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एंटरप्रेन्‍योरशिप: हिचकिचाहट से निकलें बाहर, अब आपकी बारी है...

कामयाबी आपकी झोली में आने के लिए बेताब है। किसी ने किसी व्यापार से संबंधित विचार और आइडिया आपके पास बिल्कुल तैयार होगा। परिवार का कोई तो सदस्य दोस्त या रिश्तेदार ‘आप स़फल होंगे’ ऐसा विश्वास करता ही होगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 04:56 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 04:56 PM (IST)
एंटरप्रेन्‍योरशिप: हिचकिचाहट से निकलें बाहर, अब आपकी बारी है...
चलो तो... अब आपकी बारी आ गई है।

अजय गुप्‍ता। अगर आपकी उम्र 15 वर्ष से अधिक है, तो चलिए तैयार हो जाइए। अब आपकी बारी आ गई है। जी हां, मैं सही कह रहा हूं। अब आप आत्मनिर्भर हो सकते हैं। हो सकता है कि आप पहली बार में फेल हो जाएं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उम्र के इस पड़ाव पर तो बिल्कुल भी कोई फर्क नहीं पड़ता और फिर एडीसन ने भी तो कहा था कि हर हार आपको सफलता के और ज्‍यादा करीब ले जाती है। संक्षेप में कहूं, तो यहां मेरे कहने का आशय यह है कि अब आप आत्मनिर्भर बनने के लिए अपना व्यवसाय शुरू कीजिए। इन बातों की बिल्कुल भी फिक्र न करें कि आपकी उम्र कम है, व्यवसाय करना नहीं आता, अगर फेल हो गए तो क्या व्यवसाय करेंगे। यकीन मानिए, इन सारे सवालों के ठीक-ठीक जवाब आपके पास हैं और सब ठीक ही होने वाला है।

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हिचकिचाहट से निकलें बाहर : कामयाबी आपकी झोली में आने के लिए बेताब है। किसी ने किसी व्यापार से संबंधित विचार/आइडिया आपके पास बिल्कुल तैयार होगा। परिवार का कोई तो सदस्य, दोस्त या रिश्तेदार ‘आप स़फल होंगे’, ऐसा विश्वास करता ही होगा। इसलिए अपनी हिचकिचाहट छोड़िए। अगर मन में कुछ प्रश्न हैं जिनके जवाब आप अभी तक खोज नहीं पाए हैं, तो उससे भी बाहर निकलिए। कुल मिलाकर, सच कहूं, तो अब आपकी बारी आ गई है दोस्त। व्यापार करना हम भारतीयों के बस में है। हमने ही विश्वभर को व्यापार करना सिखाया था। हां, एक बार गुलामी की जंजीरों ने हमारे दिमाग को जरूर जकड़ लिया था, लेकिन आज का सशक्त भारत आपको बार-बार आमंत्रित कर रहा है कि आओ आत्मनिर्भर बनो, नौकरी मत ढूंढ़ो, दूसरों के लिए नौकरी के अवसर तैयार करो।

स्‍टार्टअप में संभावनाएं अपार : पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप ने अपार संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। व्यापार आप के हाथ में आपके मोबाइल तक चलकर आ गया है। अभी व्यापार करना जितना आसान हो गया है। आज से पहले कभी उतना आसान नहीं था। पूरे देश ने, समाज ने जिस तरह से व्यापार और व्यापारी की बाहें पकड़ी है, उसे देखते हुए मेरे मुंह से तो अनायास यही निकलता है, ‘चलो उठो, हिम्मत करो, कम से कम एक बार कोशिश तो करो और अपना कोई व्यापार शुरू करो।’ सफलता अगले पड़ाव पर आपका इंतजार कर रही है। व्यस्त होने के कारण सफलता अभी आपके द्वार नहीं खटखटा रही है, लेकिन उसके द्वार आपके लिए बंद नहीं हैं। बस, आपको जरा सा धक्का देना है और सफलता के द्वार खुलते ही चले जाएंगे। चलो तो... अब आपकी बारी आ गई है।

अजय गुप्‍ता

टेडेक्‍स स्‍पीकर


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