Sushma Swaraj: हरियाणा के इस छोटे से कॉलेज में पढ़ीं सुषमा स्वराज, तब भी थीं टॉप डिबेटर
Sushma Swaraj Educational Background अपनी भाषण कला के लिए मशहूर स्वराज कॉलेज के समय बेस्ट डिबेटर हुआ करती थीं। आइए जानते हैं उनके छात्र जुड़ी कहानियां...
नई दिल्ली, जेएनएन। सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति के कद्दावर नेताओं मे से एक थीं। उन्होंने महिलाओं को बताया कि कैसे राजनीतिक घराने से आए बिना ही राजनीति में पैर जमाया जाता है। हरियाणा के छोटे से कॉलेज से पढ़ीं स्वराज लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ती चली गईं। वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं और आखिर में उन्होंने देश के विदेश मंत्री के तौर पर सेवाएं दीं। अपनी भाषण कला के लिए मशहूर स्वराज कॉलेज के दिनों में भी बेस्ट डिबेटर हुआ करती थीं। आइए जानते हैं उनके छात्र जीवन से जुड़ी कहानियां...
हरियाणा के इस कॉलेज से की थी पढ़ाई
सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ था। 14 फरवरी 1952 को पैदा हुईं स्वराज ने अपना ग्रेजुएशन हरियाणा के सनातन धर्म कॉलेज (S.D. College) से किया। स्वराज का परिवार और यह कॉलेज दोनों ही पहले पाकिस्तान में हुआ करते थे। उनका परिवार लाहौर से आकर हरियाणा में बसा था और उनके कॉलेज की स्थापना भी लाहौर में हुई थी। इस कॉलेज की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। आजादी के बाद साल 1948 में एक बार फिर एस डी कॉलेज को वापस अंबाला में स्थापित किया गया। सुषमा स्वराज ने यहां से राजनीति विज्ञान और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया।
चंडीगढ़ से किया था LL.B
ग्रेजुएशन के बाद सुषमा स्वराज ने चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई की। पंजाब यूनिवर्सिटी से उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के मामले वह पहले से ही अव्वल थीं। उन्हें साल 1970 में ग्रेजुएशन के दौरान बेस्ट स्टूडेंट ऑफ दी ईयर का पुरस्कार भी दिया गया था। इसके अलावा एसडी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्हें बेस्ट NSS कैडर के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। हरियाणा के भाषा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरी वाद-विवाद प्रतियोगिता में उन्होंने लगातार तीन साल बेस्ट हिंदी डिबेटर का अवॉर्ड जीता। वह पंजाब यूनिवर्सिटी में बेस्ट डिबेटर रहीं। इसके अलावा वह चार साल तक हरियाणा राज्य के हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष भी रहीं।
छात्र राजनीति में रहीं सक्रिय
छात्र राजनीति को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। लेकिन छात्र राजनीति ने इस देश को कई कद्दावर नेता दिए हैं। सुषमा स्वराज इनमें से एक थीं। सुषमा स्वराज के राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा की ही छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई थी। छात्र राजनीति के समय से ही वह काफी अच्छी प्रवक्ता थीं। वर्ष 1977 में उन्हें मात्र 25 वर्ष की आयु में हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उन्होंने अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए विधायक का चुनाव जीता था। 1977 से 79 तक वह राज्य की श्रम मंत्री रहीं। 80 के दशक में भाजपा के गठन के वक्त ही वह पार्टी में शामिल हो गईं थीं। 1987 व 1990 में भी वह अंबाला छावनी से विधायक चुनीं गईं। महज 27 वर्ष की उम्र में वह हरियाणा में भाजपा की अध्यक्ष बन गईं थीं।
बता दें कि मंगलवार देर रात दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। सुषमा स्वराज ने जो योगदान भारतीय राजनीति को दिया, उसकी पूर्ति होना लगभग मुश्किल है। वह महिलाओं के लिए भारतीय राजनीति में हमेशा एक आइकॉन रहेंगी।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप