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महाराष्ट्र सरकार का एलान, गांवों में सेवा देने को तैयार छात्रों को मिलेगा 10 फीसद MBBS कोटा

महाराष्ट्र सरकार का यह एलान ऐसे उम्मीदवारों के लिए है जो अपनी इच्छा से गांवों में जाकर 05 से 07 साल की सेवा देना चाहते हैं। जिसके साथ कुछ कड़े नियम भी जुड़े हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:20 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 11:41 AM (IST)
महाराष्ट्र सरकार का एलान, गांवों में सेवा देने को तैयार छात्रों को मिलेगा 10 फीसद MBBS कोटा
महाराष्ट्र सरकार का एलान, गांवों में सेवा देने को तैयार छात्रों को मिलेगा 10 फीसद MBBS कोटा

मुंबई, जेएनएन। महाराष्ट्र सरकार ने ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया है। जिसके मुताबिक राज्य सरकार ने एमबीबीएस की 10 फीसद और मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन की 20 फीसद सीटों को उन डॉक्टरों के लिए रिजर्व रखने का फैसला किया है जो पांच से सात साल के लिए ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा देने को तैयार हैं। राज्य सरकार ने यह फैसला गांवों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए किया है। ताकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी पर्याप्त इलाज मिल सके।

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महाराष्ट्र सरकार का यह एलान ऐसे उम्मीदवारों के लिए है जो अपनी इच्छा से गांवों में जाकर 05 से 07 साल की सेवा देना चाहते हैं। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव के साथ कुछ कड़े नियम भी जुड़े हैं। कोर्स खत्म होने के बाद यदि उम्मीदवार राज्य द्वारा संचालित अस्पतालों में अपनी सेवा देने में असफल होते हैं उन्हें पांच साल की सजा दी जाएगी और इतना ही नहीं उनकी डिग्री भी रद की जा सकती है। सोमवार को राज्य कैबिनेट द्वारा यह प्रस्ताव पास कर दिया गया है। अब इस कानून के लिए सरकार विधेयक लेकर आएगी।

प्रसताव के अनुसार ये रिजर्व्ड सीटें राज्य और सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ उन उम्मीदवारों को भी दी जाएंगी जो सरकारी केंद्रों में लंबे समय तक काम करना चाहते हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि शुरूआती दौर में करीब 450-500 एमबीबीएस सीटें इस कोटे के तहत रखी जा सकती हैं, वहीं इन-सर्व‍िस एमबीबीएस कैंडिडेट्स के लिए 300 पोस्ट ग्रेजुएशन सीटें हो सकती हैं।

चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख डॉक्टर टी पी लहाने ने कहा, 'राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों और पहाड़ी या दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जा सके। जो उम्मीदवार इस कोटेका लाभ चाहते हैं उनको कोटा के तहत सीट पाने वाले छात्रों को एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने होंगे। यदि किसी भी तरह का कोई उल्लंघन उम्मीदवार करता है तो पांच साल की जेल के साथ ही डिग्री रद करने तक का प्रावधान है।

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