एक पीरियड अब तनाव मुक्ति और जीवन मूल्यों पर आधारित
अब बच्चों को बाल सुलभ व सहज वातावरण उपलब्ध कराने के लिए हर दिन प्रार्थना के बाद एक पीरियड तनाव मुक्त व जीवन मूल्यों पर आधारित क्रियाकलाप यानी संजीवनी का होगा।
देहरादून, जेएनएन। बचपन की मस्तियां, शैतानियां, नादानियां, किलकारियां, हंसी, उन्मुक्तता, जिज्ञासा आदि अनेक बालसुलभ क्रियाएं पढ़ाई के बोझ तले दब गई हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली बच्चों को केवल रटना सिखा रही हैं और अधिकाधिक अंकों की दौड़ में उन्हें प्रतिस्पर्धी मात्र बना रही है। ऐसे में सर्वांगीण विकास की बात अधूरी रह जाती हैं। पर अब बच्चों को बाल सुलभ व सहज वातावरण उपलब्ध कराने के लिए हर दिन प्रार्थना के बाद एक पीरियड तनाव मुक्त व जीवन मूल्यों पर आधारित क्रियाकलाप (संजीवनी) का होगा। जिसकी शुरुआत आगामी वर्ष से प्रदेश के राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में की जाएगी। इसका पाठ्यक्रम निदेशालय अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा शिक्षण संगठनों के सहयोग से तैयार किया जा रहा है। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी ने सोमवार को शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में इसकी जानकारी दी।
आगामी एक अप्रैल से नामांकन पखवाड़ा
आगामी एक अप्रैल से 16 अप्रैल तक विद्यालयों में नामांकन पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान सभी विद्यालयों में सिद्धांत वाक्य राजकीय विद्यालय-मेरा गौरव व गवर्नमेंट स्कूल-हैप्पी स्कूल को प्रचारित किया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय इस स्लोगन के साथ अपने प्रवेश द्वार पर नामांकन के लिए बैनर के माध्यम से सरकारी विद्यालयों की विशेषताओं को प्रचारित करेगा।
सभी शिक्षक अपने आस-पास की बस्तियों में घर-घर संपर्क कर बच्चों को सरकारी विद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। प्रत्येक विद्यालय द्वारा अपने सेवित क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र, कक्षा पांच से 8 में उत्तीर्ण होने वाले बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। उनके अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी के साथ नए प्रवेश वाले बच्चों व उनके अभिभावकों का अध्यापकों व ग्राम शिक्षा समिति के सदस्यों व शिक्षाधिकारियों द्वारा स्वागत भी किया जाएगा।
'मिशन कोशिश' का भी होगा संचालन
विद्यालय में बच्चों के नामांकन के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी अप्रैल से जून तक 'मिशन कोशिश' कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। जिसमें शिक्षक प्रत्येक बच्चे को उसकी पूर्व कक्षा में कम सम्प्राप्ति वाले सम्बोधों पर उपचारात्मक शिक्षण करेंगे। साथ ही प्रत्येक बच्चे को मूलभूत भाषायी दक्षताओं-सुनना, बोलना, पव लिखना के साथ-साथ मूल गणितीय संक्रियाओं जोड़, घटाना, गुणा व भाग में दक्ष किया जाएगा।
हर तिमाही आयोजित करें बैठक
शिक्षक संगठनों ने ऐसी बैठक हर तिमाही आयोजित करने की अपेक्षा की। जिस पर निदेशक ने सहमति व्यक्त की है। बैठक में सीमैट से शशि चौधरी, एसबी जोशी, डॉ. मोहन बिष्ट, डॉ. मदन उनियाल, डॉ. जगमोहन बिष्ट, डॉ. विनोद ध्यानी, एससीईआरटी अपर निदेशक अजय नौडियाल, कंचन देवराड़ी, प्रदीप रावत, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय चौहान, महामंत्री नंदन सिंह रावत, कोषाध्यक्ष जनक सिंह राणा, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला व प्रधानाचार्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रकाश चंद्र सुयाल उपस्थित रहे।
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