UPPSC PCS J Result 2019: सेल्फ स्टडी के बल पर किसान की बेटी ने रचा इतिहास, 19वां स्थान किया हासिल
अगर हौंसले बुलंद हो और मन में कुछ करने का जज्बा तो कोई काम मुश्किल नहीं होता कुछ ऐसा ही कर दिखाया गुरुग्राम के बेगमपुर खटोला की बेटी सुमन चौहान ने।
गुरुग्राम, जेएनएन। हौसले बुलंद हों, तो हर मंजिल आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया गुरुग्राम के बेगमपुर खटोला की बेटी सुमन चौहान ने। सुमन चौहान अब उत्तर प्रदेश में न्याय की कुर्सी पर बैठेंगी। सुमन ने उत्तर प्रदेश की सिविल जज की परीक्षा में 19वां स्थान हासिल किया है। सुमन अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। सुमन का कहना है कि वे अपने सपनों को उड़ाने देने के लिए लगातार प्रयास करती रहीं और आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई।
सेल्फ स्टडी को दी प्राथमिकता
सुमन चौहान का कहना है कि उन्होंने परीक्षा को गंभीरता से लिया। ऐसे में किसी कोचिंग सेंटर का सहारा न लेते हुए सेल्फ स्टडी को ही प्राथमिकता दी। उनका कहना है कि यदि लगन और मेहनत से प्रयास किया जाए तो मंजिल पाना मुश्किल नहीं है। एक बार विफल होने पर हारें नहीं बल्कि दोगुने जोश और हिम्मत के साथ दोबारा प्रयास करें। यही सफलता का मूल मंत्र है। वे इसी सेल्फ स्टडी के बूते लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रही हैं।
सुमन हरियाणा में भी एडीए (सहायक जिला न्यायवादी) रह चुकी हैं, लेकिन सरकारी वकील बनना ही उनकी मंजिल नहीं थी बल्कि वे जज बनना चाहती थीं। ऐसे में वे पिछले दो साल से न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही थी। अथक प्रयास और अपने सपनों को पंख लगाने की लगन ने उन्हें जज की कुर्सी पर बैठा ही दिया। सुमन अपनी इस बेहतरीन सफलता को श्रेय अपने अभिभावक और परिवार को देती हैं।
माता-पिता के सपने को किया पूरा
सुमन कहती हैं कि वे जज बनने से काफी खुश हैं, क्योंकि उन्होंने अपने अभिभावकों का सपना पूरा किया है। सुमन ने अपनी स्नातक की पढ़ाई बीकॉम ऑनर्स में दिल्ली विश्वविद्यालय से किया। इसके बाद वे अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने में जुट गईं और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है।
सुमन के पिता अरुण चौहान ने बताया कि वे पेशे से किसान हैं। उनकी चार बेटियां हैं और सबसे छोटा बेटा है जो कक्षा छह में पढ़ रहा है। सुमन उनकी सबसे बड़ी बेटी है। अरुण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के समर्थक हैं और समाज सेवा भी करते हैं। उनका सपना था कि उनकी बेटी जज बने, इसी सपने को पूरा करने के लिए सुमन ने भी दिन-रात पढ़ाई की। उनकी बेटी क्षेत्र की अन्य बेटियों और उनके अभिभावकों के लिए मिसाल बनी है।
मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा की लिखित परीक्षा भी की है पास
सुमन चौहान बताती हैं कि वे पहले भी अपनी मेहनत और लगन के बूते मध्य प्रदेश की न्यायिक सेवा की लिखित परीक्षा पास कर चुकी हैं, लेकिन साक्षात्कार में सफल नहीं हो पाईं। ऐसे में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी बल्कि लगातार प्रयासरत रहीं और अंत में अपनी मंजिल को पा ही लिया। इस बार दोबारा से मध्य प्रदेश में न्यायिक सेवा की परीक्षा दी थी जिसमें उनको सफलता हासिल हुई है।