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CBSE Syllabus: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने जारी किया नया पाठ्यक्रम, इस्लाम का उदय और मुगल साम्राज्य सहित कई अध्याय हटाए

बोर्ड ने 12वीं की किताब से पाषाणकाल में पृथ्वी पर मनुष्य का उद्भव और विकास औद्योगिक क्रांति को पाठ्यक्रम से हटाया गया है। इसमें इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति के कारण और प्रभाव साम्राज्यवाद को कैसे बढ़ावा मिला आदि बिंदु शामिल थे।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 04:32 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 06:40 AM (IST)
CBSE Syllabus: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने जारी किया नया पाठ्यक्रम, इस्लाम का उदय और मुगल साम्राज्य सहित कई अध्याय हटाए
सीबीएसई ने जारी किया नया पाठ्यक्रम (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2022--23 के नौवीं से बारहवीं तक के कई विषषयों के पाठ्यक्रम से कई पाठ को हटा दिया है। इस सत्र की के लिए सीबीएसई ने वेबसाइट पर नया पाठ्यक्रम अपलोड कर दिया है। नौवीं में काव्यखंड से चंद्रकात देवताले का पाठ यमराज की दिशा और गद्य खंड से हजारी प्रसाद द्विवेदी का पाठ एक कुत्ता और एक मैना और विद्यासागर नौटियाल का माटी पाठ हटा दिया गया।

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सीबीएसई ने जारी किया नया पाठ्यक्रम

ग्यारहवीं के इतिहास की किताब से इस्लाम का उदय और बारहवीं की किताब से मुगल साम्राज्य हटा दिया गया है। सीबीएसई से तय प्रारूप के अनुसार, दसवीं कक्षा के राजनीति विज्ञान की किताब से अध्याय चार में जाति, धर्म और लैंगिग मामले में उदाहरण के तौर पर दी गई फैज अहमद फैज की शायरी भी हटा दी गई है। 11वीं की विश्व इतिहास के नामक किताब से सेंट्रल इस्लामिक लैंड अध्याय को हटाया गया है। इस अध्याय में विद्यार्थियों को इस्लाम का उदय और विकास, सातवीं से बारहवीं सदी के बीच इस्लाम के विस्तार के बारे में जानकारी दी गई थी। इसी तरह 12वीं कक्षा के इतिहास से नौंवे अध्याय से मुगल साम्राज्य को हटाया गया। इन अध्यायों की पढ़ाई नए शैक्षिक सत्र से नहीं होगी। बोर्ड की नई व्यवस्था एक साथ पूरे देश में लागू की गई है।

औद्योगिक क्रांति विभाजन भी हटाया

बोर्ड ने 12वीं की किताब से पाषाणकाल में पृथ्वी पर मनुष्य का उद्भव और विकास, औद्योगिक क्रांति को पाठ्यक्रम से हटाया गया है। इसमें इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति के कारण और प्रभाव, साम्राज्यवाद को कैसे बढ़ावा मिला आदि बिंदु शामिल थे।

हिंदी से कई महत्वपूर्ण पाठ हटाए गए

हिंदी की शिक्षिका मीना जैन का कहना है कि हिंदी में 12वीं कक्षा से नमक पाठ को हटाया गया है। इस पाठ में भारत-पाक विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ के विस्थापितों के पुनर्वास के कारण लोगों के दिलों को टटोलती मार्मिक कहानी थी। इसके अलावा एन फ्रैंक की डायरी के पन्ने को भी हटा दिया गया है। दसवीं से सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का मानवीय करणा की दिव्य चमक, जार्ज पंचम की नाक, ऋतुराज का कन्यादान पाठ को भी हटा दिया गया है। इतिहास की शिक्षका श्रीजा रवि का कहना है कि 11वीं से सेंट्रल इस्लामिक लैंड और मुगल साम्राज्य के पाठ को हटाया गया, लेकिन रोमन सम्राज्य को नहीं हटाया गया है। इसके अलावा अन्य पाठ भी हटाए गए हैं।


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