Education Ministry Meeting 2020: शिक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में शिक्षा मंत्री ने दिए कई निर्देश, पढ़ें डिटेल
Education Ministry Meeting 2020 भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में आज एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। यह जानकारी भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की वेबसाइट पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई है।
Education Ministry Meeting 2020: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' की अध्यक्षता में आज 26 नवंबर, 2020 को एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में सचिव अमित खरे, सचिव अनिता करवाल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह जानकारी भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। बता दें कि बैठक के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने यूजीसी को सभी छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने, फेलोशिप समय पर वितरित करने और इसके लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया है।
वेबसाइट पर जारी विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यूजीसी को सभी छात्रों के विभिन्न शिकायतों का तत्काल निवारण करने का निर्देश दिया है। बैठक में बताया गया कि तकनीकी शिक्षा शुरू करने के लिए एक मौलिक निर्णय लिया गया था, विशेष रूप से मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने वाले इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम अगले शैक्षणिक वर्ष से प्रारंभ किए जाएंगे। कुछ आईआईटी और एनआईटी को इसके लिए शॉर्टलिस्टेड किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के सभी अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सही रूप से कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास और देश में शिक्षा प्रणाली के परिवर्तन को हासिल करना है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) विभिन्न बोर्डों में मौजूदा सिनारियो के मूल्यांकन के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम के साथ आएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि अगले वर्ष परीक्षा का आयोजन कब और कैसे किया जाए, इस पर स्टूडेंट्स, शिक्षकों और अभिभावकों से परामर्श करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के विचार जानने के बाद आगे की योजना तय की जाएगी।