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School Reopening: प्रश्न जिनके जवाब नहीं मिलते स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्कूलों को खोलने के निर्देशों से

School Reopening छोटे स्कूल जिनके पास पंखे तक नहीं हैं वे SOPs के तहत 24 से 30 डिग्री का तापमान और 40 से 70 फीसद आर्द्रता कैसे सुनिश्चित कर पाएंगे?

By Rishi SonwalEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 10:27 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 11:21 AM (IST)
School Reopening: प्रश्न जिनके जवाब नहीं मिलते स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्कूलों को खोलने के निर्देशों से
School Reopening: प्रश्न जिनके जवाब नहीं मिलते स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्कूलों को खोलने के निर्देशों से

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। School Reopening: देश भर में चल रही अनलॉक की चरणबद्ध प्रक्रिया के अंतर्गत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को कोविड-19 माहमारी के दौरान आंशिक रूप से खोले जाने को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) मंगलवार, 8 सितंबर 2020 को जारी किया गया। मंत्रालय ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों से अपेक्षा की है कि वे इन एसओपी का पालन करते हुए स्कूलों में 9वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के छात्रों के लिए स्वैच्छिक आधार पर खोलने की अनुमति दें। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को 21 सितंबर 2020 से लागू किया जाना है और इसके बारे अधिक विवरण यहां देखें

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केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी पूरे देश के स्कूलों पर लागू होंगे और इनका पालन करते हुए स्कूलों को खोला जा सकता है। हालांकि, कंटेनमेंट एरिया में स्थित स्कूलों पर ये नियम लागू नहीं होंगे और वे बंद ही रहेंगे। सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के बीच स्कूलों को खोलने की अनुमति स्कूलों में परीक्षाओं को आयोजित करने से हुई दिक्कतों और उसके बाद अब नये शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कक्षाओं के ऑनलाइन आयोजन आ रही दिक्कतों को देखते स्कूलों की सीनियर कक्षाओं के लिए जारी किये गये हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों को उनके शिक्षकों से सिलेबस और चैप्टर के प्रश्नों के लिए गाइडेंस लेने के लिए फिजिकल इंटेरैक्शन को सुलभ करना है। हालांकि, महामारी की वर्तमान स्थिति और रूके हुए शैक्षणिक कार्यों को देखते हुए कई प्रश्नों को उत्तर इन स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर से नहीं मिलते हैं। जाहिर है कि जिनके चलते छात्रों और अभिभावकों से लेकर शिक्षकों और स्कूलों के प्रबंधन को दुविधा ही रहेगी। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रश्नों को:-

10 प्रश्न जिनके जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय के SOPs नहीं देते

प्रश्न संख्या 1: स्कूलों को बंद करने के निर्देश तक दिये गये जब देश में कोविड-19 संक्रमण 300 से भी कम मामले थे और खोलने की अनुमित, भले ही आंशिक रूप से, तब दी गयी जबकि मामलों की संख्या 30 लाख से भी अधिक है। ऐसी स्थिति में क्या सिर्फ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर से छात्रों में संक्रमण बढ़ने की संभावना नहीं है?

प्रश्न संख्या 2: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कई दिशा-निर्देश पहले भी जारी किये गये थे। क्या उन सभी परीक्षाओं के दौरान एसओपी का पालन उम्मीदवारों और परीक्षा केंद्रों द्वारा किया गया? इसी प्रकार, स्कूलों की स्थिति में भी, जो कि उन परीक्षाओं के लिए भी केंद्र रहे होंगे, क्या बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए जरूरी सावधानियों को सुनिश्चित कर पाएंगे?

प्रश्न संख्या 3: विश्वविद्यालय (यूपी, पीजी, आदि) स्तर के छात्रों और टीन-एज छात्रों में इम्यूनिटी का स्तर अलग-अलग हो सकता है, ऐसी स्थिति में एसओपी के प्रावधानों से ही क्या इन छात्रों में सक्रमण रोका जा सकेगा?

प्रश्न संख्या 4: नगरीय हो या ग्रामीण इलाके, सभी स्कूलों के सभी छात्र स्कूलों द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले ट्रांसपोर्ट से स्कूल नहीं जाते या उनके पैरेंट्स द्वारा ड्राप नहीं किये जाते हैं। कई छात्र सार्वजनिक यातायात साधनों से स्कूल जाते हैं, ऐसी स्थिति में इन छात्रों को स्कूल तक पहुंचने में क्या दिक्कतें नहीं आएंगी? साथ ही, सार्वजनिक यातायात साधनों में क्या उन्हें संक्रमण का खतरा नहीं होगा?

प्रश्न संख्या 5: भले ही स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का स्कूलों की फीस से जुड़े मुद्दों से लेना-देना नहीं है, लेकिन वे इससे,  जुड़े जरूरी हैं। देश भर के स्कूलों को सम्बन्धित राज्यों की सरकारों द्वारा सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी गयी है। अब जबकि स्कूलों को, भले ही आंशिक रूप से खोला जाएगा, तो क्या उन्हें पूरी फीस वसूलने की अनुमति दे गयी है या वे कम से कम इन कक्षाओं (9वीं से 12वीं तक) के छात्रों से पूरी फीस वसूलेगें?

प्रश्न संख्या 6: यही स्थिति स्कूलों द्वारा लिये जाने वाले ट्रांसपोर्ट फीस को लेकर भी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एसओपी के अनुसार यदि छात्रों को स्कूल के बस या अन्य वाहन से लाया जाता है तो उसमें भी सामाजिक दूरी और अन्य नियमों का पालन जरूरी है। इस अर्थ है कि स्कूल अपने वाहन से छात्रों को पिक-ड्राप कर सकते हैं, ऐसी स्थिति में क्या स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस चार्ज करना शुरू कर देंगे?

प्रश्न संख्या 7: देश भर में सभी स्कूल, विशेषकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में, कई ऐसे स्कूल हैं जिनके परिसर इतने बड़े भी नहीं हैं कि वे 50 फीसदी टीचिंग एवं नॉन-टीचिंग स्टाफ की मौजूदगी के साथ-साथ 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की उपस्थिति में सामाजिक दूरी (6 फीट और 4 वर्ग मीटर फ्लोर एरिया) के नियमों का पालन संभव हो पाएगा?

प्रश्न संख्या 8: कई छोटे स्कूलों में कक्षाओं में पंखे तक नहीं होते हैं, वहां एसओपी के तहत 24 से 30 डिग्री का तापमान और 40 से 70 फीसद आर्द्रता कैसे सुनिश्चित हो पाएगी?

प्रश्न संख्या 9: एसओपी के अनुसार जहां भी संभव हो आरोग्य सेतु ऐप का प्रयोग होना चाहिए। क्या इसका अर्थ है कि स्कूलों में छात्रों को मोबाइल/स्मार्टफोन ले जाने की अनुमति दे दी गयी है?

प्रश्न संख्या 10: जो छात्र-छात्राएं आंशिक रूप से खोले जा रहे स्कूलों में स्वैच्छिक रूप से आयोजित होने वाले टीचर इंटेरैक्शन में सम्मिलित नहीं हो पाते हैं, तो क्या उनके लिए टीचर्स ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान उऩ्हीं गाइडेंस को रीपिट करेंगे, ताकि सभी छात्र-छात्राओं को उनके विभिन्न विषयों के सभी टीचर्स की पूरी और एक-बराबर गाइडेंस मिल सके?

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