ऑनलाइन होकर बढ़ाएं कारोबार, होगा कई गुना मुनाफा, जानें कैसे
अब अमेजन फ्लिपकार्ट जैसे अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मस पर अपने उत्पाद को बड़े बाजार तक पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं।
[शालिनी गिरीश]। देश में आज भी लगभग हर शहर में पीढ़ी दर पीढ़ी कारोबार को चलाने-बढ़ाने वाले तमाम परिवार दिख जाएंगे। चाहे वह मिठाई की दुकान हो या फिर हार्डवेयर की। हालांकि बढ़ते ऑनलाइन कारोबार ने इनके लिए भी चुनौती पेश की है। ऐसे में अपने कारोबार को बनाए रखने के साथ-साथ उसे बढ़ाने के लिए इन कारोबारियों को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद लेने की जरूरत बढ़ गई है।
कुछ लोग टेकसेवी बनकर अपने पारिवारिक कारोबार को नई ऊंचाइयां दे भी रहे हैं। यहां जानें कि कैसे डिजिटल टूल्स की मदद से कम खर्च में अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाया जा सकता है...
हमारे देश में करीब 58.5 मिलियन एसएमबी (लघु एवं मध्यम कारोबार) हैं, जो तकरीबन 131 मिलियन लोगों को रोजगार देते हैं। इसके अलावा, भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इनका योगदान करीब 37 प्रतिशत है। डिजिटल क्रांति के बाद से अब इन कारोबारियों के लिए अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के अवसर भी बढ़े हैं। वे अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मस पर अपने उत्पाद को बड़े बाजार तक पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं।
भारत आर्ट्स ऐंड क्रॉफ्ट्स के लिए सीमित उपस्थिति के साथ बाजार में टिकना मुश्किल हो गया था। यहां तक कि उसे ग्राहक भी नहीं मिल रहे थे। उत्पादों को बेचने के लिए बिचौलियों और एजेंटों का सहारा लेना पड़ रहा था, सो अलग। लेकिन चार साल पहले इसके कार्यकारी निदेशक सोहेल परवेज ने अपने उत्पादों की पहचान बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाने की आवश्यकता महसूस की।
इसके बाद उन्होंने ‘गूगल माय बिजनेस एप’ का इस्तेमाल शुरू किया। साथ ही, ‘माय बिजनेस वेबसाइट बिल्डर’ का उपयोग करके वेबसाइट भी विकसित की। इसके बाद पहले जहां महीने में 3-4 ग्राहक ही मिल पाते थे, वहीं अब हर रोज कम से कम 4-5 ग्राहक मिलने लगे हैं। इससे उनके राजस्व में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दूर करें आशंकाएं
ऑनलाइन उपस्थिति बढ़ने से सोहेल अपनी कंपनी भारत आर्ट्स ऐंड क्रॉफ्ट्स को वैश्विक पहचान दिलाने में भी कामयाब हुए हैं। उनके लकड़ी के सुंदर खिलौने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा तक पहुंच चुके हैं। माइक्रोसॉफ्ट भी इनका एक अहम क्लाइंट बन चुका है। इसके अलावा, अमेरिका और यूरोप से ऑर्डर मिल रहे हैं। इन्होंने 500 कारीगरों का एक समूह बनाया है, जो अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं।
गूगल और केपीएमजी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 68 प्रतिशत भारतीय एसएमबी की ऑनलाइन उपस्थिति नहीं है। ईमेल-आइडी भी नहीं है। लगभग 90 प्रतिशत एसएमबी अकेले ही पूरे ऑपरेशन को चला रहे हैं, जबकि देश में इंटरनेट का जाल तेजी से बढ़ रहा है और अधिकतर उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। दरअसल, अभी भी एसएमबी सेक्टर से जुड़े लोगों की कुछ आशंकाएं-धारणाएं हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है। जैसे-कुछ कारोबारियों को लगता है कि डिजिटल होने से उनका खर्च बढ़ जाएगा।
उन्हें यह भी लगता है कि डिजिटल होने के लिए तकनीकी ज्ञान जरूरी है। इसके अलावा, डिजिटल मार्केटिंग के लिए अलग से समय देना होगा। दरअसल, यह सभी संशय निराधार हैं।
टूल्स से लें मदद
आज एसएमबी अपनी ऑनलाइन उपस्थिति बनाने के लिए गूगल के कई मुफ्त उत्पादों का आसानी से उपयोग कर सकते हैं। जैसे ‘गूगल माई बिजनेस’ एक ऐसा ही टूल है, जिससे किसी भी चीज को आसानी से सर्च किया जा सकता है। इससे जुड़कर कोई भी व्यक्ति अपने बिजनेस को लिस्ट भी करा सकता है। इससे जिस किसी को अपने आसपास कोई रेस्टोरेंट या दुकान की तलाश करनी होगी, तो वह मैप या सर्च पर उसे तलाश सकता है। लिस्टिंग में दुकान का नाम, फोटोज, दुकान की दूरी, दिशा आदि सभी की जानकारी मिल जाती है।
लिस्टिंग क्रिएट करना बेहद सरल है और इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लगता। इसी तरह, गूगल माई बिजनेस
पर वेबसाइट नाम से एक फीचर डाला गया है, जिससे आसानी से वेबसाइट भी डेवलप कर सकते हैं।
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