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पढ़ाई को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं JNU के छात्र

पढ़ाई को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं JNU के छात्र। आइये जानते है शिक्षा के पर क्या कहते हैं जेएनयू के छात्र।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 04:13 PM (IST)
पढ़ाई को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं JNU के छात्र
पढ़ाई को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं JNU के छात्र

नई दिल्ली, जासं। जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा कि जेएनयू प्रशासन शीतकालीन सेमेस्टर को शुरू करने से पहले मानसून सेमेस्टर की प्रक्रिया को पूरा करे। जब तक ऐसा नहीं किया जाता है, तब तक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक शोध छात्रों के लिए उनके प्रजेंटेशन के टाइम टेबल, जेएनयू प्रवेश परीक्षा के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से बातचीत नहीं करेंगे। इसके अलावा अन्य अकादमिक गतिविधियों का भी हिस्सा नहीं बनेंगे।

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5 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसक घटना को लेकर शुक्रवार को जेएनयू शिक्षक संघ ने गर्वनिंग बॉडी की बैठक में प्रस्ताव पास किया। इसमें उन्होंने मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की। बैठक में कहा गया कि 5 जनवरी की घटना के सभी पहलुओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए। ताकि दोषियों को सामने लाकर उन पर कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और दिल्ली पुलिस की तरफ से जेएनयू के शिक्षकों को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए प्रशासन द्वारा जेएनयू में सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति को लेकर, छात्रवास में वॉर्डन की नियुक्तियां व अन्य फैसलों को भी इस न्यायिक जांच में शामिल किया जाना चाहिए। प्रशासन के परिपत्र को अस्वीकार्य किया गया है।

जेएनयू शिक्षक संघ ने प्रशासन के शीतकालीन सेमेस्टर की कक्षाओं को शुरू करने और 13 जनवरी को प्रशासन की ओर से एक परामर्श के तहत जारी किए गए परिपत्र को अस्वीकार्य किया है। प्रशासन ने 13 जनवरी को कहा था कि जेएनयू शिक्षक संघ ने बैठक में अकादमिक गतिविधियों में असहयोग की घोषणा की थी। प्रशासन ने उन्हें ऐसा ना करने की सलाह दी थी।

5 जनवरी की घटना की हो न्यायिक जांच- जेएनयू शिक्षक संघ

जेएनयू से पढ़ रहे कोरियाई भाषा के प्रथम वर्ष के छात्र शुभम कुमार  ने बताया कि केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में विरोध के नाम पर छात्र खुद का नुकसान कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शनों के कारण अकादमिक व्यवस्था के संचालन में भारी दिक्कतें आईं। अब हमारी कक्षाओं की अधिसूचना जारी कर दी गई है। हमारे केंद्र की कक्षाएं 20 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है। भाषा के पाठ्यक्रम में जितने भी चैप्टर बीते सेमेस्टर में पूरे नहीं हो पाए थे। उन्हें इस सेमेस्टर में अच्छी तरह से पूरा करूंगा।

विक्रम सिंह, प्रथम वर्ष, (कोरियाई भाषा)  ने कहा कि सिर्फ पढ़ाई से ही छात्र अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। मैं कोरियाई भाषा का छात्र हूं, अगर किसी प्रदर्शन के कारण कक्षाएं और पढ़ाई बाधित होती है मैं इसे गलत मानता हूं। बहुत से विषय हैं जिन्हें गंभीरता से कक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाना जरूरी होता है। अगर कक्षाएं बाधित होंगी तो पाठ्यक्रम पूरा कैसे होगा। लिहाजा, मेरे लिए पढ़ाई सबसे ऊपर है।

यूनवर्सिटी में पढ़ रहे रशियन भाषा के छात्र गौरव कुमार ने बताया कि मेरा सपना था कि यहां पर दाखिला लूं और पढ़ाई पूरी करके माता-पिता के सपनों को पूरा करूं। मैंने अपने ढाई साल के इस संस्थान के समय में यह देखा है कि छात्रों ने अपनी मांगों के लिए सबसे लंबा प्रदर्शन किया जिसकी वजह से कक्षाएं बाधित हो रही थीं। लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं अकादमिक गतिविधियों में छात्र हिस्सा ले रहे हैं।

कुमार आशुतोष, स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिट्रेचर एंड कल्चर स्टडीज ने कहा कि  पढ़ाई का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है। विचारधारा अलग हो सकती है और छात्र हितों व अधिकारों के लिए आवाज भी उठानी चाहिए। लेकिन पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए। ये अच्छी बात है कि अब धीरे-धीरे स्थिति बेहतर हो रही है और छात्र अपनी कक्षाओं में पढ़ने के लिए जा रहे हैं। बीते दिनों के घटनाक्रम को भूलकर अब छात्रों को आगे अपने भविष्य की पढ़ाई के बारे में विचार करने की जरूरत है।

राकेश कुमार, पीएचडी, स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज जेएनयू में लेफ्ट-राइट विंग के बीच मतभेद होते आए हैं। छात्र सभी विचारधाराओं का स्वागत भी करते हैं। लेकिन कोई भी प्रदर्शन व आंदोलन के कारण सामान्य छात्रों की अकादमिक गतिविधियों पर रुकावट नहीं आनी चाहिए। यह भी उचित नहीं है कि अचानक फीस बढ़ाकर दी जाए। लेकिन अब फीस में राहत दी जा चुकी है। जिसके कारण संस्थान अब सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है।

संदीप, तीसरा वर्ष, फ्रेंच लैंग्वेज ने कहा कि यह प्रदर्शन इसलिए ही हुआ ताकि गरीब छात्रों को किफायती शिक्षा मिले और इसमें किसी भी रूप में बाधा न आए। लेकिन जेएनयू अपनी अकादमिक प्रतिष्ठा के लिए जाना चाहता है। ऐसे में पढ़ाई को किसी भी कारण से दरकिनार नहीं किया जा सकता है। संस्थान में ऐसी स्थिति नहीं बननी चाहिए कि छात्र पढ़ना चाहते हों लेकिन अन्य कारणों से पढ़ाई न कर पा रहे हैं। अब छात्र पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं।

देव, एमए प्रथम वर्ष, चीनी भाषा कोर्स के छात्र ने कहा कि पढ़ाई किसी भी शिक्षण संस्थान में सबसे महत्वपूर्ण होती है। किसी भी कारण से अकादमिक व्यवस्था पर बाधा आती है और छात्र व प्रशासन के बीच किसी मामले को लेकर गतिरोध बढ़ जाता है। तो उसे बातचीत के जरिये समाधान निकालना जरूरी हो जाता है। प्रदर्शन करना अपनी जगह ठीक है लेकिन रोजमर्रा की पढ़ाई में हड़ताल, प्रदर्शन करने कारण दिक्कत नहीं आनी चाहिए। मैं पढ़ाई करने के लिए अपनी कक्षाओं में जाऊंगा।

स्पेनिश लैंग्वेज कोर्स कर रहे देवी लाल ने कहा कि मेरे लिए पढ़ाई सवरेपरी हैं। अब जल्द ही मेरे पाठ्यक्रम की कक्षाएं शुरू होंगी। जेएनयू जैसे शिक्षण संस्थान में प्रवेश परीक्षा के तहत दाखिला होता है। ऐसे में छात्रों के लिए भी काफी जरूरी है कि वह सभी अन्य मामलों में अपनी इच्छानुसार हिस्सा लें। लेकिन पढ़ाई पर ध्यान लगाना बहुत ज्यादा जरूरी है। छात्रों की शिक्षण गतिविधियों से जुड़ना चाहिए।


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