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फ्यूचर में युवाओं को नहीं रहेगी जॉब्स की कमी, इन कोर्सों में है जॉब्स के अच्छे चांस

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार अगले 5 से 7 साल में भारत समेत दुनियाभर में नौकरियों का स्वरूप बदल जाएगा। मार्केट में इनकी जगह पर कई नई नौकरियां आ जाएंगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 02:30 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 02:30 PM (IST)
फ्यूचर में युवाओं को नहीं रहेगी जॉब्स की कमी, इन कोर्सों में है जॉब्स के अच्छे चांस
फ्यूचर में युवाओं को नहीं रहेगी जॉब्स की कमी, इन कोर्सों में है जॉब्स के अच्छे चांस

नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले कुछ वर्षों से नई तकनीक पर आधारित नई-नई जॉब्स सामने आ रही हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी मार्केट में वैल्यू बढ़े तो बदलते जमाने के कोर्सेज को जानें और उनमें अपनी रुचि बढ़ाएं। इनसे संबंधित एडवांस कोर्स करने से आपको जल्दी पहचान भी मिलेगी और आगे बढ़ने का बेहतर मौका भी है।

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डाटा एनालिटिक्स/माइनिंग 
सैलरी डॉट कॉम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, डाटा एनालिस्ट नए जमाने की उन टॉप 10 नौकरियों में है, जहां शुरुआत में ही लोगों को लाखों का पैकेज मिलता है। पिछले दो साल में इस क्षेत्र में नौकरियों की संख्या करीब दोगुनी तक बढ़ी है। डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक डाटा एनालिस्ट की मांग में और ज्यादा तेजी आएगी, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा बिजनेस कंपनियों को अपने बिग डाटा बेस में से उपयोगी जानकारी हासिल करने के लिए इन प्रोफेशनल डाटा एनालिस्ट्स की जरूरत होगी। अगर आप अभी से डाटा एनालिस्ट का कोर्स चुनते हैं, तो इसके आधार पर आने वाले दिनों में अच्छी जॉब मिलने का अवसर होगा। हाल के दिनों में आइआइटीज समेत कई निजी विश्वविद्यालयों में डाटा साइंस, डाटा एनालिटिक्स में बीटेक जैसे कोर्स शुरू किए गए हैं, जिन्हें 12वीं के बाद किया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 
रोजमर्रा की जरूरत वाले तमाम उत्पादों और सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का उपयोग बढ़ने से इस स्किल की भी डिमांड बढ़ गई है। गार्टनर की एक रिपोर्ट की मानें, तो 2020 तक एआइ इंजीनियर और एआइ इंटरैक्शन डिजाइनर के रूप में लाखों नौकरियां सामने आने की उम्मीद है। बढ़ती जरूरतों को देखते हुए कई आइआइटी संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नाम से कोर्स ऑफर हो रहा है।

सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग 
पिछले दो-तीन वर्षों से डाटा साइंटिस्ट की तरह ही सॉफ्टवेयर डेवलपर की भी काफी डिमांड देखी जा रही है। जावा, सी++ जैसी स्किल रखने वाले इन प्रोफेशनल्स की इन दिनों गूगल, एपल, फेसबुक सरीखी शीर्ष कंपनियों सहित सभी सॉफ्टवेयर कंपनियों में सबसे ज्यादा मांग है। आप भी 12वीं के बाद कंप्यूटर साइंस में बीटेक करके इस फील्ड में आ सकते हैं। देश की आइआइटी समेत लगभग सभी इंजीनियरिंग संस्थानों में यह कोर्स उपलब्ध है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
इस नई तकनीक का उपयोग फिनटेक (फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी) जैसी वित्तीय लेन-देन वाली कंपनियों और बैंकों में तेजी से बढ़ रहा है। रैंसटैड की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी नौकरियों में करीब 50 फीसदी तक वृद्धि देखी गई है। यही वजह है कि अगले दो से तीन साल में ब्लॉकचेन एनालिस्ट/ब्लॉकचेन डेवलपर के रूप में बड़ी संख्या में नौकरियां सृजित होने की उम्मीद की जा रही है। आइबीएम, टैलेंट स्प्रिंट, कोर्सेरा, उडेमी जैसे संस्थानों में यह कोर्स कराया जा रहा है।

मशीन लर्निंग
एआइ और ब्लॉकचेन की तरह ही मशीन लर्निंग भी एक तेजी से उभरती तकनीक है। इस तकनीक से लैस ऑटोमैटिक मशीनें खुद ही अपना काम कर लेती हैं। इनडीड की मानें, तो आज यह टॉप 10 डिमांडिंग जॉब्स में शुमार है। मशीन लर्निंग में ज्यादातर कोर्स अभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद हैं।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स
आजकल इंटरनेट से संचालित डिवाइसेज का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स ( आइओटी) भी कहते हैं। देश में आइओटी से संबंधित ज्यादातर कोर्स भी अभी ऑनलाइन माध्यम से ही कराए जा रहे हैं।

डिजिटल मार्केटिंग
ऑनलाइन प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल मार्केटिंग में प्रशिक्षित युवाओं की भी डिमांड पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रही है। कई संस्थान डिजिटल मार्केटिंग/सोशल मीडिया मार्केटिंग में डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा से लेकर एग्जीक्यूटिव डिप्लोमा जैसे कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जहां से यह कोर्स ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है।

10+2 के बाद पारंपरिक कोर्सेज 

साइंस स्ट्रीम
साइंस स्ट्रीम (बायोलॉजी व मैथ्स) से 12वीं के बाद मेडिकल एवं इंजीनियरिंग में करियर बनाने को आज भी पहली प्राथमिकता दी जाती है। इस स्ट्रीम से बीएससी और बीएससी ऑनर्स के अलावा स्पेस साइंस, रोबोटिक साइंस, नैनो-टेक्नोलाजी, एस्ट्रो-फिजिक्स, माइक्रो-बायोलॉजी, डेयरी साइंस बायोटेक्नोलॉजी, एनवॉयर्नमेंटल साइंस, फूड साइंस, वाटर साइंस जैसे कई नए विकल्प भी जुड़ गए हैं जिसमें ग्रेजुएशन करके आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।

कॉमर्स स्ट्रीम
कॉमर्स के साथ 12वीं करने के बाद अब सिर्फ सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंसी) या सीएस (कंपनी सेक्रेटरी) के अलावा जीएसटी के आ जाने से अब इनसे जुड़े कई और आकर्षक विकल्प सामने आ गए हैं। इसमें 12वीं के बाद आप बीकॉम या बीकॉम ऑनर्स करने के अलावा बैचलर ऑफ कॉमर्स इन एकाउंटिंग ऐंड फाइनेंस कोर्स करके एकाउंट्स और फाइनेंस में करियर बना सकते हैं।

आट्र्स स्ट्रीम  आट्र्स भी लाजवाब स्ट्रीम है। आट्र्स कोर्सेज के जरिए ही आजकल सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स सिविल सेवाओं में सलेक्ट होते हैं। इसलिए इन विषयों को बिल्कुल भी कमतर न आंकें। अन्य विकल्प: 12वीं के बाद कृषि व लॉ की पढ़ाई का क्रेज भी आजकल खूब है।

जुनून से मिली कामयाबी:

21 साल के अब्दुल्ला खान ने 12वीं तक की पढ़ाई सऊदी अरब में की। उसके बाद मुंबई आ गए, पर जेईई में पर्याप्त अंक न आने से आइआइटी में प्रवेश नहीं मिला। बाद में मुंबई के एक सामान्य से संस्थान एलआर तिवारी इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस से बीई में प्रवेश ले लिया। कैंपस सलेक्शन में इस बार वहां सीएस स्ट्रीम में अधिकतम 10 लाख रुपये का पैकेज मिला है।

हालांकि अब्दुल्ला का मामला थोड़ा अलग है और प्रेरक भी। उन्हें कोडिंग को लेकर दीवानगी है। कोडिंग के इस दीवाने को पिछले साल नवंबर में एक दिन अचानक गूगल के एक अधिकारी की इनवाइट मेल मिली। इसमें लिखा था कि उन्होंने कुछ प्रोग्रामिंग साइट पर उनकी प्रोफाइल देखी है। कई चरणों के साक्षात्कार के बाद उन्हें गूगल के लंदन ऑफिस में फाइनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और हाल ही में उन्हें अप्वाइंटमेंट लेटर भी मिल गया।

 उन्हें बेसिक सैलरी के रूप में 60 हजार पाउंड (करीब 54.5 लाख रुपये), 15 फीसदी बोनस (8.1 लाख रुपये) तथा स्टॉक ऑप्शन के रूप में 85 हजार डॉलर (58.9 लाख रुपये) हर साल के हिसाब से चार साल के लिए मिलेंगे। उनकी सैलरी भारतीय मुद्रा में करीब 1.2 करोड़ रुपये सालाना होगी। इससे क्या निष्कर्ष निकलता है? यही न कि बेशक पढ़ाई करनी चाहिए, पर लकीर का फकीर बनने की बजाय अपने पैशन यानी जुनून को समझकर उसमें डूबने से ही कामयाबी का बहुमूल्य मोती मिलता है।


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