न छोड़ें सपने का पीछा करना: रिन्यूबाय के सीईओ बालचंद्र शेखर
आइआइटी मुंबई एवं आइआइएम कलकत्ता के स्टूडेंट रहे बालचंद्र शेखर ने 20 वर्ष से अधिक एफएमसीजी बैंकिंग एवं इंश्योरेंस सेक्टर में कार्य किया। वह पीएनबी मेटलाइफ के सीएमओ एवं रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस के सीईओ के अलावा एबीएन एम्रो ग्रुप के प्रमुख भी रहे।
आइआइटी मुंबई एवं आइआइएम कलकत्ता के स्टूडेंट रहे बालचंद्र शेखर ने 20 वर्ष से अधिक एफएमसीजी, बैंकिंग एवं इंश्योरेंस सेक्टर में कार्य किया। वह पीएनबी मेटलाइफ के सीएमओ एवं रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस के सीईओ के अलावा एबीएन एम्रो ग्रुप के प्रमुख भी रहे। फिर इन्होंने वर्ष 2015 में अपना वेंचर शुरू करने का निर्णय लिया और नींव पड़ी ‘रिन्यूबाय’ की। अब तक कंपनी ने करीब 200 करोड़ रुपये का फंड रेज किया है, जिससे वे टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के साथ प्रोडक्ट की मार्केटिंग एवं टैलेंट को हायर करेंगे। बालचंद्र के जीवन का एक ही सिद्धांत है, ‘एक ही जिंदगी है, सब कुछ करना है। करना है, तो बस करना है।’
‘रिन्यूबाय’ के सीईओ बालचंद्र बताते हैं कि इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी ने उन्हें हमेशा अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कंपनी शुरू करने से पहले मैंने 15 साल इंश्योरेंस सेक्टर में बिताए। वहां मुङो एहसास हुआ कि मांग एवं आपूíत में कितनी गहरी खाई है। देश में करीब 700 मिलियन ग्राहक हैं, जो इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं, लेकिन उनके पास प्रोडक्ट बेचने वाले काबिल लोग नहीं हैं। मैंने इसी कमी को दूर करने का फैसला लिया। मैं एजेंट्स के साथ-साथ कंज्यूमर्स के लिए एक मार्केट अपॉच्यरुनिटी क्रिएट करना चाहता हूं। ‘रिन्यूबाय’ के जरिये बालचंद्र इंश्योरेंस सेक्टर में डिजिटाइजेशन को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। इन्होंने एजेंट को प्राथमिक रखते हुए टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिससे इसकी खरीद, बिक्री एवं सíवस के तरीके को बदला जा सके। इनकी मानें, तो ये इंश्योरेंस को सरल बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसका फायदा हर कोई उठा सके।
छोटे-बड़े शहरों में मौजूदगी: बालचंद्र ऐसे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर काम कर रहे हैं,जो एक आम भारतीय के लिए सुलभ हो। वह देश के हर शहर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं। इस समय ये 40 हजार से अधिक एजेंट पार्टनर्स की मदद से भारत के कई छोटे-बड़े शहरों में अपनी सíवस उपलब्ध करा रहे हैं। इनके 75 फीसद एजेंट पार्टनर्स टियर 2 एवं 3 सिटीज से आते हैं। वर्ष 2022 तक वह देश के एक हजार से अधिक शहरों के 1 करोड़ ग्राहकों तक पहुंचना चाहते हैं।
कोविड काल में बढ़ा बिजनेस: अपने शुरुआती दौर की चुनौतियों के बारे में बालचंद्र बताते हैं कि लोगों को अपने प्रोडक्ट के बारे में कनविंस करने में मुश्किल आई। लेकिन उन्हें और कंपनी के सह-संस्थापक को अपने विजन पर भरोसा था। कोविड के दौरान जब लोग अपनी सेहत को लेकर अधिक सचेत एवं सावधान हो गए हैं, तो उनमें इंश्योरेंस के प्रति भी जागरूकता आई है। अब से तीन वर्ष पहले तक इन्होंने उतना बिजनेस नहीं किया था, जितना अब कर पा रहे हैं। अपने अब तक के सफर के बारे में बालचंद्र आगे बताते हैं, ‘यह सपने देखते एवं चुनौतियों से संघर्ष करते हुए बीता है। लेकिन हर चुनौती ने मुङो अंदर से मजबूत बनाया है, जिससे मैं अपने सपने को पूरा कर पाया। हां, मेरे विजन को पूरा करने में टीम का पूरा सहयोग मिला है।’
सक्सेस मंत्र
बालचंद्र शेखर
सीईओ, रिन्यूबाय
चुनौतियों के बीच है आगे बढ़ने का मजा
बालचंद्र के जीवन का एक ही मूल मंत्र है, ‘जो करना है, तो बस करना है।’ वह कहते हैं, ‘जब हम कुछ नया शुरू करते हैं, तो चुनौतियां साथ-साथ आती हैं। वे सिक्के के दूसरे पहलू की तरह होती हैं। चुनौती न हो, तो काम का कोई मजा भी नहीं है। हां, मैं मानता हूं कि हरेक के पास एक स्पष्ट विजन होना चाहिए। कभी भी अपने सपने का पीछा करना नहीं छोड़ना चाहिए। हमने दो कमरे में अपना ऑफिस शुरू किया था। पांच साल में हम देश के 600 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।’ अन्य युवाओं को बालचंद्र की यही सलाह है कि अपने सपने पर भरोसा करें। आपने जितना सोचा नहीं होगा, उससे 10 गुना अधिक चुनौतियां एवं बाधाएं आएंगी। लेकिन यह देखना आपकी जिम्मेदारी है कि आप उस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। उसी से सफल उद्यमी बनने का रास्ता साफ होगा।