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IAS बनने के लिए जरूरी नहीं कोचिंग, सेल्फ स्टडी से भी हासिल हो सकता है मुकाम

आइएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के जरिए चुने जाते हैं।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 03:32 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 03:32 PM (IST)
IAS बनने के लिए जरूरी नहीं कोचिंग, सेल्फ स्टडी से भी हासिल हो सकता है मुकाम
IAS बनने के लिए जरूरी नहीं कोचिंग, सेल्फ स्टडी से भी हासिल हो सकता है मुकाम

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय प्रशासनिक सेवा यानि IAS देश की प्रतिष्ठित सेवा है। देश की सेवा करने का जज्बा रखने वाले हर 10 में से 8 छात्रों की चाहत होती है कि वह IAS बनकर देश की सेवा करे। भारतीय प्रशासनिक सेवा जितनी ही आकर्षक जॉब है उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी है। यही कारण है कि IAS एग्जाम की तैयारी के लिए तमाम कोचिंग सेंटर भी देशभर में खुले हैं। ऐसा नहीं है कि किसी कोचिंग सेंटर से कोचिंग लिए बिना आप IAS नहीं बन सकते। आप घर बैठे खुद ही पढ़ाई करके भी IAS बन सकते हैं। इस बारे में पाठकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर जानें दैनिक जागरण के काउंसलर अरुण श्रीवास्तव से...

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प्रश्न - क्या IAS सिलेबस के बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं? हिस्ट्री, जनरल नॉलेज, करेंट अफेयर्स पर मेरी अच्छी पकड़ है, पर कोचिंग मार्गदर्शन न हो पाने के कारण अच्छी तैयारी नहीं हो पाती। कृपया मार्गदर्शन करें। 
उत्तर -  IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के जरिए चुने जाते हैं। इस परीक्षा का पूरा सिलेबस आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। जहां तक कोचिंग मार्गदर्शन की बात है, तो ऐसा कोई जरूरी नहीं है। आप सेल्फ स्टडी से भी इस परीक्षा की अच्छी तैयारी कर सकते हैं। हां, इसके लिए आपको इस परीक्षा के पाठ्यक्रम पर अच्छी पकड़ बनाते हुए प्रश्नों को हल करने का अधिक से अधिक अभ्यास भी करना होगा।

मुख्य परीक्षा के लिए भी उत्तर लिखने का अभ्यास कर सकते हैं और किसी वरिष्ठ या जानकार अध्यापक को दिखाकर उस पर उनकी राय ले सकते हैं। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के पिछले कुछ वर्षों को प्रश्नों को देखकर आप इस परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति को समझते हुए उसी के अनुसार अपनी तैयारी कर सकते हैं।

बेहतर होगा कि आप एनसीईआरटी की बारहवीं तक की पुस्तकों और सीमित मात्रा में अन्य संदर्भ पुस्तकों, पत्रिकाओं, अखबारों आदि की सहायता से फोकस्ड स्टडी का फार्मूला अपनाएं। अगर थोड़े टेकसेवी हैं या हो जाते हैं, तो ऑनलाइन भी भरपूर स्टडी मैटीरियल और टॉपर्स के टिप्स उपलब्ध हैं। इनका भी आप फायदा उठा सकते हैं।

प्रश्न - मैं बीए द्वीतीय वर्ष का छात्र हूं। सरकारी नौकरी की तैयारी करना चाहता हूं। क्या मुझे अभी से तैयारी शुरू करनी चाहिए? या फिर अपने पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान देना चाहिए? - आकाश राय

उत्तर -  फिलहाल आपको सबसे ज्यादा ध्यान तो अपने वर्तमान पाठ्यक्रम पर ही देना चाहिए, ताकि इससे संबंधित विषयों पर आपकी गहरी पकड़ बन सके और फिर उनमें आप अच्छा प्रदर्शन भी कर सकें। इसका फायदा आपको प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में भी जरूर मिलेगा। हां, अगर बीए करने के दौरान अपने समय का समुचित प्रबंधन कर सकें, तो अपनी पसंद की सरकारी नौकरियों से संबंधित प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए नियमित रूप से कुछ समय निकाल सकते हैं इससे बुनियादी रूप से खुद को मजबूत बना सकेंगे।

प्रश्न - मैं 11वीं की स्टूडेंट हूं। मैंने इसी साल 10वीं पास किया है, जिसमें मेरे 81 फीसदी अंक आए हैं। मैंने साइंस स्ट्रीम लेने और नीट की तैयारी करने का निर्णय लिया है। मैं एक इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेकर कर रही हूं। आपके हिसाब से मुझे कितना समय अपनी पढ़ाई पर देना चाहिए और किस तरह से पूरे सिलेबस को कवर करने के लिए विषयों का चुनाव करना चाहिए? - जान्हवी राय

उत्तर -  अगर आप अपनी पसंद की स्ट्रीम और विषयों का चयन करते हैं, तो उसे पढ़ना आपको हमेशा अच्छा लगेगा। हां, पढ़ने में अच्छा होने और कहलाने का मतलब यह कतई नहीं है कि आप हर समय किताबें ही लेकर बैठी रहें। टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई उतनी देर करें, जब तक कि आपका उसमें मन रम रहा हो। जब थकान लगने लगे या ब्रेक लेने की जरूरत महसूस होने लगे, तो जबर्दस्ती स्टडी से चिपके न रहें। कुछ समय अपनी पसंद का खेल खेलने, टीवी देखने या अन्य गतिविधियों को देने के बाद फिर पढ़ाई का सेशन रख सकती हैं। अगर आप नीट की तैयारी करती हैं, तो बेहतर होगा कि उसके सिलेबस को अच्छी तरह समझ लें और उसके अनुसार ही तैयारी की स्ट्रेटेजी बनाएं। यह भी सुनिश्चित कर लें कि सिलेबस का कोई हिस्सा छूटे नहीं। इसके जिस खंड में खुद को कमजोर पाएं, उससे बचने की बजाय उसमें खुद को मजबूत बनाने का प्रयास करें। ध्यान रखें ऐसी कोई भी कमजोरी नहीं, जिस पर जीत न हासिल की जा सके।


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