दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा- ऑनलाइन एजुकेशन स्कूल का विकल्प नहीं है
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा स्कूली शिक्षा का विकल्प नहीं है। यह सिर्फ सीखने की प्रक्रिया को आगे जारी रखने का बस एक माध्यम है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा स्कूली शिक्षा का विकल्प नहीं है। यह सिर्फ सीखने की प्रक्रिया को आगे जारी रखने का बस एक माध्यम है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने यह बात एक सरकारी स्कूल से शिक्षकों के चर्चा के दौरान कही। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, मैं समझता हूं कि ऑनलाइन माध्यम बच्चों के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है, लेकिन अभी हमारा मकसद सीखने की प्रक्रिया को बस चालू रखना है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण छात्रों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि स्कूल आते समय एक बच्चे को जिस तरह का एक्सपोजर और ग्रोथ मिलता है, उसकी भरपाई ऑनलाइन माध्यम से नहीं की जा सकती। हमारा मकसद छात्रों को होने वाले नुकसान की मात्रा को कम करना है। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा फिलहाल समय की जरूरत है। लेकिन हां अगर दिल्ली के 16 लाख छात्रों के साथ अभिभावक और शिक्षक प्रार्थना करना शुरू करेंगे, तो हमें यकीन है कि जल्द ही हम अपने स्कूलों को फिर से खोल पाएंगे। वहीं इस चर्चा के दौरान अभिभावकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पैरेंट्स मीटिंग आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि वे भी शिक्षकों के साथ अपनी चिंताओं को साझा कर सकें।
देश भर में COVID-19 महामारी के कारण मार्च में विश्वविद्यालयों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद से देश में कई चरणों को लॉकडाउन हुआ। फिलहाल अनलॉक 2 चल रहा है। लेकिन अभी तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया है। हालांकि इसकी भरपाई के लिए ऑनलाइन एजुकेशन का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन इन कक्षाओं में भी इंटरनेट कनेक्टविटी एक चुनौती बना हुआ है। हर जगह बेहतर कनेक्टविटी नहीं होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं में मुश्किलें हो रही हैं। वहीं कोविड-19 संक्रमण की वजह से बोर्ड सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं पहले स्थगित कर दी गई थीं।