शिक्षा के साथ कोरोना के खिलाफ भी किया जागरूक
कोरोना महामारी के कारण बच्चे घरों में कैद थे और आनलाइन पढ़ाई जारी थी। ऐसे में कोटखाई स्कूल के प्रधानाचार्य अजय वशिष्ठ ने गरीब व मजदूरों के बच्चों को घर-घर जाकर कापियां व किताबें बांटी। उन्होंने शिक्षा के साथ कोरोना के खिलाफ जागरूक करने का जिम्मा भी उठाया था।
शिमला,जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के कारण बच्चे घरों में कैद थे और आनलाइन पढ़ाई जारी थी। ऐसे में कोटखाई स्कूल के प्रधानाचार्य एवं भूगोल प्रवक्ता अजय वशिष्ठ ने गरीब व मजदूरों के बच्चों को घर-घर जाकर कापियां व किताबें बांटी। उन्होंने शिक्षा के साथ कोरोना के खिलाफ जागरूक करने का जिम्मा भी उठाया था। लाकडाउन में बस्तियों में जाकर 1500 साबुन व सैनिटाइजर तथा दो हजार से अधिक मास्क लोगों को बांटे। कोटखाई स्कूल में पढ़ रही आकांक्षा ने कोरोना के कारण पिता को खो दिया था। उन्होंने छात्रा को मोबाइल फोन रिचार्ज करने के लिए तीन हजार रुपये दिए ताकि वह आनलाइन पढ़ाई कर सके। इसके अलावा भविष्य में भी उसकी पढ़ाई के लिए हरसंभव सहयोग देने का जिम्मा उठाया।
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी रह चुके अजय वशिष्ठ के प्रोत्साहन व मार्गदर्शन से संजना कुमारी का चयन सार्क जापान यूथ प्रोग्राम में हुआ। उन्होंने स्वयं, दोस्तों व रिश्तेदारों से संसाधन जुटाकर आर्थिक रूप से कमजोर होनहार छात्रों को विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में जाकर दो वर्ष में करीब डेढ़ लाख रुपये, कापियां, रजिस्टर व ट्रैक सूट उपलब्ध करवाए। इसके अलावा ब्लड कैंसर से पीडि़त दसवीं के छात्र आर्यन श्याम को 2000 रुपये दिए।
बेहतर सेवाएं देने पर हो चुके हैैं सम्मानित
अजय वशिष्ठ चुनाव में लोगों व विद्यार्थियों को मतदान के प्रति जागरूक करने तथा दिव्यांगों व बुजुर्गों की मदद के लिए उत्कृष्ट सेवाएं देने पर उपायुक्त से भी सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार, एशिया प्राइड अवार्ड 2021, हिमाचल प्रदेश सेवा रत्न अवार्ड 2020 मिला है। इसके अलावा कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए भी सम्मानित किए हो चुके हैैं। उन्हें स्टार 2020 कोरोना वारियर्स, एंटी करप्शन फाउंडेशन आफ इंडिया, क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी व मदर टेरेसा फाउंडेशन ने भी सम्मानित किया है। संजौली स्कूल से पदोन्नत होकर वह कोटखाई में प्रधानाचार्य के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
हमेशा किया मार्गदर्शन
संजौली स्कूल में रहे छात्र विकास कुमार ने कहा कि अजय सर ने उनका हमेशा मार्गदर्शन किया है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। चित्रकारी में काफी रुचि होने से स्कूल छोडऩे पर भी उन्होंने कालेज में आर्ट एंड क्राफ्ट में मेरी फीस भरी और आगे बढऩे का रास्ता दिखाया। ऐसा शिक्षक पाकर मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं।
जरूरतमंदों की मदद के लिए रहते हैं तैयार
संजौली स्कूल में रहे छात्र हर्षवर्धन ने बताया कि योग विषय में रुचि होने पर अजय सर ने मुझे सही राह दिखाई। उनके कारण मैं अपने भीतर छुपी प्रतिभा को निखारने का प्रयास कर रहा हूं। वह हमेशा जरूरतमंद छात्रों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। समाज को ऐसे आदर्श शिक्षकों की जरूरत है।