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अब सिर्फ 3 साल में ही बनें कंपनी सेक्रेटरी, तेजी से बढ़ रही मांग

जॉब मार्केट की जरूरत और युवाओं के क्रेज को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में काम करने के अवसर ज्यादा होंगे।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:16 AM (IST)
अब सिर्फ 3 साल में ही बनें कंपनी सेक्रेटरी, तेजी से बढ़ रही मांग
अब सिर्फ 3 साल में ही बनें कंपनी सेक्रेटरी, तेजी से बढ़ रही मांग

नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया द्वारा सीएस प्रोग्राम में बदलाव किए जाने के बाद छात्रों के लिए यह कोर्स करना कहीं ज्यादा आसान हो गया है। अब आप तीन साल में ही कंपनी सेक्रेटरी की डिग्री पा सकेंगे। जॉब मार्केट की जरूरत और युवाओं के क्रेज को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में काम करने के अवसर ज्यादा होंगे। आइए जानते हैं कि आखिरकार क्यों कंपनियों में बढ़ रही है कंपनी सेक्रेटरी की डिमांड...

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सरकार की ओर से पांच करोड़ से ऊपर के शेयर वाली कंपनियों के लिए फॉर्म 22 ए अनिवार्य किए जाने के बाद पिछले एक साल में कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) की डिमांड में तेजी आई है। अपनी कानूनी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने के लिए आज हर कंपनी को एक पूर्णकालिक सीएस चाहिए, लेकिन इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक इन कंपनियों को उतने प्रशिक्षित सीएस नहीं मिल पा रहे हैं, जितने की इनको आवश्यकता है। मार्केट में सीएस की आज कमोबेश वैसी ही डिमांड देखी जा रही है, जैसी जुलाई, 2016 में जीएसटी आने के बाद से सीए और एकाउंट्स के प्रोफेशनल्स की है। यही वजह है कि पिछले एक साल में इनके सैलरी पैकेज में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

क्या है नया नियम?

भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा नियम-कायदों को सख्ती से लागू करने के लिए पिछले साल फॉर्म आइएनसी-22 ए (एक्टिव) शुरू किया गया। इस नए नियम के तहत भारत में हर वह कंपनी, जो 5 करोड़ या इससे अधिक का बिजनेस कर रही है, उसे एक परमानेंट कंपनी सेक्रेटरी रखना जरूरी कर दिया गया है, ताकि वह ई-फाइलिंग की प्रक्रिया को निभा सके। चूंकि ये प्रोफेशनल इस काम के लिए कुशल माने जाते हैं, इसलिए बोर्ड, काउंसिल, एसोसिएशन, फेडरेशन, अथॉरिटी या फिर आयोग द्वारा संचालित संस्थाओं को आज एक कुशल कंपनी सेक्रेटरी की जरूरत पड़ रही है। यही वजह है कि आजकल एक ओर जहां कंपनी सेक्रेटरी की डिमांड बढ़ रही है, वहीं इस कोर्स को करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।

सीएस की ज्यादा डिमांड

द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आइसीएसआइ) के अनुसार, देश में इस समय लगभग 50 हजार क्वालिफाइड सीएस हैं और तकरीबन 4 लाख छात्र विभिन्न स्तर पर इसकी पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन इसके उलट जरूरतमंद कंपनियों की संख्या 89,623 के लगभग है, जहां अपने रूटीन के कामकाज के लिए उन्हें कंपनी सेक्रेटरी की आवश्यकता है। मार्केट में डिमांड और सप्लाई के इसी गैप के कारण पहले की तुलना में सीएस को अपनी सेवाओं के लिए आजकल काफी अच्छा भुगतान भी मिलने लगा है। कंपनी सेक्रेटरी के लिए आजकल सबसे अधिक जॉब के मौके बैंक, वित्तीय संस्थान, स्टॉक एक्सचेंज, कंपनी लॉ बोर्ड के अलावा निजी-सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हैं। इसके अलावा, कंपनी सेक्रेटरी बतौर सलाहकार भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।

सीएस के कार्यक्षेत्र

निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में कंपनी सेक्रेटरी का पद बड़ा अहम होता है। आमतौर पर एक कंपनी सेक्रेटरी कंपनी की कानूनी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने का काम करते हैं। वे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और चेयरमैन के बीच की एक कड़ी होते हैं, जो उन्हें सभी जरूरी सूचना देने के अलावा उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के बारे में ध्यान दिलाते हैं, ताकि कंपनी का कामकाज सुचारु रूप से चलता रहे और कंपनी आगे बढ़ सके।

सीएस कंपनी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस, शेयर धारकों, सरकार और अन्य एजेंसियों के बीच भी तालमेल बनाए रखने का काम करते हैं। इन प्रोफेशनल्स को कैपिटल मार्केट, कॉरपोरेट लॉ, सुरक्षा कानून और कॉरपोरेट गवर्नेंस आदि की अच्छी जानकारी होती है, इसलिए कंपनी के कानूनी फैसलों में इनकी बड़ी भूमिका देखी जाती है। साथ ही कंपनी सेक्रेटरी मैनेजमेंट और फाइनेंस के मामले में भी काफी कुशल होते हैं। कुल मिलाकर, कंपनियों में इनका रोल कॉरपोरेट प्लानर या रणनीतिक मैनेजर के रूप में होता है। इतना ही नहीं, सीएस में सफलता के लिए व्यक्ति की कम्युनिकेशन स्किल भी बहुत अच्छी होनी चाहिए।

अब सीएस प्रोग्राम तीन साल का

पहले की तुलना में सीएस प्रोग्राम करना अब बिल्कुल भी कठिन नहीं रहा। जहां पहले 5 प्रतिशत छात्र भी यह परीक्षा पास नहीं कर पाते थे, वे अब प्रोग्राम में हुए बदलाव के बाद फाइनल में फेल होने के बाद भी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। बीते दिनों आइसीएसआइ द्वारा सीएस प्रोग्राम की अवधि भी 4 साल से घटाकर 3 साल कर कर दी गई है यानी 3 साल में ही आप यह प्रोग्राम कर सकेंगे। इससे आपका पूरे एक साल का समय बचेगा।

पहले यह कोर्स करने के लिए, इसकी तीन स्तरीय (फाउंडेशन, एग्जीक्यूटिव एवं प्रोफेशनल प्रोग्राम) परीक्षाओं को पास करने में 4 साल का समय लग जाता था, लेकिन फाउंडेशन एग्जाम की जगह अब कंपनी सेक्रेटरीज एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट (सीएसईईटी) होगा। एक अप्रैल से लागू हो रही नई व्यवस्था के तहत यह टेस्ट पास करने वाले छात्रों को सेक्रेटेरियल एग्जीक्यूटिव का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। दरअसल, अभी तक केवल सीएस प्रोफेशनल पास करने वालों को ही यह डिग्री दी जाती थी। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास युवा आइसीएसआइ द्वारा संचालित इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस कोर्स के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल होनी चाहिए।

प्रवेश परीक्षा 9 मई को

सीएस प्रोग्राम के लिए सीएसईईटी के रूप में होने वाली आगामी ऑनलाइन परीक्षा 9 मई, 2020 को आयोजित की जाएगी। इसका परिणाम 20 मई को घोषित किया जाएगा। इच्छुक अभ्यर्थी इस प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए 15 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। सफल होने वाले छात्र दिसंबर में होने वाली अगले चरण की एग्जीक्यूटिव परीक्षा भी दे सकेंगे। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट https://www.icsi.edu देखें।

आइसीएसआइ द्वारा संचालित अन्य कोर्सेज

  • सर्टिफिफाइड सीएसआर प्रोफेशनल्स।
  • सर्टिफिकेट कोर्स इन गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स।
  • सर्टिफिफाइड बैंकिंग कम्प्लाइएंस प्रोफेशनल कोर्स।
  • पोस्ट मेंबरशिप क्वालिफिकेशन कोर्स।
  • आइसीएसआइ-थर्ड कम्प्लाइएंस गवर्नेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट इन इंश्योरेंस।
  • सर्टिफिकेट कोर्स इन कम्प्लाइएंस, गवर्नेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट इन इंश्योरेंस।

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