Delhi: ज्ञान का खजाना चाहिए तो चले आइए, 40 साल बाद भी बरकरार है वही जादू
1972 से शुरू हुआ टोडरमल रोड मंडी हाउस स्थित नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) का पालिका पुस्तकालय पाठकों को खूब आकर्षित करता है।
नई दिल्ली [ रितु राणा]। किताबें पढ़ने से ही ज्ञान की वृद्धि होती है। बिना बोले किताबें सबकुछ कह जाती हैं, इसलिए किसी भी ज्ञानी और विद्यार्थी के लिए किताबों से बढ़कर कई उपहार नहीं, होता, किताबों का भंडार पुस्तकालय तो पाठकों की सबसे प्रिय जगह होती है। पुस्तक प्रेमियों को पुस्तकालय कहीं से भी अपनी ओर खींच ही लाता है। ठीक इसी तरह टोडरमल रोड, मंडी हाउस स्थित नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) का पालिका पुस्तकालय पाठकों के लिए ऐसी जगह है, जहां वह सुकून से बैठकर पढ़ सकते हैं। 1972 से शुरू हुआ यह पुस्तकालय पाठकों को खूब आकर्षित करता है। पालिका कम्यूनिटी सेंटर के प्रथम तल पर यह पुस्तकालय स्थित है। पुस्तक प्रेमियों के लिए सुकून से बैठकर पढ़ने की यह अच्छी जगह है।
ज्यादातर पाठक यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले आते हैं। शांत वातावरण के बीच स्थित इस पुस्तकालय के पास में ही बंगाली मार्केट और दिल्ली विश्वविद्यालय का लेडी इर्विन कॉलेज है जिस कारण यहां कॉलेज के भी कई छात्र-छात्राएं यहां फुर्सत के पल में पढ़ने आते हैं।
नई दिल्ली के अलावा यहां उत्तरी दिल्ली व यमुनापार से भी कई पाठक आते हैं। यहां हिंदी साहित्य, हिंदी कविता, हिंदी नाटक, हिंदी उपन्यास, धार्मिक ग्रंथ, इतिहास, कंप्यूटर, पत्रकारिता, चिकित्सा, कुकिंग, हास्य व्यंग्य, व्यंजन, दर्शनशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र आदि पुस्तक खंड बने हुए हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय समेत लगभग सभी राष्ट्रीय नेताओं की जीवनी का संग्रह भी यहां मौजूद है। नेताओं के बारे में दिलचस्पी रखने वाले पाठकों के लिए यह पुस्तकालय अच्छा विकल्प है। वहीं, 5 से 12 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए भी सैकड़ों किताबें मौजूद हैं। बच्चों के लिए ज्ञानवर्धन से लेकर मनोरंजन की भी किताबें हैं।
पंजाबी व उर्दू प्रेमियों के लिए भी है अच्छी किताबों भी भरमार
जिन पाठकों की हिंदी के अलावा पंजाबी व उर्दू भाषा में रुचि है उनके लिए यहां कई अच्छी किताबों का विकल्प मौजूद है। इस्लामी चिंतन अते पंजाबी सू्फी कविता, त्वरित संत खालसा भाग-2 सिख गुरु इतिहास आदि कई किताबों का यहां भंडार है। वहीं, उर्दू के शौकीनों के लिए डॉ. साहिर शिवि और उनके अदबी कारनामे, गालिब और गालिब आलोचनात्मक लेख आदि उर्दू की रोचक व कई पठनीय किताबों का संग्रह इस पुस्तकालय में मौजूद है।
हिंदी साहित्य में रुचि रखने वालों के लिए मनु भंडारी का कथा साहित्य, हरिशंकर परसाई का व्यगंय साहित्य के अलावा स्त्रीवाद व दलिय साहित्य सहित सैकड़ों कविता, उपन्या और, कहानियों की कई किताबें यहां आसानी से मिल जाएंगी।
कुछ खास किताबों जो पाठकों को खूब भाती हैं
पुस्तकालय प्रमुख रमा शर्मा ने बताया कि वैसे तो इस पुस्तकालय में कई ज्ञानवर्धक व रोचक किताबें उपलब्ध हैं, लेकिन करन जोहर की जीवनी एन अनस्टेबल बॉय, चेतन भगत की द गर्ल इन रूम नंबर 105, रूपेश दुबे की बोल बच्चन, नई दिल्ली दिल्ली का आठवां शहर, स्टीफेन हॉकिंग की अ ब्रीफ हिस्ट्री अॉफ टाइम, सी. राजा मोहन की मोदीज वर्ल्ड, जोसेफ मर्फी की द पॉवर ऑफ योर कोन्शिंयस माइंड आदि कुछ खास किताबें हैं जो पाठकों को खूब पसंद हैं और वह यह किताबें बार-बार पढ़ने आते हैं।
बता दें कि पालिका पुस्तकालय सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक पाठकों के लिए खुला रहता है। महीने के दूसरे शनिवार और हर रविवार यह बंद रहता है।
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