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इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने देश भर में स्कूलों को फिर से खोलने पर दिया यह बड़ा बयान, पढ़ें अपडेट

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने मौजूदा COVID-19 स्थिति और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर देश में स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सिफारिशें जारी की हैं। स्कूल फिर से खोलने के संबंध में निर्णय लेने का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 01:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:29 PM (IST)
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने देश भर में स्कूलों को फिर से खोलने पर दिया यह बड़ा बयान, पढ़ें अपडेट
देश के कुछ हिस्सों को छोड़कर अन्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में गिरावट होने के बाद स्कूल खुल गए

देश के कुछ हिस्सों को छोड़कर अन्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में गिरावट होने के बाद स्कूल खोल दिए गए हैं। स्कूलों के साथ-साथ हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और कॉलेजों में फिजिकल मोड में क्लासेज शुरू हो चुकी हैं। इसी बीच इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स देश भर में स्कूल फिर से खोलने पर बड़ा बयान दिया है। एकेडमी ने कहा है कि स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय जिला स्तर पर लिया जाना चाहिए।

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इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने मौजूदा COVID-19 स्थिति और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर देश में स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सिफारिशें जारी की हैं। "स्कूल फिर से खोलने के संबंध में निर्णय लेने का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए। इसे राष्ट्रीय या राज्य स्तर के बजाय स्थानीय स्थिति के अनुसार जिलों (शहर / गांव / स्कूल) के स्तर पर लिया जाना चाहिए।

इसके अलावा एकेडमी के सदस्यों ने कहा कि स्कूलों में कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होना चाहिए। भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी, आईएपी ने भी कहा है कि प्रकोप से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को पर्याप्त रूप से तैयार किया जाना चाहिए। इसके अलावा कोविड​​​​-19 मामलों की हर 15 दिनों में स्थाीनय तौर पर समीक्षा की जानी चाहिए। बाल रोग विशेषज्ञ संघ ने स्थानीय स्तर पर स्कूल को फिर से खोलने के लिए दिशा- निर्देश भी जारी किए हैं। 

आईएपी ने कहा, माता-पिता और छात्रों के अन्य सदस्यों को भी वैक्सीन टीके की कम से कम एक खुराक मिली हो। इसके साथ ही माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए तैयार होना चाहिए और सहमति देनी चाहिए। इसके साथ ही उच्च जोखिम वाले बच्चों को स्कूलों में शामिल होने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञों से परामर्श लेना चाहिए।

आईएपी के अनुसार, स्कूलों में काम करने वाले और उनके साथ निकटता से जुड़े सभी वयस्क सदस्य, जिनमें शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी, सहायक कर्मचारी, ड्राइवर, परिचारक और स्कूल के आगंतुक शामिल हैं, उन्हें कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिलनी चाहिए।


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