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JNU ने स्टूडेंट्स को दी चेतावनी, लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

JNU जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जेएनयू (JNU) ने स्टूडेंट्स को चेतावनी दी है कि अगर कोई स्टूडेंट्स लॉकडाउन के नियमोंं को तोड़ता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2020 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 12:40 PM (IST)
JNU ने स्टूडेंट्स को दी चेतावनी, लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई
JNU ने स्टूडेंट्स को दी चेतावनी, लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जेएनयू (Jawaharlal Nehru University, JNU) ने स्टूडेंट्स को चेतावनी दी है कि अगर कोई स्टूडेंट्स लॉकडाउन के नियमोंं को तोड़ता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जेएनयू ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन ऑफिशियल वेबसाइट jnu.ac.in पर जारी किया है। जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जेएनयू के आवश्यक सेवा प्रदाता विश्वविद्यालय समुदाय की जरूरतों को पूरा करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं।

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लेकिन यूनिवर्सिटी के संज्ञान में पाया गया है कि कुछ छात्र खुलेआम कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे में यह अपने साथ-साथ पूरे समुदाय को गंभीर स्वास्थ्य खतरे में डाल रहे हैं। इसके अलावा यह भी संज्ञान में आया है कि दुकानदारों और सुरक्षा में तैनात गार्ड की ओर से सामाजिक दूरी बनाने और मास्क पहने जाने के निवेदन को वे अनदेखा कर रहे हैं। इसके अलावा इन स्टूडेंट्स को बिना किसी आवश्यक जरूरत के सड़कों पर साइकिल चलाते हुए और सड़क पर चलते भी देखा गया है। विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूनिवर्सिटी ने कहा है कि अगर स्टूडेंट्स नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि इस वक्त देश भर में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन चल रहा है। इस वायरस से बचने के लिए पहले 14 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाया गया थ। लेकिन लगातार मामले बढ़ने की वजह से राष्ट्रव्यापी बंद को हाल ही में पीएम मोदी ने बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया है। हालांकि इस बंद के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से लॉकडाउन तोड़ने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इन पर प्रशासन उचित कार्रवाई भी कर रही है। वहीं अगर इस वायरस से संक्रमित लोगोंं की बात करें तो अब तक 14 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। हालांकि ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी अधिक है।    


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