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खालिस्तानियों का उत्पात, भारत के लिए सख्‍ती दिखाने का समय

पहले लंदन सैन फ्रांसिस्को में हुई घटनाओं पर भारत ने ब्रिटेन अमेरिका के समक्ष अपना विरोध व्यक्त किया फिर कनाडा सरकार से। भारत ने यह कहकर बिल्कुल सही किया कि खालिस्तानियों के उत्पात पर केवल निंदा करने से बात बनने वाली नहीं है उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Praveen Prasad SinghPublished: Sun, 26 Mar 2023 11:37 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2023 11:37 PM (IST)
खालिस्तानियों का उत्पात, भारत के लिए सख्‍ती दिखाने का समय
ऐसे तत्वों को कनाडा सरकार का संरक्षण मिल रहा है, इसलिए भारत को सख्ती दिखानी होगी।

भगोड़े अमृतपाल के साथियों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई को लेकर ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका में खालिस्तानी समर्थक जिस तरह भारत के राजनयिक ठिकानों पर उत्पात मचा रहे हैं, वह किसी सोची-समझी साजिश का परिणाम ही जान पड़ता है। एक तो यह स्पष्ट है कि इन सिरफिरे खालिस्तान समर्थकों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है और दूसरे, यह भी दिख रहा है कि ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका की सरकारें उनके खिलाफ वैसी कार्रवाई नहीं कर रही हैं, जैसी आवश्यक और अपेक्षित है। यही कारण है कि भारत को इन देशों से अपनी आपत्ति जतानी पड़ रही है।

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पहले लंदन, सैन फ्रांसिस्को में हुई घटनाओं पर भारत ने ब्रिटेन, अमेरिका के समक्ष अपना विरोध व्यक्त किया, फिर कनाडा सरकार से। भारत ने यह कहकर बिल्कुल सही किया कि खालिस्तानियों के उत्पात पर केवल निंदा करने से बात बनने वाली नहीं है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन देशों की सरकारें वास्तव में ऐसा करें, क्योंकि भले ही मुट्ठी भर खालिस्तानी समर्थक उत्पात मचाते हों, लेकिन वे माहौल खराब करने का काम करते हैं।

अच्छी बात यह है कि उनकी पागलपन भरी हरकतों को भारत का सिख समाज अस्वीकार कर रहा है। ऐसा लगता है कि विदेश में सक्रिय खालिस्तानी इसलिए खिसियाए हुए हैं कि भारत के सिख उनकी फूहड़ गतिविधियों को कोई भाव नहीं दे रहे हैं। भारत और विशेष रूप से पंजाब के सिखों ने अपने संयत व्यवहार से विदेश में सक्रिय खालिस्तानियों के इरादों पर पानी फेरने का जो काम किया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है।

भारत सरकार को एक ओर जहां यह सुनिश्चित करना होगा कि कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका आदि की सरकारें अपने यहां के खालिस्तानियों को उत्पात मचाने और भारत के विरुद्ध नफरत फैलाने से रोकें, वहीं यह भी देखना होगा कि पाकिस्तान इन भारत विरोधी तत्वों को उकसाने से बाज आए। इसमें कोई संशय नहीं कि विभिन्न देशों में सक्रिय खालिस्तान समर्थक पाकिस्तान के इशारों पर उपद्रव कर रहे हैं। वे पाकिस्तान की गोद में बैठे हैं, इसका पता इससे चलता है कि खालिस्तान की उनकी अवधारणा में पाकिस्तान का कहीं कोई जिक्र नहीं होता। वह यह दिखाने का नाटक भी करते हैं कि उन्हें यह पता ही नहीं कि ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब कहां पर स्थित हैं? वे पाकिस्तान में सिखों के साथ हुए बुरे बर्ताव की भी जानबूझकर अनदेखी करते हैं।

इससे विचित्र और कुछ नहीं कि पाकिस्तान खालिस्तान के नाम पर उन्हें दिवास्वप्न दिखा रहा है और वे खुशी-खुशी उसे देख भी रहे हैं। यह दिवास्वप्न देखने और दिखाने का काम कनाडा के वे कुछ सिख नेता भी कर रहे हैं, जिन्हें पंजाब की जमीनी हकीकत का कुछ ज्ञान नहीं। चूंकि ऐसे तत्वों को कनाडा सरकार का संरक्षण मिल रहा है, इसलिए भारत को सख्ती दिखानी होगी।


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