फ्लोरिकल्चर में महकाएं अपना करियर, क्रिएटिव लोगों के लिए यहां है बढ़िया स्कोप
लोग बाकायदा इनकी सेवाएं लेने लगे हैं क्योंकि फ्लोरल डिजानर्स जिस क्रिएटिविटी और खूबसूरती से प्राकृतिक और आर्टिफिशियल फूलों को सजाते हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अब तक शादियों, खास आयोजनों व त्योहारों के मौके पर स्थानीय फूल वाले ही मंडप से लेकर बाकी सजावट करते रहे हैं। लेकिन अब ये काम फ्लोरल डिजाइनर ने संभाल लिया है। लोग बाकायदा इनकी सेवाएं लेने लगे हैं, क्योंकि फ्लोरल डिजानर्स जिस क्रिएटिविटी और खूबसूरती से प्राकृतिक और आर्टिफिशियल फूलों को सजाते हैं, वह हर किसी को आकर्षित कर लेता है। अगर आपमें भी कोई कलात्मक हुनर है, तो इस क्षेत्र में अच्छे मौके हैं...
वेडिंग की तरह भारतीय फ्लोरीकल्चर
इंडस्ट्री भी 30 से 40 पर्सेंट की दर से बढ़ रही है। आइएमएआरसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भारतीय फ्लोरीकल्चर मार्केट 157 बिलियन डॉलर्स के आसपास था, जिसके 2024 तक 472 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। आज पारंपरिक दुकानों के अलावा कई स्टार्ट अप्स इस बिजनेस में प्रवेश कर चुके हैं। जाहिर है, आने वाले दिनों में इसमें नौकरियों की कमी नहीं रहेगी। आप चाहें तो रिटेल फ्लोरिस्ट के तौर पर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। वेडिंग फ्लोरिस्ट, ऑनलाइन फ्लोरल पोर्टल, फ्लोरल एक्सेसरी डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइनर, कॉरपोरेट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर काम कर सकते हैं। वैसे, तो अब तक यह एक गैर-संगठित क्षेत्र रहा है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें बदलाव आ रहा है। वेडिंग प्लानिंग और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में फ्लोरल डिजाइनर्स को बाकायदा पे-रोल पर रखा जाने लगा है।
बेसिक स्किल्स
शायद ही कोई होगा जिसे फूल पसंद नहीं होगा। वरना हर किसी का चेहरा फूलों को देखकर खिल जाता है। वे उसे स्पर्श करने या उसकी खुशबू के लिए आतुर हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप क्रिएटिव हैं, फूल-पौधों की समझ रखते हैं, उन्हें नए शेप्स और कट्स के साथ इनोवेटिव तरीके से डिजाइन और अरेंज कर सकते हैं, तो फ्लोरल डिजाइनिंग अच्छा विकल्प हो सकता है। वैसे, इसमें सफल होने के लिए कड़ी मेहनत, धैर्य, अनुभव के साथ एक्सपोजर भी बेहद जरूरी है।
शैक्षिक योग्यता
फ्लोरल डिजाइनर्स को वैसे तो किसी औपचारिक शिक्षा की जरूरत नहीं है। ज्यादातर लोग काम के दौरान ही इसकी बारीकियों को सीखते हैं। लेकिन आप चाहें, तो निजी संस्थाओं से शॉर्ट टर्म या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।
इसी तरह बेसिक हाईस्कूल एजुकेशन के बाद वोकेशनल स्कूल्स या कम्युनिटी कॉलेज से फ्लोरल डिजाइनिंग कोर्स किया जा सकता है। कुछ कॉलेज व विश्वविद्यालय इसमें स्नातक कोर्स ऑफर करते हैं। आप चाहें, तो आइआइएम से एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट कोर्स कर बिजनेस के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। दरअसल, कोर्स करने से फ्लोरल अरेंजमेंट्स की तकनीक, अलग-अलग ट्रेंड्स, फूलों की वैरायटी आदि के बारे में जान पाते हैं।
प्रमुख संस्थान
मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
वेबसाइट: www.mica.ac.in
इंस्टीट्यूट ऑफ फ्लोरल डिजाइन, मुंबई
वेबसाइट: www.ifdindia.com
कहां हैं संभावनाएं
फ्लोरल डिजाइनर्स फ्लोरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर या ऑर्नामेंटल हॉर्टीकल्चर का कोर्स करते हैं, तो बतौर फ्लोरल डिजाइनर ग्रॉसरी स्टोर्स के फ्लोरल विभाग, फूलों के थोक विक्रेताओं या ऑनलाइन में काम कर सकते हैं।