Civil Services Day 2020: कोविड-19 से लड़ते हुए देश मना रहा है सिविल सेवा दिवस, जाने क्यों कहा जाता है भारत का स्टील फ्रेम
केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों एवं संगठनों में कार्यरत प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Civil Services Day 2020: हर साल 21 अप्रैल को मनाया जाने वाला सिविल सेवा दिवस को कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच इस वर्ष भी पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कोरोना वारियर्स के रूप में सिविल सेवकों की अहम भूमिका को सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ आम जनता द्वारा नमन किया जा रहा है।
भारत सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल ‘मायगॉवइंडिया’ से जहां सिविल सेवकों को कोरोना वारियर्स के रूप में प्रदर्शित किया गया है, वहीं इस महामारी से लड़ रहे सिविल सेवकों की कोरोना से लड़ने में निभाई जा रही अहम भूमिका को लेकर की गयी स्टोरीज को हैश-टैग #CivilServicesFightCOVID19 से टैग करने की अपील भी की गयी है।
क्यों मनाया जाता है सिविल सेवा दिवस?
केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों एवं संगठनों में कार्यरत प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने और उनके अच्छे कार्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर लोक प्रशासन से जुड़े अच्छे कार्यों को करने वाले ऑफिसर या संगठन को सामूहिक रूप से पुरस्कृत भी किया जाता है।
वर्ष 1947 में 21 अप्रैल को संसद के गृह सदस्य सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं के उद्घाटन के समय दिल्ली के मेटकाफ हाउस में भाषण के दौरान इसे ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया’ के नाम से संबोधित किया गया था।
भारतीय सिविल सेवा प्रशासक सरकार के लोक प्रशासन से सभी सम्बन्धित जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। हालांकि, इसमें विधायी, न्यायपालिका और मिलिट्री से सम्बन्धित पद नहीं आते हैं।
पीएम अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन
सिविल सेवा दिवस पर लोक प्रशासन से जुड़े केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत सभी अधिकारियों का सम्मान किया जाता है। साथ ही, वर्ष 2006 से इस दिवस पर यानि 21 अप्रैल को ‘पीएम अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन’ का वितरण भी किया जाता रहा है। यह अवार्ड तीन अलग-अलग कटेगरी में वैयक्तिक या सामूहिक रूप दिया जाता है। जिसमें एक पुरस्कार वैयक्तिक रूप से, दो सामूहिक रूप से और दो संगठन के तौर पर दिया जाता है।
पीएम अवार्ड के तौर पर मेडल स्क्रॉल और एक लाख रुपये का पारितोषित दिया जाता है। हालांकि, यदि पुरस्कार सामूहिक रूप से दिया जाता है तो यह राशि पांच लाख रुपये होती है, जिसमें किसी भी ऑफिसर को एक लाख से अधिक की राशि नहीं दी जाती है।