खिलाफ जंग के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। गलगोटियाज द्वारा वायरस के प्रसार को रोकने के क्रम में बेहद कम समय में डॉक्टरों की मेडिकल टीम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को 2200 बिस्तरों वाला क्वारंटाइन सेंटर उपलब्ध कराया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जरूरतमंदों को 6000 से ज्यादा खाने के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही, विश्वविद्यालय ने साफ-सफाई को सुनिश्चित करने के लिए 2000 सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराए हैं।
इस महामारी से लड़ने में मदद के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 रिलीफ फंड में 21 लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा भी की गई है।
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