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कलस्टर बनाकर करवाई बच्चों को पढ़ाई, राष्ट्र स्तर तक सराहना पाई

कुफ्टू के शिक्षक डा. संजय के कार्यों की केंद्र ने खूब सराहना की है। शिक्षक पर्व पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित वेबिनार में डा. संजय ने बताया कि कई छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे और नेटवर्क की भी दिक्कत थीवहां बच्चों को कलस्टर बनाकर पढ़ाया।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 09:41 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 09:41 PM (IST)
कलस्टर बनाकर करवाई बच्चों को पढ़ाई, राष्ट्र स्तर तक सराहना पाई
कुफ्टू के शिक्षक डा. संजय ने कोरोना काल में कलस्टर बनाकर बच्चों को पढ़ाया। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला कुफ्टू (सोलन) के शिक्षक डा. संजय के कार्यों की केंद्र ने खूब सराहना की है। शिक्षक पर्व पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित वेबिनार में डा. संजय ने बताया कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में कई छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे और नेटवर्क की भी दिक्कत थी। आनलाइन पढ़ाई के लिए खुद गैजेट और साफ्टवेयर खरीदने पड़े। नया फोन, ट्राईपोड व माइक भी खरीदा। आनलाइन पढ़ाई के लिए उन्हें पहला वीडियो बनाने में 12 घंटे लगे। छोटे बच्चों के लिए वीडियो इस तरह बनाना पड़ा ताकि वे इसे देखकर पढ़ सकें। यह तब की बात है जब हर घर पाठशाला कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ था। उन्होंने अपने स्तर पर इस तरह की पहल की थी। उन्होंने खुद गांव में जाकर बच्चों के अभिभावकों को इसके बारे में बताया।

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डा. संजय ने बताया कि देशभर में लाकडाउन लगा तो वह सोलन के दावंटी स्कूल में सेवारत थे। स्कूल में आधे बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे। उन्होंने अभिभावकों से बात कर उनके कलस्टर बनाए। आस पड़ोस में रहने वाले पांच-छह बच्चों को एक जगह पर बुलाकर क्लास लगाने की पहल की। सबसे बड़ी चुनौती पहली कक्षा के बच्चों को पढ़ाने की थी। कक्षा में तो उन्हें पढ़ा सकते हैं लेकिन आनलाइन कैसे पढ़ाना है, कैसे पूरी क्लास को एक स्थान पर बिठाकर रखें, यह चुनौती थी। वीडियो, माइक आन व आफ करना बच्चों को तो दूर अभिभावकों को भी नहीं आता था। इन सभी चुनौतियों को पार कर आनलाइन कक्षाएं शुरू करवाई। हर घर पाठशाला कार्यक्रम के लिए बनाए स्टेट रिसोर्स ग्रुप में भी वे शामिल हैं। बच्चों के लिए वीडियो लैसन तैयार किए जाते हैं। रोजाना आठ लाख बच्चे इससे जुड़ते हैं। अब बच्चे खुद जूम एप व गुगल मीट पर कक्षाएं लगाते हैं।

यह दिए सुझाव

उन्होंने शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षण व वीडियो लैसन तैयार करने के लिए गैजेट व साफ्टवेयर देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि आनलाइन पढ़ाई भविष्य में भी बच्चों के लिए मददगार साबित होगी। इसके लिए प्रशिक्षण जारी रखना चाहिए।

बेहतर तरीके से किया चुनौतिपूर्ण कार्य

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में सचिव स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग अनिता कारवाल ने डा. संजय व हिमाचल शिक्षा विभाग की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि चुनौतिपूर्ण कार्य को भी बेहतर तरीके से किया गया है। उन्होंने अन्य राज्यों के शिक्षकों को भी हिमाचल के पैट्रन को देखने का सुझाव दिया।


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