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कुर्ग में शुरू होगा भारत का पहला एनवायरनमेंट स्कूल, ये छात्र ले सकेंगे दाखिला

देश के इस पहले वर्ल्ड एनवॉयरनमेंट स्कूल में स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल पाठ्यक्रम मिलेगा जिसे कैंब्रिज असेसमेंट्स और इंटरनेशनल बैचलोरेट द्वारा मान्यता प्राप्त होगी।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 12:09 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 12:09 PM (IST)
कुर्ग में शुरू होगा भारत का पहला एनवायरनमेंट स्कूल, ये छात्र ले सकेंगे दाखिला
कुर्ग में शुरू होगा भारत का पहला एनवायरनमेंट स्कूल, ये छात्र ले सकेंगे दाखिला

नई दिल्ली [अंशु सिंह]। कुर्ग अब तक एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान रखता था। देश-विदेश से सैलानी यहां की नैसर्गिक सुंदरता के बीच वक्त बिताने आते रहे हैं। लेकिन जल्द ही यहां एक ऐसा स्कूल शुरू होने जा रहा है, जहां स्टूडेंट्स को नैतिक शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण से जुड़े विषयों से अवगत कराया जाएगा। इस पर्यावरण स्कूल को वर्ल्ड एनवायरनमेंट स्कूल के नाम से जाना जाएगा। यहां छठी से 12वीं के स्टूडेंट्स पढ़ सकेंगे। इस स्कूल की स्थापना मोबियस फाउंडेशन द्वारा की जा रही है और इसके पहले सत्र की शुरुआत मार्च 2021 से होने की संभावना है।

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स्कूल में होगा इंटरनेशनल करिकुलम

मोबियस फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप बर्मन ने बताया कि कुर्ग की सुंदर पहाडिय़ों के बीच लगभग 100 एकड़ में इस स्कूल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स के साथ-साथ अभिभावकों को जागरूक करना है। ब्रिटेन के विख्यात व्हीटगिफ्ट स्कूल की सहायता से इस स्कूल को शुरू किया जा रहा है। व्हीटगिफ्ट स्कूल वल्र्ड अकादमिक सहायता उपलब्ध कराएगा। सेंटर फॉर एनवॉयरनमेंट एजुकेशन के साथ ही यह करिकुलम निर्माण की जिम्मेदारी भी निभाएगा। सिलेबस के अलावा यह बेहतर लर्निंग प्रैक्टिस को स्थापित करने में सहायता भी करेगा।

सस्टेनेबल शिक्षा को प्रोत्साहन

डॉ.बर्मन ने कहा कि यह स्कूल हमारी टीम का सपना है। इसके माध्यम से हम सस्टेनेबल शिक्षा को प्रोत्साहित कर पाएंगे। स्कूल में नवोन्मेषी कार्यक्रम के अलावा अनुभवी शिक्षकों की समृद्ध टीम होगी, जिससे स्टूडेंट्स में जीवन जीने के लिए जरूरी कौशल विकास भी हो सके।

पर्यावरण स्कूल की बढ़ती भूमिका

व्हीटगिफ्ट के हेडमास्टर क्रिस रामसे ने बताया कि आज प्रत्येक व्यक्ति को प्राकृतिक संसाधनों को बचाने का प्रयास करना चाहिए। इसमें विशेष पर्यावरण स्कूलों की भी बड़ी भूमिका हो सकती है,जहां बच्चों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने से व्यापक समाज में एक बदलाव की गुंजाइश बनेगी। इसी लक्ष्य के साथ हमने मोबियस फाउंडेशन के साथ भागीदारी की है और भारत के पहले पर्यावरण स्कूल की नींव रखने जा रहे हैं। दरअसल,तेजी से हो रहे पर्यावरण क्षय के साथ पर्यावरणीय शिक्षा की जरूरत भी बहुत तेजी से बढ़ रही है।


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