Move to Jagran APP

Motivational Story: कभी दो वक्त की रोटी को तरसता था ये शख्स,आज IAS बनकर बदल डाली तकदीर

Motivational Storyकहते हैं कि अगर एक बार इरादा पक्का कर लिया जाए तो फिर लक्ष्य मिलना मुश्किल नहीं होता है। इस बात को सच साबित कर दिखाया है महाराष्ट्र के अंसार अहमद शेख ने।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2020 07:51 AM (IST)
Motivational Story: कभी दो वक्त की रोटी को तरसता था ये शख्स,आज IAS बनकर बदल डाली तकदीर
Motivational Story: कभी दो वक्त की रोटी को तरसता था ये शख्स,आज IAS बनकर बदल डाली तकदीर

Motivational Story: कहते हैं कि अगर एक बार इरादा पक्का कर लिया जाए तो फिर लक्ष्य मिलना मुश्किल नहीं होता है। इस बात को सच साबित कर दिखाया है महाराष्ट्र के जालना जैसे छोटे से गांव से ताल्‍लुक रखने वाले अंसार अहम शेख ने। अंसार ने महज 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने ये सफलता पहले प्रयास में पाई है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार में कई बार अंसार को दो वक्त तक का खाना तक नहीं मिल पाता था। ऐसे हालातों में अंसार ने कैसे पाया ये मुकाम आइए जानते हैं।

prime article banner

अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 371 वीं रैंक हासिल करने वाले अंसार के पिता ऑटो ड्राइवर थे। हर दिन केवल 100 या डेढ़ सौर रुपये की कमाई होती थी। वहीं मां खेतों में मजदूरी करती थी। अंसार दो बहनें और दो भाई थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंसार के पिता को नशे की लत थी। इसकी वजह से पूरे परिवार को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा था। कई बार तो हालात इतने बदतर होते थे कि दो वक्त का खाना मुश्किल हो जाता था। इस वजह से अंसार के बड़े भाई को गैराज में मैकेनिक का काम करना पड़ा। वहीं अंसार के पिता उनकी भी पढ़ाई रोकना चाहते थे।

टीचर ने समझाया: 

अंसार ने एक इंटरव्यू में बताया कि, जब वे महज चौथी कक्षा में थे तो उनके पिता ने उनकी पढ़ाई रोकने का मन बना लिया था लेकिन बाद में टीचर के कहने पर उनकी पढ़ाई जारी रही। 

12वीं 91 फीसदी अंक: 

अंसार बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे। इस बात को उन्होंने प्रूफ भी कर दिखाया। 10वीं में अच्छे मार्क्स हासिल किए। 12वीं में 91 फीसदी लाकर सबको हैरत में डाल दिया। 

ऐसे मिली प्रेरणा:

अंसार ने बताया, ‘पढ़ाई के दौरान एक शख्स ने यूपीएससी एग्‍जाम के बारे में बताया कि यह परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठितम परीक्षाओं में से एक है। इसके बाद से ही उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें यही एग्जाम क्रैक करना है।

वेटर का किया काम:

यूपीएससी की परीक्षा तैयारी के पैसे जुटाने के लिए होटल में वेटर का काम किया। यहां लोगों को पानी सर्व करने से लेकर मैं फर्श पर पोछा तक लगाता था। यहां सुबह आठ बजे से रात के ग्‍यारह बजे तक काम करता था।

2015 में मिली सफलता:

जॉब के साथ-साथ अंसार यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे।आख़िरकार उनकी मेहनत रंग लाई। साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी। उन्होंने देश भर में 371वीं रैंक हासिल की थी। 

 फोटो क्रेडिट-फेसबुक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.