आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर ने QS World रैंकिंग में संस्थान को टॉप 200 में जगह मिलने पर जताई नाराजगी, पढ़ें पूरी अपडेट
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव (Indian Institute of TechnologyDirector V Ramgopal Rao) ने बुधवार को जारी हुई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में संस्थान को टॉप 200 में रैंकिंग मिलने पर नाराजगी जताई है। आईआईटी डायरेक्टर का कहना है कि हम कठिन मानदंडो में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव (Indian Institute of Technology, IIT Delhi Director V Ramgopal Rao) ने बुधवार को जारी हुई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में संस्थान को टॉप 200 में रैंकिंग मिलने पर नाराजगी जताई है। आईआईटी डायरेक्टर का कहना है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली, जिसे विश्व स्तर पर शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है, वह दुनिया के टॉप 50 शैक्षणिक संस्थानों में स्थान पाने की क्षमता रखता है, लेकिन हाल ही में जारी हुई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 में IIT दिल्ली को 185 वां स्थान दिया गया है।
एएनआई से बात करते हुए, आईआईटी दिल्ली के निदेशक, वी रामगोपाल राव ने कहा, "आईआईटी दिल्ली का रैंक ऊपर गई है, पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा बेहतर रैंकिग मिली है, लेकिन यह वास्तव में मुझे बहुत खुश नहीं करता है। IITs and IIScs के लिए अगर सही मायने में रैंकिंग की जाए तो यह 30 और 40 के बीच होनी चाहिए।
वहीं सीटों की कमी के बारे में बात करते हुए बताया कि IIT दिल्ली में आवेदन करने वाले 500 छात्रों में से केवल एक को ही प्रवेश मिलता है। ऐसे में संस्थान ने कभी भी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को प्रवेश देने के बारे में नहीं सोचा। हालांकि, अगर हम सीटें बढ़ाते हैं, तो हम भारतीय छात्रों को वरीयता देने पर अपना फोकस रखेंगे।
उन्होंने कहा कि रैंकिंग के कई मानदंडों में से एक यह है कि एक संस्थान के पास कितने अंतरराष्ट्रीय छात्र और संकाय हैं? डायरेक्टर राव ने कहा, "हम कठिन मापदंडों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। निदेशक ने सुझाव दिया कि शिक्षा मंत्रालय को रैंकिंग में सुधार के लिए 'स्टडी इन इंडिया' जैसे बड़े अभियान शुरू करने की जरूरत है।
बता दें कि आईआईटी दिल्ली ने अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में 100 में से 1.7 अंक हासिल किए, जबकि अंतरराष्ट्रीय संकाय वर्ग में, शीर्ष संस्थान को 100 में से सिर्फ 1.2 अंक मिले हैं।