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पढ़ाई के साथ-साथ इन युवाओं ने किया यह बेहतरीन काम, पढ़े पूरी स्टोरी

पढ़ाई करते-करते समाज के सरोकारों से जुड़े युवाओं ने समाज को जागरूक करने के लिए सिर्फ बैनर-पट्टियों का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि पहले खुद करके दिखाया तब लोगों के लिए प्रेरणा बने।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 06:21 PM (IST)
पढ़ाई के साथ-साथ इन युवाओं ने किया यह बेहतरीन काम, पढ़े पूरी स्टोरी
पढ़ाई के साथ-साथ इन युवाओं ने किया यह बेहतरीन काम, पढ़े पूरी स्टोरी

नई दिल्ली [मनु त्यागी]। पढ़ाई करते-करते समाज के सरोकारों से जुड़े युवाओं ने समाज को जागरूक करने के लिए सिर्फ बैनर-पट्टियों का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि पहले खुद करके दिखाया तब लोगों के लिए प्रेरणा बने। इन युवाओं को तकलीफ होती है लोगों को दूषित पानी पीता देख, झीलों को मरता देख, बढ़ते दवाओं के दामों के कारण गरीब को लाइलाज होता देख।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के छात्र इनेक्टस समूह के माध्यम से ऐसे ही सामाजिक सरोकारों में भागीदारी निभा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में कड़कडडूमा, आनंद पर्वत, सीमापुरी, साहिबाबाद, हापुड़ में जहां झुग्गी इलाके हैं वहां अरोग्य प्रोजेक्ट के जरिए इन युवाओं ने फार्मेसी खोली है, जहां सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं।

अब गरीब इन दवाओं तक कैसे पहुंचे वो कौन सी दवा ले, इसके लिए बकायदा इन छात्रों ने ट्रेंड फार्मासिस्ट बैठाए हैं। इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं इशिता बताती हैं कि इसमें हमारे ही साथी होते हैं जिन्हें इमरजेंसी मेडिकल ट्रेनर कहते हैं। उनके जरिए इंटरनेट से दिल्ली के डॉक्टर्स से मरीज को कनेक्ट कराया जाता है। डॉक्टर वीडियो कॉल के माध्यम से मरीज को देखते हैं।

यह दिल्ली के बड़े अस्पतालों के डॉक्टर हैं और ये भी मरीजों से किसी तरह की फीस नहीं लेते हैं। इस प्रक्रिया में हर दिन 30 के करीब मरीजों को इलाज मिल पा रहा है। लगभग एक साल पहले शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के माध्यम से लोगों को मौसमी बीमारियों और गंभीर बीमारियों से इतर सभी बीमारियों का परामर्श दिया जा रहा है। युवाओं की टोली जब दिल्ली-एनसीआर में यमुना खादर क्षेत्र में स्वच्छता अभियान के साथ पहुंचती है तो टीम को आसपास के लोगों का भी साथ मिलता है। टीम ने बताया, पानी का संयोजन, साफ पानी, यमुना किनारे इलाकों की सफाई हम प्रोजेक्ट नीर के माध्यम से करते हैं। इसी में मटका फिल्टर, वाटर एटीएम दो प्रोजेक्ट भी हैं। इसमें वाटर एटीएम वाला हम जनाजल के माध्यम से कर रहे हैं। यह व्यवस्था दिल्ली-एनसीआर के झुग्गी इलाकों में की गई है।

उन लोगों को इसके माध्यम से साफ पानी तो मिल जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल करना नहीं जानते है इसके लिए इन वाटर एटीएम में पर जरूरतमंद, दिव्यांग लोगों को रोजगार दिया गया है उन्हें महीने के वेतन के अलावा वाटर एटीएम में जो पैसा आता है वो भी मिलता है।

वाटर एटीएम से बहुत कम कीमत पर झुग्गी वालों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा मटका फिल्टर है। इसे भी झुग्गी इलाकों में लगाया गया है। यह फिल्टर कुम्हार कॉलोनी वालों से मटका खरीदकर उसके माध्यम से हम लोगों ने खुद तैयार किया है। अभी यह दिल्ली के कुछ ही झुग्गी इलाकों में लगाया गया है। इसे मटके में चारकोल और बैंबू लगाकर तैयार किया गया है।

तीन मटको से बने एक फिल्टर में 60 लीटर तक पानी आ जाता है। हम झुग्गियों में कठपुतली कॉलोनी, यमुना खादर, आनंद पर्वत के आसपास ये फिल्टर लगाए गए हैं। इसे लगाने का झुग्गी वालों से कुछ पैसा भी लिया जाता है जो कि कुम्हार कॉलोनी वालों को मटके की कीमत के तौर पर दे दिया जाता है।

यमुना खादर इलाकों में सफाई के अनुभव पर इशिता बताती हैं कि अब तो दो तीन साल में रामजस कॉलेज का सामाजिक सरोकारों से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाला समूह बहुत बढ़ चुका है कॉलेज में नया बैच आता है तो वो छात्र भी जुड़ जाते हैं। जब हम यमुना के आसपास सफाई के लिए जाते हैं तो आसपास के लोग भी इसमें शिरकत करते हैं। प्रत्येक सप्ताह में हम वहां सफाई करते हैं और नगर निगम की गाड़ी आकर सारा कचरा उठाकर ले जाती है।


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