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Delhi University: शिक्षकों ने परीक्षा कराने वाले कार्यसमिति गठन का किया विरोध, विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा पत्र

Delhi University डीयू के शिक्षकों का कहना है कि आज के वक्त में ऑनलाइन परीक्षा कराना एक बेहतर विकल्प नहीं है इससे छात्रों का नुकसान होगा।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 11:37 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 11:44 AM (IST)
Delhi University: शिक्षकों ने परीक्षा कराने वाले कार्यसमिति गठन का किया विरोध, विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा पत्र
Delhi University: शिक्षकों ने परीक्षा कराने वाले कार्यसमिति गठन का किया विरोध, विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा पत्र

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के शिक्षकों ने कुलपति की तरफ से परीक्षा कराने के संबंध में कार्यसमूह समिति गठन का विरोध किया है। शिक्षकों ने इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में शिक्षकों ने कुलपति योगेश के त्यागी द्वारा परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लेने के लिए 15 सदस्यीय कार्यसमूह समिति का गठन करने का विरोध किया है। शिक्षकों का कहना है कि यूजीसी के नियमों के अनुसार दिल्ली यूनिवर्सिटी को पहले परीक्षा आयोजित करने के लिए नियमों और विनियमन का पालन करना चाहिए। 

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इस संबंध में एकेडिमक काउंसिल के पूर्व सदस्य डॉ पंकज गर्ग ने कहा आज के वक्त में ऑनलाइन परीक्षा कराना एक बेहतर विकल्प नहीं है। इससे छात्रों का नुकसान होगा। डॉ पंकज ने बताया कि लॉकडाउन के समय में स्टूडेंट्स आनन-फानन में अपने घरों को लौट गए हैं। इस वक्त उनके पास अपने नोट्स और एजुकेशन मैटेरियल नहीं है। ऐसे में उन्हें परीक्षा देना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा जैसा कि सभी जानते हैं कि करीब 45 फीसदी स्टूडेंट्स अन्य राज्यों से हैं। इन राज्यों में इंटरनेट की एक्सेसिबिलिटी उनमें से ज्यादातर के लिए एक बड़ी समस्या है। ऐसी परिस्थतियों में ऑनलाइन परीक्षा कराना एक गलत फैसला हो सकता है।

शिक्षकों ने यह भी कहा कि कई फाइनल ईयर के तमाम छात्रों ने हॉयर एजुकेशन के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन किया है तो ऐसे स्टूडेंट्स का रिजल्ट यूनिवर्सिटी को लेट नहीं करना चाहिए। ऐसे छात्रों के लिए बेहतर है कि विश्वविद्यालय को पिछले पांच सेमेस्टर के ग्रेड (सीजीपीए) के आधार पर उनके परिणाम घोषित कर देना चाहिए। इसके अलावा पहले और दूसरे वर्ष के छात्र सेमेस्टर में अपनी परीक्षा दे सकते हैं।

बता दें कि डूटा पहले भी ऑनलाइन परीक्षाएं कराने पर विरोध जता चुका है। डूटा का कहना है कि डीयू एक बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी है। यहां हर वर्ग के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ऐसे में यहां ऑनलाइन परीक्षा कराना संभव नहीं है, क्योंकि डीयू के पास न तो बुनियादी ढांचा है और न क्षमता। इसके अलावा इस तरह से स्टूडेंट का भी सही मूल्यांकन नहीं हो पाएगा। यह माध्यम केवल छात्रों को व्यस्त रखने के लिए एक व्यवस्था है। लेकिन ऑनलाइन परीक्षा कराना संभव नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑनलाइन परीक्षा कराने के फैसले को ज्यादातर डीन्स इसे व्यावहारिक रूप से असंगत' बता रहे हैं।


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