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डीयू छात्रा निकिता का कमाल, हासिल किए 4 गोल्ड मेडल

DU Convocation डीयू के हिंदू कॉलेज की एमएससी सांख्यिकी (स्टैटिसटिक्स) की छात्रा निकिता भटेजा ने पूरे विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में शीर्ष स्थान हासिल किया।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 10:26 AM (IST)
डीयू छात्रा निकिता का कमाल, हासिल किए 4 गोल्ड मेडल
डीयू छात्रा निकिता का कमाल, हासिल किए 4 गोल्ड मेडल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 96वें दीक्षा समारोह में विश्वविद्यालय ने 3 लाख छात्रों को डिग्री जारी करके इतिहास रच दिया है। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व विशेष अतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डी पी सिंह शामिल हुए। डीयू के हिंदू कॉलेज की एमएससी सांख्यिकी (स्टैटिसटिक्स) की छात्र निकिता भटेजा ने पूरे विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में शीर्ष स्थान हासिल किया। उनके 94 फीसद अंक आए हैं। उन्हें चार स्वर्ण पदक और पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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इससे पहले उन्होंने डीयू के रामजस कॉलेज से वर्ष 2014 से 2017 में बीएससी स्टैटिसटिक्स ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की थी। तब उनके 93 फीसद अंक आए थे। निकिता को जेएन मित्र मेमोरियल पदक व एसआर गुप्ता मेमोरियल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। निकिता जून 2019 से एचडीएफसी बैंक में रिस्क एनालिस्ट के तौर पर सेवाएं दे रही हैं। उनके पिता रवि भटेजा, माता योग भटेजा और बड़ी बहन नेहा भटेजा बहुत खुश हैं। निकिता ने कहा, मैं एक विषय के सभी चैप्टर को एक साथ नहीं पढ़ा करती थी बल्कि इन्हें एक सप्ताह में बांट दिया करती थीं।

48 साल के नरोत्तम को प्राप्त हुई एमए बुद्धिस्ट स्टडीज की डिग्री

48 साल के नरोत्तम सिंह के एमए बुद्धिस्ट स्टडीज में 79 फीसद अंक आए हैं। उन्हें भी डीयू के 96वें दीक्षा समारोह में डिग्री एवं अच्छे अंक लाने के लिए स्वर्ण पदक मिला है। मौसम विभाग में मौसम वैज्ञानिक रहे नरोत्तम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर पढ़ाई करने की ठानी और स्वर्ण पदक हासिल किया। इससे पहले उन्होंने बीएससी फिजिक्स ऑनर्स की पढ़ाई 1993 में डीयू से की थी। साथ ही 1996 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स की पढ़ाई की थी। नरोत्तम ने कहा कि जिंदगी में हर मनुष्य को अपनी इच्छा अनुसार काम करना चाहिए। वह काम करें जिसमें आपको खुशी मिलती है।

वियतनाम के 22 साल के छात्र को संस्कृत में है दिलचस्पी

वियतनाम के 22 साल के निगुएन को भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए स्वर्ण पदक से नवाजा गया है। वह डीयू से ही एमए करने के लिए दिल्ली आए थे। उन्होंने बताया कि मेरी संस्कृत में दिलचस्पी है। मुङो एमए बुद्धिस्ट स्टडीज की डिग्री मिली है। मैंने संस्कृत का सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम डीयू से पूरा किया है। अब मैं इसमें डिप्लोमा की पढ़ाई करूंगा।


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