एडमिशन से पहले जरूरी है काउंसलिंग, सही कॉलेज चुनने में नहीं होगी दिक्कत
अपनी रुचियों को पहचान कर कदम बढ़ाएं। इस स्थिति में काउंसलिंग भी उपयोगी साबित हो सकती है।
नई दिल्ली [विनीत टंडन]। अप्रैल से लेकर जुलाई माह तक देश में एडमिशन का मौसम माना जाता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), आइसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन) समेत विभिन्न राज्यों में बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं संपन्न होने वाली हैं। छात्र अप्रैल तक बोर्ड परीक्षा के दबाव से मुक्त हो चुके होते हैं और भविष्य की कार्ययोजना का विकल्प बना रहे होते हैंं। वैसे, इनमें से कुछ छात्र अपने करियर को लेकर बिल्कुल स्पष्ट होते हैं कि उन्हें कौन से पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना है। लेकिन बड़ी संख्या में छात्रों को अपने आगे के करियर और पढ़ाई के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यदि आप भी इन सवालों के जवाब ढूंढ़ रहे हैं, तो यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपके काफी काम आ सकते हैं...
अपनी रुचियों को जानें
जब आप अपनी बारहवीं पूरी करते हैं, तब तक आपको अपनी ताकत और करियर के हितों की समझ हो चुकी होती है। उदाहरण के लिए, आपने मानविकी के साथ बारहवीं की है, तो पूरी संभावना है कि इसी स्ट्रीम में आप आगे भी अपना करियर बढ़ाएंगे। ऐसा नहीं है कि बारहवीं के बाद आप एप्लीकेशन डेवलपमेंट में करियर बनाएंगे। इसलिए जरूरी है कि अपनी रुचियों को पहचान कर कदम बढ़ाएं। इस स्थिति में काउंसलिंग भी उपयोगी साबित हो सकती है।
सही कॉलेज/ काउंसलर की पहचान
आपने बैंकिंग उद्योग में केवाइसी मानदंडों के बारे में जरूर सुना होगा- जिसका अर्थ है अपने ग्राहक को जानें।अप्रैल माह से आप समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, रेडियो चैनलों और यहां तक कि सोशल मीडिया में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से प्रवेश सूचनाएं प्राप्त करेंगे। अधिकांश छात्रों के साथ संपर्क करने के लिए विभिन्न प्रवेश मेलों, परामर्श सत्रों का भी आयोजन किया जाता है। मेरी सिफारिश है कि अपने कॉलेज/काउंसलर को जानना ज्यादा बेहतर रहेगा। इसी तरह, किसी भी प्रवेश मेले या परामर्श सत्र के लिए जाने से पहले उसका हर विवरण पढ़ें। प्रवेश के दौरान भी सभी जानकारियां हासिल करें।
अपना होमवर्क करें
अगर आपको लगता है कि स्कूल खत्म हो गया है और आप आकस्मिक रूप से प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जा सकते हैं, तो संभावना है कि आप गलतियां करेंगे जो आपके जीवन पर असर डाल सकती हैं। काउंसलिंग सत्र में केवल इसलिए न जाएं, क्योंकि आपको एक संदेश या एक कॉल प्राप्त हुआ है या आपका कोई मित्र जा रहा है। सुझाव यह है कि वहां पूरी तैयारी के साथ जाएं, उन सवालों की एक सूची तैयार करें जो आप काउंसलर एवं कॉलेज के अधिकारियों से पूछ सकते हैं।
सभी सूचनाओं को जांचें
जब आप कई काउंसलिंग सत्रों में भाग ले चुके होते हैं, तो काउंसलर या संस्था के ब्रांड नाम पर कोई फैसला न करें। जब तक आप अपनी संतुष्टि के लिए सभी जानकारियों को फिर से जांच और फिर से सत्यापित नहीं कर लें, तब तक उस पर आंख मूंद कर विश्वास करना ठीक नहीं रहेगा।
संभावनाओं का मूल्यांकन
जो भी आपके भविष्य की कार्रवाई का मूल्यांकन करता है, हमेशा भविष्य की संभावनाओं के पूर्वानुमान के साथ निर्णय का मूल्यांकन भी करना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक प्रतिष्ठित कॉलेज के कम लोकप्रिय पाठ्यक्रम में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसकी कम लोकप्रियता का कोई न कोई कारण होगा। इसलिए निर्णय लेने से पहले भविष्य में उत्पन्न होने वाली संभावनाओं का मूल्यांकन अवश्य करें।