BSEB 10th Matric result 2019: CM नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट है टॉपर्स की फैक्ट्री सिमुलतला स्कूल
सिमुलतला आवासीय विद्यालय बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह स्कूल पिछले कुछ सालों से जैसा रिजल्ट दे रहा है वह वाकई मिसाल है।
पटना [जागरण स्पेशल]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) की 10वीं मैट्रिक परीक्षा के नतीजे बेशक उम्मीद के अनुरूप नहीं हैं। बोर्ड ने 95 फीसदी तक की उम्मीद लगा रखी थी, जबकि 80.73 फीसदी से थोड़े ही अधिक छात्र पास हुए हैं। हालांकि, एक चीज जरूर उम्मीद के अनुरूप है, वह है राज्य के सिमुलतला आवासीय विद्यालय का प्रदर्शन। पास होने वाले 13,20,036 विद्यार्थियों में टॉप पांच इसी स्कूल के हैं।
छठे नंबर पर बेतिया का एक छात्र है और फिर सातवें नंबर पर सिमुलतला के ही दो छात्र हैं। इसी तरह आठवें और नौंवें नंबर पर भी यहीं के छात्र हैं। इसी तरह अंक प्रतिशत के अनुसार टॉप 10 में आने वाले 18 छात्रों में 16 सिमुलतला के हैं। ऐसे में इस विद्यालय की सफलता की कहानी जानना दिलचस्प हो जाता है -
नीतीश के सपनों से निकला है यह स्कूल
सिमुलतला आवासीय विद्यालय बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। नेतरहाट विद्यालय कभी बिहार की शान हुआ करता था, लेकिन झारखंड के बिहार से अलग होने के बाद यह स्कूल भी बिहार से बाहर चला गया। यही समय था, जब नीतीश कुमार के जेहन में नेतरहाट की तर्ज पर बिहार में एक स्कूल का सपना जागा। इसी सपने को उन्होंने जमुई जिले के सिमुलतला में साल 2010 में इस विद्यालय की स्थापना के साथ आकार दिया।
सिमुलतला स्कूल अंग्रेजी मीडियम है, जबकि नेतरहाट हिंदी मीडियम है और शहरी माता-पिता अपने बच्चों को वहां भेजने से बच रहे हैं। शायद यही कारण से कि पिछले कुछ वर्षों में नेतरहाट का वो जलवा नहीं रहा, जो पहले कभी हुआ करता था।
2015 से शानदार रिजल्ट मिलने शुरू हुए
स्थापना के पांच साल बाद 2015 से इस स्कूल ने शानदार रिजल्ट देने शुरू कर दिए। इस साल 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अंक फीसद के अनुसार टॉप 10 में आने वाले 31 छात्रों में 30 इसी स्कूल के थे। 2015 से इस स्कूल ने रिजल्ट के मामले में अपने झंडे गाड़ दिए।
2015 की मैट्रिक परीक्षा में टॉप 10 में आने वाले 31 बच्चों में 30 बच्चे यहीं से थे। इसी तरह 2016 में टॉप 10 में इस स्कूल के 46 बच्चे शामिल थे। साल 2017 में इस स्कूल के छात्र राज्य में दूसरे तीसरे टॉपर रहे थे और 12 लोगों ने टॉप 10 में जगह बनाई थी। 2018 में टॉप 23 से से 16 छात्र इसी स्कूल के थे।
कब और कैसे होता है नामांकन यहां?
इस स्कूल के नामांकन की प्रक्रिया बेहद कठिन है। यहां कक्षा 6 में छात्रों का नामांकन होता है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर टेस्ट होता है, जिसका संचालन बिहार बोर्ड खुद करता है। नामांकन में उन सभी मानकों का ख्याल रखा जाता है, जो पढ़ाई और व्यक्तित्व निर्माण दोनों के लिए जरूरी हैं।
सुबह 4.30 बजे शुरू होती है दिनचर्या
इस स्कूल में छात्रों की दिनचर्या सुबह 4.30 बजे से ही शुरू हो जाती है और रात 10 बजे वे बिस्तर में चले जाते हैं। पढ़ाई के साथ ही छात्रों को व्यायाम, योग आदि की भी शिक्षा दी जाती है। उन्हें सेल्फ स्टडी के फायदे भी बताए जाते हैं, ताकि उनके अंदर जिम्मेदारी का अहसास गहराए। उनकी अधिकांश पुस्तकें एनसीआरटी की होती हैं। यहां छठी कक्षा से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है।
कैसे होता है इसका संचालन
सिमुलतला एजुकेशन सोसायटी इस स्कूल का संचालन करती है। इसकी फंडिंग राज्य सरकार द्वारा की जाती है। इससे जुड़ी कमेटियों में बिहार के एजुकेशन मिनिस्टिर से लेकर जिले के डीएम तक सभी आला लोग होते हैं। जिस तरह नेतरहाट पहाड़ियों के बीच बसा है, उसी तरह सिमुलतला भी चारों तरफ घने जंगल से घिरे पहाड़ियों पर बसा है।